पूर्व औषधि महानियंत्रक ने कहा-स्वच्छता अभियान ने समाज को दी नई दिशा Gorakhpur News
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता देश के पूर्व औषधि महानियंत्रक डॉ. जीएन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने सभी घरों में शौचायल बनवाकर स्वच्छता के क्षेत्र में बड़ा काम किया है।
By Satish ShuklaEdited By: Updated: Tue, 01 Sep 2020 07:14 PM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ के पुण्यतिथि समारोह के दूसरे दिन मंगलवार को स्वच्छ भारत अभियान एवं हमारा स्वास्थ्य विषय पर आयोजित आनलाइन संगोष्ठी के मुख्य वक्ता देश के पूर्व औषधि महानियंत्रक डॉ. जीएन सिंह रहे। डॉ. सिंह ने कहा कि स्वच्छता और स्वास्थ्य एक-दूसरे के पूरक हैं। यदि स्वच्छता न रहे तो हम अच्छे स्वास्थ्य की कल्पना नहीं कर सकते। यही वजह है कि हमारे ऋषि-मुनि और गोरक्षपीठ के संत हजारों वर्षों से लोगों को इसे लेकर जागरूक करते आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया स्वच्छता अभियान भी उसी प्रयास की महत्वपूर्ण कड़ी है और मानव समाज को नई दिशा प्रदान कर रही है।
स्वच्छता के क्षेत्र में हुआ बड़ा काम डॉ. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने अभियान के तहत सभी घरों में शौचायल बनवाकर स्वच्छता के क्षेत्र में बड़ा कार्य किया है। इस प्रयास का ही नतीजा है प्रदेश सरकार इंसेफ्लाइटिस जैसी महामारी को समाप्त करने में कामयाब हो पाई है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचने का उपाय भी स्वच्छता ही है। स्वच्छता की मुहिम चलाकर ही हमारी सरकार देश में इस महामारी को नियंत्रित करने में कुछ हद तक कामयाब हो सकी हैं।
लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत देश की स्वास्थ्य सेवाओं के पूर्व महानिदेशक डॉ. आरके श्रीवास्तव ने बतौर विशिष्ट वक्ता कहा कि स्वच्छता के लिए हमारी सरकारें तो काम कर ही रही हैं, लोगों को भी इसे लेकर जागरूक होने की जरूरत है। गोरक्षपीठ प्रारंभ से ही स्वच्छता, स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित करती आ रही है। सभी को इससे सीख लेना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छ भारत अभियान को एक ऐसा अभियान करार दिया, जो पूरे भारत को स्वस्थ बनाने में मील का पत्थर साबित हो रहा है। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. यूपी ङ्क्षसह ने स्वच्छता को ईश्वरीय आह्वान बताया। इस दौरान प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, देवीपाटन शक्तिपीठ के महंत मिथिलेशनाथ, डॉ. प्रदीप राव, डॉ. शैलेंद्र प्रताप ङ्क्षसह, डॉ. अरङ्क्षवद चतुर्वेदी, डॉ. पवन पांडेय, डॉ. अविनाश प्रताप ङ्क्षसह, बृजेश मणि मिश्र, विनय गौतम आदि मौजूद रहे। वैदिक मंगलाचरण डॉ. रंगनाथ त्रिपाठी और संचालन डॉ. श्रीभगवान ङ्क्षसह ने किया। संगोष्ठी सजीव प्रसारण गोरखनाथ मंदिर के फेसबुक पेज व यू-ट््यूब चैनल पर किया गया, जिसे हजारों लोगों ने सुना।
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