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राजकुमार की हत्या के बाद भड़का था दंगा

गोरखपुर 27 जनवरी 2007 को शहर में भड़के दंगे के मामले में उच्च न्यायालय ने तत्कालीन सांसद

By JagranEdited By: Updated: Fri, 02 Feb 2018 01:24 AM (IST)
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राजकुमार की हत्या के बाद भड़का था दंगा

गोरखपुर

27 जनवरी 2007 को शहर में भड़के दंगे के मामले में उच्च न्यायालय ने तत्कालीन सांसद और वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बड़ी राहत दी है। इस दंगे में गोरखपुर जनपद ही नहीं बल्कि पूर्वाचल के कई जिले झुलसे थे। राजकुमार अग्रहरी नामक युवक को पुलिस की जीप से खींचकर मौत के घाट उतार दिए जाने के बाद दंगा भड़का था।

26 जनवरी 2007 की रात डीएवी डिग्री कालेज परिसर में शादी समारोह आयोजित था। इस शादी में इस्माइलपुर, कोतवाली निवासी राजकुमार अग्रहरी भी शामिल थे। आर्केस्ट्रा देखने के दौरान उनका कुछ लोगों से रात में एक बजे विवाद हो गया था। दूसरे पक्ष के लोगों ने राजकुमार पर हमला कर दिया। जान बचाने के लिए वह वहां से बाहर निकले। उस समय कालेज गेट के सामने से मोहर्रम का जुलूस निकल रहा था। राजकुमार भागते हुए जुलूस के बीच घुस गए। उन पर हमला करने वाले युवक पीछा करते हुए जुलूस में आ गए और राजकुमार को पीटने लगे। जुलूस के साथ चल रहे तिवारीपुर थाने के तत्कालीन थानेदार रामजी चौधरी ने राजकुमार को हमलावरों के बीच से निकालकर अपनी जीप में पीछे बिठा लिया। कुछ देर बाद हमलावरों ने उन्हें जीप से खींच कर बुरी तरह से पीट दिया। पुलिस ने उनको मेडिकल कालेज में भर्ती कराया, जहां दूसरे दिन भोर में चार बजे के आसपास उनकी मौत हो गई।

राजकुमार के साथ हुई घटना की दोनों समुदायों में अलग-अलग प्रतिक्रिया हुई। एक तरफ मोहर्रम जुलूस में शामिल लोगों को लगा कि हमारे बीच के युवक की हत्या हुई है, तो दूसरी तरफ राजकुमार से जुड़े समुदाय के बीच जुलूस में शामिल लोगों की पिटाई से मौत होने की अफवाह फैल गई। इसे लेकर तोड़फोड़, आगजनी कर दी गई। इसके विरोध में तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ समर्थकों के साथ खूनीपुर चौराहे पर 27 जनवरी 2007 को धरने पर बैठ गए थे। उनकी मांग पर शहर में क‌र्फ्यू लगा दिया गया था। इसी बीच 29 जनवरी की रात हाबर्ट बंधे पर साइकिल मरम्मत करने वाले राशिद की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस मामले में चंदन और सौरभ विश्वकर्मा अभियुक्त बनाए गए। राशिद की हत्या के बाद शांत हो रहे शहर का माहौल फिर गर्म हो गया। प्रदेश सरकार ने तत्कालीन जिलाधिकारी डा. हरिओम और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजा श्रीवास्तव के साथ ही तत्कालीन क्षेत्राधिकारी कोतवाली और तिवारीपुर थानेदार को निलंबित कर दिया था। जिला प्रशासन ने शासन के निर्देश पर 30 जनवरी को कुशीनगर से लौट रहे योगी को कूड़ाघाट में गिरफ्तार करवा लिया था। साथ ही दंगा भड़काने के आरोप में योगी सहित नौ नामजद व अन्य अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ था।

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