अब संविदा पर तैनात डॉक्टर भी कर सकेंगे मेडिकोलीगल, रोगियों को मिलेगी राहत; जानें- क्या है नया नियम
रोगियों की सुविधा को लेकर यूपी में नई व्यवस्था लागू की गई है। नई व्यवस्था से लोगों को अब निराशा व भागदौड़ से मुक्ति मिल जाएगी। नियमित डाक्टरों के अभाव में पीड़ितों को निराश नहीं होना पड़ेगा। अब संविदा पर तैनात चिकित्सक भी मेडिकोलीगल कर सकेंगे। ग्रामीण क्षेत्र के ज्यादातर पीएचसी पर संविदा के डाक्टर ही तैनात हैं। ऐसे में रोगियों को रेफर करना पड़ता है।
By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Fri, 06 Oct 2023 04:51 PM (IST)
गजाधर द्विवेदी, गोरखपुर। संविदा पर तैनात डाक्टर भी अब मेडिकोलीगल कर सकेंगे। यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू कर दी गई है। अभी तक नियमित डाक्टरों को ही मेडिकोलीगल करने का अधिकार था। जिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) पर नियमित डाक्टर तैनात नहीं थे अथवा अवकाश पर थे, वहां से मेडिकोलीगल के मामलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) या जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता था।
क्या है नई व्यवस्था
नई व्यवस्था से लोगों को अब निराशा व भागदौड़ से मुक्ति मिल जाएगी। ग्रामीण क्षेत्र के ज्यादातर पीएचसी पर संविदा के डाक्टर ही तैनात हैं। जिस पीएचसी या सीएचसी पर एक नियमित डाक्टर तैनात हैं, उनके अवकाश पर जाने की स्थिति में वहां भी मेडिकोलीगल नहीं हो पाता था। वहां आसपास मारपीट या अन्य घटनाओं में उपचार तो हो जाता है, लेकिन मेडिकोलीगल के लिए सीएचसी या जिला अस्पताल भेजा जाता था। इससे लोगों को न्याय पाने के लिए कई किलोमीटर की दौड़भाग करनी पड़ती थी। नई व्यवस्था से अब सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर मेडिकोलीगल किया जा सकेगा।
12 घंटे के अंदर पता चलती है सही स्थिति
जिला अस्पताल के फिजिशियन डा. राजेश कुमार के अनुसार धारदार हथियार से चोट लगने पर यदि 12 घंटे के अंदर मेडिकोलीगल करा लिया जाए तो सही स्थिति पता चलती है। इसके बाद घाव का आकार व रंग बदलने लगता है। दो दिन बाद घाव की आकार कम हो सकता है और रंग भूरा। ऐसी स्थिति में लिखा जाता है कि घाव दो दिन पहले का है।यह भी पढ़ें, कुशीनगर में डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में सड़क पर उतरे चिकित्सक, बच्चा बदलने को लेकर हुआ था हंगामा
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