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नॉनवेज के शौकीनों के लिए बड़ी खबर, सावन की विदाई के साथ महंगा हुआ चिकन-मटन; जानें- गोरखपुर में कितना बढ़ा भाव

Chicken And Mutton Price In Gorakhpur सावन की विदाई के साथ चिकन- मटन के भाव भी बढ़ गए। चिकन विक्रेताओं का कहना है कि सावन में मीट बाजार सूना पड़ जाता है। इसकी वजह से मटन व चिकन की कीमत में गिरावट आ जाती है लेकिन सावन खत्म होने के बाद ग्राहकों की संख्या के साथ ही इनके भाव में भी बढ़ोत्तरी होती है।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Fri, 01 Sep 2023 11:20 AM (IST)
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भादो आते ही दूना हो गया मटन- चिकन का भाव। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

गोरखपुर, प्रभात कुमार पाठक। Chicken And Mutton Price In Gorakhpur: सावन की विदाई के साथ ही मटन व चिकन के भाव बढ़ गए हैं। दो माह तक कारोबार मंदा रहने के बाद अचानक मांग बढ़ने से कीमत में उछाल आई है। इसके साथ ही अंडे में भी तेजी आई है। माह भीतर जो अंडा 125 रुपये ट्रे बिक रहा था वह फिर से 180 रुपये पहुंच गया है।

सावन में सूना पड़ जाता है मीट बाजार

मटन कारोबारी मो. मुमताज ने बताया कि सावन में मीट बाजार सूना पड़ जाता है। इसकी वजह से मटन व चिकन की कीमत में गिरावट आ जाती है। दो माह बाद सावन खत्म हुआ है। ऐसे में एक बार फिर से मांग बढ़ेगी, जिससे कीमतों में अचानक तेजी आई है। सावन में 350 रुपये प्रति किलो बिकने वाला मटन दो दिनों में 600 रुपये पहुंच गया है। चिकन विक्रेता विक्की ने बताया कि 120-140 रुपये प्रति किलो वाले चिकन में भी 100 से 120 रुपये की तेजी आई है और कीमत दो दिन के अंदर 240-260 रुपये पहुंच गई है। थोक अंडा कारोबारी जावेद अहमद ने बताया कि जिले में स्थानीय पोल्ट्री फार्म के अलावा ज्यादातर अंडे की आपूर्ति हरियाणा से होती है। सावन में मांग घटने से 180-200 रुपये प्रति ट्रे बिकने वाला अंडा 125 रुपये में बिक रहा था। अब फिर कीमत 180 रुपये प्रति ट्रे पहुंच गई है।

आज से रेस्तरां व ढाबों पर बढ़ेगी भीड़

सावन खत्म होने के साथ शुक्रवार से शहर के सभी रेस्तरां और ढाबों पर लोगों की भीड़ उमड़ेगी। असुरन स्थित एक रेस्तरां संचालक अजय गुप्ता ने बताया कि सावन के चलते 70 प्रतिशत तक बिक्री में कमी आ गई थी, लेकिन अब रेस्तरां में लोगों की भीड़ बढ़ेगी। इनमें नानवेज खाने वालों की संख्या सबसे अधिक होगी।

70 प्रतिशत गिरा था बाजार बढ़ गया मुर्गे का वजन

सावन में चिकन और मटन का बाजार करीब 70 प्रतिशत गिर जाता है। इस बार दो माह का सावन होने के कारण कारोबारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा। चिकन विक्रेता अरमान खान ने बताया कि हर बार एक माह के अंदर कारोबार पटरी पर आ जाता था। इस बार दो माह कारोबार प्रभावित रहा। फार्म से मुर्गे की आपूर्ति बंद रही। इस दौरान मुर्गे का वजन भी बढ़ गया। एक मुर्गे का औसत वजन एक से डेढ़ किलो तक होता है। बिक्री बंद होने से एक किलो का मुर्गा अब दो से सवा दो किलो तक हो गया है।

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