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Chhath Puja 2022: अस्ताचल सूर्य की आभा में चटख हुए आस्था के रंग, तस्वीरों में देखें गोरखपुर में छठ की छटा

Chhath Puja 2022 गोरखपुर में रविवार को अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य देने के लिए नदी तालाब और कालोनी में बनाए गए छोटे छोटे अस्थाई जलाशयों में जल सैलाब उमड़ आया। लोगों ने श्रद्धा के साथ डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Mon, 31 Oct 2022 12:25 AM (IST)
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Chhath 2022: गोरखपुर में अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य देतीं महिलाएं। - जागरण
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। जीवन प्रदान करने वाले आलोक के देवता सूर्य को समर्पित लोक व प्रकृति का महापर्व छठ रविवार को परंपरागत रूप से आस्था व श्रद्धा के साथ मनाया गया। संध्या को सूर्य नारायण जब अपनी किरणें समेटकर दूर क्षितिज में ओझल होने लगे तो जलाशयों पर उपस्थित हजारों व्रतियों ने उन्हें आस्था का अर्घ्य अर्पित किया। दोपहर बाद से ही घाटों पर बैठे वे इसी क्षण की प्रतीक्षा कर रहे थे। हाथों में दीप व सूपेली में प्रसाद लिए खड़े व्रतियों के चेहरे पर श्रद्धा दमक रही थी। जयघोष गूंज रहा था। बच्चों ने पटाखे जलाकर खुशी मनाई। उत्सव व उल्लास का माहौल था।

दो साल बाद मना छठ

कोरोना संक्रमण के कारण दो वर्ष बाद धूमधाम से छठ पर्व मनाया गया तो जलशयों पर पूर्व वर्षों की अपेक्षा कई गुना व्रती पहुंचे। राप्ती तट राजघाट पर स्थिति यह थी कि नदी के किनारे आठ पंक्तियों में श्रद्धालुओं को बैठना पड़ा। सायं चार बजे के पहुंचने वालों को वहां जगह नहीं मिली तो वे सीढ़ी के ऊपर फर्श पर बैठकर पूजा किए। नदी के किनारे लगभग पांच सौ मीटर के दायरे में केवल श्रद्धालु नजर आ रहे थे।

जलाशयों पर उमड़ा आस्था का सैलाब, व्रतियों ने अर्पित किया अर्घ्य

इसके अलावा गोरखनाथ, सूर्यकुंड धाम, रामगढ़ ताल, महेसरा ताल समेत अनेक स्थायी व अस्थाई पोखरों पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा था। निर्जल व्रत रहने के बाद भी उनके चेहरे पर भक्ति की ऊर्जा प्रवाहित हो रही थी। महिलाएं मंगल गीत गाते हुए नंगे पांव नदी घाटों तक गईं।

बैंड बाजा के साथ निकले लोग

अनेक परिवार बैंड बाजा के साथ आए थे। वेदी पर दीप जलाए, पूजन सामग्री चढ़ाए। सूर्यास्त होने के समय हजारों कंठों से प्रार्थनाएं फूट पड़ीं। व्रतियों ने अर्घ्य अर्पित कर कामना की कि हे सूर्य नारायण! अगले वर्ष मुझे पुन: व्रत रहने का मौका देना। घाटों पर प्रकाश व सुरक्षा की व्यवस्था थी। मेले का दृश्य था। अधिकारियों ने पटाखे न जलाने की अपील की थी। बावजूद इसके बच्चे अपनी खुशी रोक नहीं पाए। उन्होंने पटाखे व फुलझड़ियां जलाकर खुशी मनाई।

तीन व्रती लेटकर पहुंचे घाट

मुजफ्फरपुर के मूल निवासी सोनेलाल बिन यहां कूड़ाघाट में रहते हैं। 10 साल पहले उनकी तबीयत गंभीर रूप से खराब हो गई थी। उन्होंने छठ माता से मनौती मानी कि वह ठीक हो जाएंगे तो पांच साल तक छठ पर्व पर लेटते हुए घाट तक जाएंगे। उनकी तबीयत ठीक हो गई। उनकी मनौती के पांच साल पूरे हो चुके हैं, बावजूद इसके वह लेटकर ही घाट पर जाते हैं। ऐसा करते उन्हें 10 वर्ष हो गए। देवरिया के मूल निवासी रामाश्रय पांडेय यहां रुस्तमपुर में रहते हैं। 25 वर्ष से वह हर साल लेटकर ही घाट तक जाते हैं। इस दौरान वह बोलते नहीं हैं। उनके बेटे ने बताया कि कोई मनौती नहीं थी, श्रद्धावश ऐसा करते हैं। तुर्कमानपुर की बेबी वर्मा पहली बार लेटकर छठ घाट तक गईं। उन्होंने छठ माता से मनौती मानी है। मनौती के बारे में उन्होंने बताने से मना कर दिया।

दोपहर बाद घर से निकलने लगे व्रती

व्रती दोपहर बाद घरों से निकलने लगे। समूह में महिलाएं मंगल गीत गाते हुए पैदल नंगे पांव चल रही थीं। स्वजन सिर पर पूजा सामग्री लिए चल रहे थे। बैंड बाजे की धुन गूंज रही थी। माहौल भक्ति से ओतप्रोत था।

श्रद्धा की केंद्र रहीं छठ माता की मूर्तियां

राजघाट, रामगढ़ ताल कूड़ाघाट, मोहद्दीपुर सहित अनेक स्थानों पर छठ माता की मूर्तियां स्थापित की गई हैं। व्रतियों ने सूर्य आराधना के बाद छठ माता का दर्शन-पूजन किया।

बच्चों ने लिया झूले का मजा

राप्ती तट राजघाट पर मेला लगा था। खान-पान की दुकानों के अलावा खिलानौं व गुब्बारों की दुकानें भी सजी थीं। छोटे झूले व मिक्की माउस लगाया गया था। बच्चों ने भरपूर आनंद लिया।

सुरक्षा के थे भरपूर इंतजाम

श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन ने भरपूर इंतजाम किया था। एनडीआरएफ की टीम स्टीमर से श्रद्धालुओं पर नजर रख रही थी। नदी के किनारे पानी में कुछ दूरी पर बांस-बल्ली लगाकर जाली व कपड़े लगा दिए गए थे, ताकि श्रद्धालु गहरे पानी में न जा सकें।

श्रद्धालुओं की मदद के लिए सक्रिय रहीं समितियां

श्रद्धालुओं की मदद के लिए नगर निगम, छठ पूजा सेवा समिति व गुरु गोरक्षनाथ आरती समिति ने शिविर लगाया था। अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के सदस्य भी श्रद्धालुओं की मदद कर रहे थे।

महापौर ने की भगवान सूर्य की आराधना

महापौर सीताराम जायसवाल अपने परवािर के साथ राप्ती तट राजघाट पहुंचे। उन्होंने भगवान सूर्य को अपनी आस्था व श्रद्धा अर्पित की। साथ ही छठ माता की पूजा की। इस अवसर पर उनकी पत्नी देवमुन्ना देवी, अनिल जायसवाल, संजय जायसवाल, अजय जायसवाल, डा. मनोज जायसवाल, नीलू जायसवाल, प्रीति जायसवाल, मीना जायसवाल, कविता जायसवाल, डा. सिम्पी जायसवाल आदि उपस्थित थीं।

महापौर के अलावा डीएम कृष्णा करुणेश, एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर, एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई, नगर आयुक्त अविनाश कुमार सिंह समेत अनेक अधिकारी राप्ती तट राजघाट पहुंचे। सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण करते हुए उन्होंने आवश्यक निर्देश दिए।

स्वास्थ्य विभाग ने लगाया शिविर

स्वास्थ्य विभाग ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए राप्ती तट राजघाट, गोरखनाथ मंदिर, मानसरोवर, रामगढ़ ताल पर स्वास्थ्य शिविर लगाया। राजघाट पर शिविर का उद्घाटन जनपद न्यायाधीश तेज प्रताप तिवारी ने किया। उन्होंने डेंगू से बचाव के लिए प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर उन्होंने रवाना किया। इस अवसर पर सीएमओ डा. आशुतोष कुमार दूबे भी उपस्थित थे।

भीड़ व जाम को नियंत्रित करने के लिए चार पहिया वाहन हर्बर्ट बांध पर ही रोक दिए गए थे। दो पहिया वाहन घाट तक गए। वहां पार्किंग व्यवस्था अच्छी थी। पुलिस कर्मी वाहनों को लाइन से लगवा रहे थे।

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