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Gorakhpur: रेलवे भर्ती बोर्ड कार्यालय में दिल्ली विजिलेंस टीम का छापा, धन उगाही की शिकायत पर हुई कार्रवाई

अभ्यर्थियों से बुलावा और नियुक्ति पत्र के नाम पर धन उगाही की शिकायत पर कार्रवाई हुई है। मामले में बोर्ड के चेयरमैन दूसरे क्षेत्र में भेजे गए हैं। वहीं प्रयागराज के चेयरमैन को गोरखपुर की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandPublished: Fri, 18 Nov 2022 01:23 PM (IST)Updated: Fri, 18 Nov 2022 01:23 PM (IST)
रेलवे भर्ती बोर्ड कार्यालय में जांच करती टीम। -जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर रेलवे स्टेशन के पास स्थित रेलवे भर्ती बोर्ड कार्यालय में दिल्ली की विजिलेंस (सतर्कता) टीम ने छापेमारी की। दोपहर में पहुंची टीम ने चेयरमैन का कार्यालय खुलवाकर एक-एक फाइलों को खंगाला और संबंधित कर्मचारियों से पूछताछ की। इस दौरान कुछ शिकायतकर्ताओं का भी बयान लिया। सहायक लोको पायलटों और तकनीशियनों सहित अन्य भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता व बुलावा पत्र तथा नियुक्ति पत्र के नाम पर धन उगाही की शिकायत पर दिल्ली की विजिलेंस टीम ने छापेमारी की कार्रवाई की है।

यह है पूरा मामला

रेलवे बोर्ड ने शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करते हुए उन्हें दूसरे जोन भेज दिया है। प्रयागराज स्थित रेलवे भर्ती बोर्ड के चेयरमैन को गोरखपुर की भी जिम्मेदारी दी गई है। जानकारों के अनुसार शिकायत है कि सहायक लोको पायलटों और तकनीशियनों की भर्ती में गोरखपुर बोर्ड ने मेरिटलिस्ट ही नहीं जारी की थी। बोर्ड ने लखनऊ और वाराणसी में रिक्त पदों के सापेक्ष डेढ़ गुना अधिक 1681 अभ्यर्थियों की परीक्षा लेकर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी थी। जिसका खामियाजा आज भी सैकड़ों अभ्यर्थी भुगत रहे हैं।

तैनाती के लिए चक्कर लगा रहे अभ्यर्थी

2018 में शुरू हुई भर्ती परीक्षा प्रक्रिया में उत्तीर्ण होने के बाद भी उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों के 531 अभ्यर्थी तीन साल तक रेलवे भर्ती बोर्ड का चक्कर लगाते रहे। प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थी आज भी तैनाती के लिए बोर्ड कार्यालय और रेलवे प्रशासन का चक्कर लगा रहे हैं। पूर्वोत्तर रेलवे की लाइनों पर कार्य करने वाले 150 ट्रैक मेंटेनर भी विभागीय पदोन्नति की परीक्षा पास करने के बाद तीन साल से सहायक लोको पायलट और तकनीशियन के पद पर तैनाती के लिए चक्कर लगा रहे हैं।

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