नगर निगम कार्यालय के पुराने भवन में गोरखपुर के इतिहास और विरासत से जुड़ी देगा। नगर निगम की ये सभी परियोजनाएं तैयार हो चुकी है। कुछ छोटे-छोटे कार्य रह गए हैं जिन्हें सप्ताह-दस दिन में पूरा कर लिया जाएगा।
निगम प्रशासन अब मुख्यमंत्री के हाथों इनके लोकार्पण की तैयारी में जुट गया है। तैयारी है कि दीपावली के पहले इनका शुभारंभ करा दिया जाए।
खत्म होंगे बाकी कूड़ा पड़ाव घर, दूर होगी गंदगी
लालडिग्गी पार्क क्षेत्र स्थित बसंतपुर में संचालित हो रहे गारबेज ट्रांसफर स्टेशन (जीटीएस) के बाद अब चरगांवा में बन रहे दूसरे गारबेज ट्रांसफर स्टेशन का निर्माण कार्य भी पूरा हो चुका है। इस स्टेशन के शुरू हो जाने के बाद शहर के सभी वार्डों का कूड़ा घरों से एकत्रित कर कूड़ा पड़ाव घर पर न ले जाकर सीधे गारबेज स्टेशन पर ले जाया जाएगा।
इसे भी पढ़ें-इलाहाबाद हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, डायट में डीएलएड के लिए इंटरमीडिएट पास अभ्यर्थी भी ले सकेंगे प्रवेशइससे शहर के बीच जगह-जगह मौजूद कूड़ा पड़ाव घर खत्म हो जाएंगे। पड़ाव घर की वजह से संबंधित स्थानों पर सड़क तक गंदगी फैली रहती है। साथ ही वहां से उठने वाली दुर्गंध से लोग परेशान रहते हैं।
रोजाना 41 श्वानों की हो सकेगी नसबंदी, 30 की देखरेख होगी
गुलरिहा में नगर निगम की ओर से बनवाए जा रहे एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) सेंटर एवं डाग केयर का निर्माण, कार्यदायी संस्था सीएडंडीएस ने पूरा कर लिया है। 1700 वर्ग मीटर में 1.85 करोड़ रुपये की लागत वाले इस सेंटर के संचालन के लिए निजी एजेंसी का चयन भी कर लिया गया है।सोमवार को निदेशालय से आई टीम ने इसका निरीक्षण भी कर लिया है। मौके पर कुछ काम बाकी हैं जिसे दस दिन में पूरा कर लिए जाने का दावा किया जा रहा है। यहां रोजाना 41 श्वानों की नसबंदी और 30 श्वानों की देखभाल की जा सकेगी। यानी अकेले रहने वाले लोगों को यदि किसी काम से शहर से बाहर जाना है या नौकरी पर जाना है तो वह अपने पालतू श्वान वहां छोड़ सकेंगे।
इसके लिए उन्हें शुल्क जमा करना होगा। सेंटर में कुत्तों के लिए पार्क की भी जगह निर्धारित की गई है। यहां पेट सैलून एवं पेट शाप, रसोईघर, पंजीकरण काउंटर, अभिलेख एवं चिकित्सक कक्ष, टायलेट के साथ सर्जन कक्ष, आपरेशन कक्ष, ड्यूटी कक्ष, औषधि भंडार, पुरुष और महिला टायलेट व पार्किंग की सुविधा है। दूसरे तल पर पैंट्री और पांच बेड के साथ शयनकक्ष, टायलेट और स्नानघर की भी सुविधा दी गई है।
124 साल पुराने भवन में संग्रहालय
नगर निगम के पुराने भवन को संग्रहालय बनाने का कार्य भी अंतिम दौर में है। इसमें गोरखपुर से संबंधित प्राचीन वस्तुएं, अभिलेख, फोटो आदि प्रदर्शित किए जाएंगे। नगर निगम के 124 साल पुराने भवन में संग्रहालय बनाया जा रहा है। इसे बना रही फर्म दो साल तक संग्रहालय का संचालन करेगी। उसके बाद नगर निगम स्वयं इसे संचालित करेगा।
कल्याण मंडपम में जल्द बजेगी शहनाई
मुख्यमंत्री की पहल शहर की मध्यम और निम्न आय वर्ग के परिवारों को ध्यान में रखकर खोराबार में बनाए जा रहे कल्याण मंडपम में जल्द ही मांगलिक कार्यक्रमों का आयोजन होने लगेगा। शहर के पहले कल्याण मंडपम का निर्माण भी पखवारे भर में पूरा कर लिया जाएगा।
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विद्युत सब स्टेशन के पास 4.25 करोड़ रुपये की लागत से कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज (सीएनडीएस) कल्याण मंडपम का निर्माण कर रहा है। मंडपम में एक मल्टीपरपज हाल, आठ कमरे, गेस्ट रूम, पार्किंग, कांफ्रेंस हाल बनाया गया है। मल्टीपरपज हाल में 300 लोगों के बैठने की क्षमता है।
सूबे का सर्वाधिक क्षमता का शवदाह गृह
एकला बांध के पास गोरखपुर-बस्ती मंडल का पहला और सूबे का सर्वाधिक क्षमता का पशु शवदाह गृह (क्रिमेटोरियम-हाइब्रिड एनिमल इंसीनरेटर) भी लगभग बनकर तैयार हो गया है। एक हजार किलोग्राम प्रति घंटे दाह क्षमता के इस पशु शवदाह गृह के बन जाने से पशुओं के शव को जमीन में दफनाया नहीं जाएगा बल्कि इनका बिजली एवं गैस आधारित (पीएनजी/एलपीजी) इंसीनरेटर में दाह होगा।
नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने कहा कि गारबेज ट्रांसफर स्टेशन, एबीसी सेंटर और पशु शवदाह गृह बनकर तैयार हो गया है। कल्याण मंडपम का कार्य आखिरी चरण में है दस दिन में इसके भी पूरा हो जाने की उम्मीद है। निदेशालय से आई टीम ने एबीसी सेंटर और पशु शवदाह गृह का निरीक्षण किया है। कार्य से वह संतुष्ट दिखे हैं। जल्द ही इन परियोजनाओं के लोकार्पण की तैयारी है।