'कांग्रेस को जब अवसर मिला लोकतंत्र का गला घोंटा...', गोरखपुर में ऐसा क्यों बोल गए सीएम योगी
CM yogi in Gorakhpur मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान लगाई गई इमरजेंसी के 49 वर्ष पूरे होने पर कांग्रेस व उसके सहयोगी दलों पर जमकर प्रहार किया। कहा कि इमरजेंसी लगाने के लिए कांग्रेस को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। उस समय कांग्रेस का बर्बर चेहरा हम सभी ने देखा था।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस और इंडी गठबंधन में शामिल सभी दलों को संविधान और लोकतंत्र के लिए खतरा बताया। कहा कांग्रेस की आस्था कभी भी भारत के संविधान और लोकतंत्र में नहीं रही। जब भी उसे मौका मिला, उसने संविधान का गला घोंटने और लोकतंत्र को कुचलने का कार्य किया।
मंगलवार को आपातकाल के 49 वर्ष पूरे होने पर सीएम योगी भाजपा की ओर से ‘काला दिवस’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को घेरते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 49 वर्ष पहले आपातकाल के जरिये कांग्रेस ने लोकतंत्र को तहस-नहस करने की कुचेष्टा की थी।
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कहा कि नागरिकों के मौलिक अधिकार तक छीन लिए। यहां तक कि न्यायालयों को उनके अधिकारों से वंचित कर दिया गया। जिन लोगों ने इस तानाशाही रवैये का विरोध किया, उन्हें जेल में डालकर यातनाएं दी गईं। कांग्रेस के इस कृत्य से संविधान कराह उठा था, लोकतंत्र तड़प गया था।
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उन्होंने आगे कहा कि यह लोकतंत्र को कुचलने की पराकाष्ठा थी। उन्होंने कहा कि आपातकाल में कांग्रेस का बर्बर चेहरा देशवासियों को देखने को मिला था। आज भी कांग्रेस पार्टी में भले ही चेहरा बदला हो लेकिन सत्ता से बाहर होकर भी उसका मूल चरित्र वही है, जो आपातकाल के समय था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के लोग आज संविधान और लोकतंत्र की दुहाई देते हैं, लेकिन देश के बाहर जाकर भारत और इसके लोकतंत्र को कोसते हैं। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में लोकतंत्र रक्षक सेनानियों का सम्मान किया। पूर्व विधायक एवं लोकतंत्र रक्षक सेनानी शीतल पांडेय ने आपातकाल से जुड़े संस्मरण साझा किए।
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