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टेढ़े पैर से डेढ़ दर्जन बच्चों को मिली निजात, यहां हुआ निश्शुल्क इलाज Basti News

टेढ़े पैर वाले बच्चों के लिए सरकार की तरफ से निश्शुल्क इलाज कराया जा रहा है। इसके लिए केवल जिला अस्पताल से संपर्क करना है।

By Edited By: Updated: Wed, 21 Aug 2019 10:02 AM (IST)
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टेढ़े पैर से डेढ़ दर्जन बच्चों को मिली निजात, यहां हुआ निश्शुल्क इलाज Basti News
गोरखपुर, जेएनएन। जन्मजात शारीरिक विकृति से जूझ रहे बच्चों के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) वरदान साबित हो रहा है। टेढ़े-मेढ़े पैर वाले डेढ़ दर्जन बच्चों का सफल इलाज होने पर उनके चेहरे खिल गए। परिवार में भी खुशी छा गई है। यह बच्चे अब सामान्य बच्चों की तरह खेल-कूद सकेंगें। ऐसा संभव हुआ है बस्ती के जिला अस्पताल में संचालित क्लब फुट क्लीनिक में हुए इलाज से।
सरकार शारीरिक विकृति से पीड़ित बच्चों का निश्शुल्क इलाज दे रही है। 14 दिसंबर 2018 को जिला अस्पताल में क्लब फुट क्लीनिक की स्थापना की गई है। यहां जन्मजात टेढ़े-मेढ़े पैरों वाले बच्चों का इलाज शुरू कराया गया है। प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव देवदत्त गुप्ता ने बताया कि प्रदेशभर में 2 साल तक के बच्चों का इलाज कराया जा रहा है। आरबीएसके टीम, प्रसव केंद्रों व अन्य अस्पताल से बच्चों को यहां सीधे भेजा जा सकता है। इंटेक फार्म भरवाया जाता है। इसके बाद आर्थो सर्जन की देखरेख में इलाज शुरू होता है। बच्चों का इलाज बार-बार प्लास्टर चढ़ाकर अर्थात का¨स्टग के जरिये या सर्जरी की सहायता से किया जाता है। यहां से मेडिकल कालेज रेफर करने की भी सुविधा है। निशुल्क दिए जाते हैं विशेष जूते टेढ़े-मेढ़े पैरों के इलाज में ब्रेस यानी विशेष जूते सर्वाधिक सहायक हैं।
यह जूते बाजार में मिलते ही नहीं है और अगर मिलते भी है तो काफी महंगे होते हैं। बच्चे के पैर की साइज बढ़ने के साथ ही जूते भी बदलने पड़ते हैं। यहां यह निश्शुल्क दिए जाते हैं। मुफ्त इलाज से परिवार में खुशी सदर ब्लाक के रखौना निवासी अश्वनी कुमार अपने बेटे बाबू को लेकर क्लीनिक आए। इलाज के बाद बच्चे के पैर में काफी सुधार हुआ।
ब्रेस पर रखा गया है। दो बार जूते बदले जा चुके हैं। मरहा निवासी श्यामू बेटी सुनीता को लेकर पहुंचे। इलाज शुरू हुआ। इलाज के बाद दोनों परिवारों में खुशी है। मेडिकल कालेज में भी इसकी सुविधा डिप्टी सीएमओ डा.सीके वर्मा का कहना है कि आरबीएसके की मदद से टेढ़े-मेढ़े पैर वाले केस हैंडिल किए जाते हैं। निश्शुल्क इलाज की सुविधा दी जा रही है। जिले स्तर पर और मेडिकल कालेज में भी सुविधा है।