हाइजिन पार्क बनने के बाद से ही बंद पड़ा है। इसे बच्चों की सुविधा के लिए बनाया गया था। जो बच्चे थोड़े बड़े हैं वे चहारदिवारी कूदकर अंदर चले जाते हैं लेकिन छोटे बच्चों को बाहर से ही देखना पड़ता है । चर्चा है कि इसे बनाने वाली कंपनी उद्घाटन के इंतजार में इसे शुरू नहीं करा रही है ।
उमेश पाठक, गोरखपुर। बच्चों की सुविधा के लिए पंत पार्क में बनाया गया हाइजिन पार्क बनने के बाद से ही बंद पड़ा है। इसमें बच्चों के झूले, बंपिंग-जंपिंग, स्लाइडर एवं हाथ धोने आदि की सुविधा दी गई है। अपनी खूबियों के कारण पार्क बच्चों को खूब आकर्षित करता है लेकिन ताला बंद होने के कारण वे उसमें जा नहीं पाते।
जो बच्चे थोड़े बड़े हैं, वे चहारदिवारी कूदकर अंदर चले जाते हैं लेकिन छोटे बच्चों को बाहर से ही देखना पड़ता है।
एक कंपनी की ओर से बच्चों की सुविधा के लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) हाइजिन पार्क बनाने को जगह मांगी गई थी। जीडीए की ओर से गोरखपुर विश्वविद्यालय के सामने पंत पार्क में जगह दी गई। पार्क के भीतर लगभग दो हजार वर्ग फीट में कंपनी की ओर से बच्चों के लिए अलग से पार्क विकसित किया गया। उसके चारों ओर चहारदिवारी भी बनाई गई है।
पार्क को तैयार हुए दो महीने से अधिक समय बीत चुका
पार्क को तैयार हुए दो महीने से अधिक समय बीत चुका है। पार्क काफी आकर्षक बना है इसलिए वहां जाने वाले बच्चे उसकी ओर आकर्षित होते हैं। बिलंदपुर के निरंजन बताते हैं कि वह शाम को दो बच्चों को लेकर पार्क में जाते हैं। दोनों बच्चे पार्क में जाने की जिद करते हैं लेकिन गेट में ताला बंद रहता है। पंत पार्क के केयरटेकर से पूछने पर पता चलता है कि चाबी उनके पास नहीं है।
दाउदपुर के राजेश का कहना है कि वह अपने बच्चे को लेकर पार्क में जाते हैं लेकिन उसे बाहर से ही देखना पड़ता है। 10 साल या इससे बड़े बच्चे किसी तरह चहारदिवारी कूदकर अंदर चले जाते हैं। छोटे बच्चे को इधर से अंदर भेजा जा सकता है लेकिन अंदर से बाहर निकालने वाला कोई नहीं रहेगा। बिलंदपुर के रंजन का कहना है कि जब बच्चों के लिए पार्क बना है तो वह उन्हें आकर्षित करेगा ही। बच्चों को कौन मना कर सकता है। दो महीने से अधिक समय हो गया कोई वहां जा नहीं पा रहा। प्राधिकरण को इसपर विचार करना चाहिए।
उद्घाटन की आस में बंद है ताला
चर्चा है कि इसे बनाने वाली कंपनी उद्घाटन के इंतजार में इसे शुरू नहीं करा रही है। लेकिन लंबे समय तक उपयोग न होने पर उपकरण खराब होने का खतरा है। पार्क न खुलने से घास भी बड़ी हो रही है।
कोट
पंत पार्क के भीतर बने पार्क की स्थिति के बारे में रिपोर्ट ली जाएगी। यह किन कारणों से बंद है, इसका भी पता लगाया जाएगा। जल्द ही सभी के हित में निर्णय लिया जाएगा। -
आनन्द वर्द्धन
उपाध्यक्ष, जीडीए
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