गोरखपुर एम्स में अव्यवस्था: जबरदस्ती बेड पर लिटा दिया, तब शुरू हुआ उपचार
गोरखपुर जिले में सहजनवां की 58 वर्षीय प्रभावती देवी को मंगलवार को पति हरिलाल लेकर गोरखपुर एम्स की इमरजेंसी में पहुंचे थे। यहां बेड खाली न होने की बात कहते हुए प्रभावती को रेफर कर दिया गया। हालांकि उस समय इमरजेंसी में तकरीबन 16 रोगी भर्ती थे। हरि लाल ने जनप्रतिनिधियों से भी जुगाड़ लगाया लेकिन किसी ने नहीं सुना।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर में इमरजेंसी की व्यवस्था कुछ दिन ठीक रहने के बाद फिर पटरी से उतर गई है। बुधवार को महिला रोगी को लेकर स्वजन पहुंचे तो भर्ती करने से इन्कार कर दिया गया।
स्वजन ने हंगामा करते हुए मरीज को जबरदस्ती बेड पर लिटा दिया तब डाक्टरों ने उपचार किया। मरीज की हालत में सुधार है। दूसरी तरफ एक युवती को ओपीडी से भर्ती होने के लिए भेजे जाने के बाद भी इमरजेंसी में नहीं भर्ती किया गया। पिता उसे लेकर जिला अस्पताल चले गए।
वहां युवती को भर्ती कर उपचार किया जा रहा है। यह स्थिति तब है जब कार्यकारी निदेशक व मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रो. गोपाल कृष्ण पाल खुद ही एम्स परिसर में मौजूद हैं और व्यवस्था को सुधारने के लिए लगातार निरीक्षण कर डाक्टरों को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
सहजनवां की 58 वर्षीय प्रभावती देवी को मंगलवार को पति हरिलाल लेकर एम्स की इमरजेंसी में पहुंचे थे। यहां बेड खाली न होने की बात कहते हुए प्रभावती को रेफर कर दिया गया। हालांकि उस समय इमरजेंसी में तकरीबन 16 रोगी भर्ती थे। हरिलाल ने जनप्रतिनिधियों से भी जुगाड़ लगाया लेकिन किसी ने नहीं सुना।
इस प्रकरण को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। बुधवार को प्रभावती को लेकर उनके एक रिश्तेदार फिर एम्स की इमरजेंसी में पहुंचे। यहां फिर बताया गया कि बेड खाली नहीं है। इस पर इमरजेंसी के कर्मचारियों और स्वजन में विवाद शुरू हो गया।
स्वजन ने हंगामा शुरू कर दिया और प्रभावती को ले जाकर बेड पर लिटा दिया। कर्मचारियों ने एम्स थाना पुलिस को सूचना दी तो पुलिसकर्मी भी इमरजेंसी में पहुंच गए। फिर पूरा प्रकरण चिकित्सा अधीक्षक के संज्ञान में ले आया गया। उनके निर्देश के बाद पुलिस की मौजूदगी में महिला का उपचार शुरू हुआ।
ओपीडी से भर्ती के लिए भेजा, डांटकर भगायाखोराबार क्षेत्र के एक गांव की 19 वर्षीय युवती की बुधवार सुबह तबियत अचानक खराब हो गई। उसका शरीर कांप रहा था और उल्टी हो रही थी। पिता युवती को लेकर दोपहर 1:30 बजे एम्स की इमरजेंसी में पहुंचे। यहां थोड़ी देर भर्ती करने के बाद ओपीडी में जाने को कह दिया गया।मेडिसिन विभाग की ओपीडी में दोपहर बाद 3:15 बजे युवती को दिखाने के बाद जूनियर डाक्टर ने बताया कि इमरजेंसी में भर्ती कर इंजेक्शन लगाना पड़ेगा। उन्होंने इमरजेंसी में फोन भी कर दिया। स्वजन इमरजेंसी में लेकर गए तो आरोप है कि युवती को दुबारा देखकर कर्मचारी नाराज हो गए और दूसरे अस्पताल लेकर जाने को कहा दिया।
पिता ने पर्चे पर रेफर लिखने को कहा तो आरोप है कि कर्मचारियों ने दुर्व्यवहार शुरू कर दिया और पर्चा फेंक दिया। बेटी को लेकर वह जिला अस्पताल चला गया। वहां उसे भर्ती कर उपचार किया जा रहा है।
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