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Chhath Puja 2023: नहाय-खाय के साथ आज से महापर्व छठ शुरू, खरना कल; घर से लेकर बाजार तक चहल-पहल

गोरखपुर में छठ पर्व को लेकर भक्तों में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है। घर से बाजार व घाटों तक चलह- पहल है। व्रती नहाय-खाय के दिन यानी आज नाखून काटने के बाद स्नान करेंगे। इसके बाद भोजन के रूप में कद्दू-भात बनाया जाएगा। इसमें शुद्ध घी का प्रयोग किया जाएगा। इसी दिन से बाजारों में खरीदारी शुरू हो जाएगी। पंचमी के दिन शनिवार को खरना है।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Fri, 17 Nov 2023 09:45 AM (IST)
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नहाय-खाय के साथ आज से महापर्व छठ शुरू। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। भगवान सूर्य की उपासना के लोकपर्व छठ को लेकर उत्सव व उल्लास का वातावरण है। घर से लेकर घाट व बाजार तक में चहल-पहल बढ़ गई है। प्रकृति को समर्पित इस पर्व की शुरुआत कार्तिक शुक्ल पक्ष चतुर्थी के दिन शुक्रवार यानी आज से नहाय-खाय के साथ होगी। तैयारी तेज हो गई है। छठ गीत वातावरण में गूंज रहे थे। माहौल भक्ति से ओतप्रोत है।

व्रती नहाय-खाय के दिन नाखून काटने के बाद स्नान करेंगे। इसके बाद भोजन के रूप में कद्दू-भात बनाया जाएगा। इसमें शुद्ध घी का प्रयोग किया जाएगा। इसी दिन से बाजारों में खरीदारी शुरू हो जाएगी। पंचमी के दिन शनिवार को खरना है। इस दिन व्रती आंशिक उपवास रहेंगे। दिन में व्रत रहने के उपरांत शाम को स्वच्छता से धुले स्थान पर चूल्हे को स्थापित कर अक्षत, धूप, दीप व सिंदूर से उसकी पूजा करेंगे।

तत्पश्चात प्रसाद के लिए रखे हुए आटे से रसियाव-रोटी बनाई जाएगी। चौके में ही खरना किया जाएगा। इसी के साथ छठ व्रत शुरू हो जाएगा जो सोमवार को उदयकालीन सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पूर्ण होगा। रोटियां बनाने के बाद बचे हुए आटे से एक छोटी सी रोटी बनाकर रख लिया जाएगा, जिसे ओठगन कहते हैं। सोमवार को इसी रोटी को खाकर व्रत तोड़े जाने की परंपरा है।

जेल में 30 महिला बंदी करेंगी छठ पूजा

जिला कारागार में महिला बंदियों ने छठ पूजा के लिए तैयारी शुरू कर दी है। सूचना मिलने के बाद जेल प्रशासन संसाधन मुहैया कराने में जुट गया है। व्रत रखने वालीं 30 महिला बंदियों के लिए परिसर में वेदी बनाई जाएगी। गुरुवार को पूजा-पाठ के लिए इन्हें सामग्री उपलब्ध कराई गई। जेल अधीक्षक दिलीप पांडेय ने बताया कि छठ पूजा करने वाली वाली महिला बंदियों को व्यापारी नेता पुष्पदंत जैन ने पूजा सामग्री उपलब्ध कराई। परिसर में ऐसे स्थान पर गड्ढा खोदकर पानी भरा जा रहा है जहां डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जा सके।