नैक मूल्यांकन के लिए प्रशिक्षित करेगा Gorakhpur University, कॉलेजों को प्रेरित करने की बनाई है योजना
विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से सभी कॉलेजों को प्रेरित करने की योजना बनाई गई है। योजना है कि विश्वविद्यालय से संबंद्ध सभी कॉलेज नैक से मूल्यांकित हों। प्रशिक्षण देने के लिए विशेषज्ञों से लैस एक सेल गठित किया जा रहा है।
By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Fri, 20 Jan 2023 01:07 PM (IST)
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। 'ए प्लस प्लस' का दर्जा पाने से उत्साहित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब अपने कॉलेजों को नैक मूल्यांकन के लिए न केवल प्रेरित करने की योजना बनाई है बल्कि उन्हें इसके लिए प्रशिक्षित करने का खाका भी खींच लिया है। विश्वविद्यालय एक सेल बनाने जा रहा है, जिसके जरिये वह कॉलेजों को मूल्यांकन का तरीका बताएगा, इसे लेकर प्रशिक्षित भी करेगा। विश्वविद्यालय की कोशिश होगी कि जल्द से जल्द उससे सम्बद्ध सभी कॉलेज नैक से मूल्यांकित हों।
तीन-तीन कॉलेजों का ग्रुप बनाकर किया जाएगा प्रशिक्षित
योजना के मुताबिक जिलावार तीन-तीन कॉलेजों का एक ग्रुप बनाया जाएगा और प्रशिक्षित करने के लिए एक टीम को जिम्मेदारी दी जाएगी। उस टीम में विश्वविद्यालय के वह लोग तो शामिल रहेंगे, जिनके प्रयास से 'ए प्लस प्लस' मिला है, साथ ही नैक के विशेषज्ञों को भी उसमें जगह दी जाएगी। टीम की मदद से कालेज नैक में प्रस्तुति के लिए एसएसआर (सेल्फ स्टडी रिपोर्ट) तैयार करेंगे और विश्वविद्यालय के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। विश्वविद्यालय की संतुष्टि के बाद ही उसे नैक की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। विश्वविद्यालय कालेजों के लिए नैक मूल्यांकन की अनिवार्यता का नियम भी बनाने जा रहा है।
नैक मूल्यांकन नहीं तो परीक्षा सेंटर नहीं
कालेजों के सामने विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन को लेकर एक शर्त भी रखने जा रहा है। शर्त के मुताबिक जो कालेज नैक नहीं कराएंगे, उन्हें परीक्षा का सेंटर भी नहीं बनाया जाएगा। उसे विश्वविद्यालय की ओर से अन्य कोई मदद भी नहीं की जाएगी। इसे लेकर लापरवाही बरतने पर कालेजों की संंबंद्धता जारी रखने पर भी विचार किया जाएगा।सेल में शामिल होंगे नैक के विशेषज्ञ
विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन को लेकर कॉलेजों के मार्गदर्शन को लेकर जो सेल बनाने जा रहा है। उसमें विश्वविद्यालय के शिक्षकों के अलावा नैक विशेषज्ञों को भी जगह दी जाएगी। इस सेल से प्रशिक्षण के लिए टीम मांगने पर कालेजों को एक निश्चित फीस जमा करनी होगी। उसके बाद सेल कालेज की क्षमता के मुताबिक तीन या चार सदस्यीय टीम कालेजों को प्रशिक्षण देने के लिए भेजेगा।
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