Deoria Building Collapse: बाबू, हमरी आखिन के सामने उजरि गईल दुनिया...हर तरफ आंसुओं का सैलाब- हर आंख में गम का समंदर
Deoria UP Building Collapse देवरिया में देखते ही देखते भवन ध्वस्त हो गया और एक दुनिया उजड़ गई। एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत से परिवार की जिंदा बची महिला बदहवास हैं। सुनें- उनकी जुबानी कि कैसे हुआ हादसा।
By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Mon, 19 Sep 2022 10:40 PM (IST)
देवरिया, जागरण संवाददाता। Deoria UP Building Collapse incident seen: भोर के समय चारों तरफ सन्नाटा पसरा था। लोग गहरी नींद में सो रहे थे। अचानक तेज धमाका हुआ। अनहोनी की आंशका से मां प्रभावती देवी सिहर उठीं। मुड़कर देखा तो जिस कमरे से कुछ क्षण पहले निकली थीं। वह मलबे में तब्दील हो चुका था। उन्हें अहसास हो चुका था कि उनकी दुनिया उजड़ गई है। वह छाती पीटकर चीखने चिल्लाने लगीं। उनके मुंह से एक ही शब्द निकल रहा था, बाबू हमरी आंखिन के सामने हमार दुनिया उजड़ गईल। इस घटना पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी दुख जताया है। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में गम का माहौल। पीड़ित परिवार से सहानुभूति जताने वालों का तांता लगा हुआ है।
आंखों के सामने सबकुछ तबाह होता देखती रह गईं प्रभावती देवी
हादसे की चश्मदीद प्रभावती देवी को विश्वास नहीं हो रहा था कि एक पल में सबकुछ खत्म हो जाएगा। संयोग था कि वह हादसे के कुछ मिनट पहले लघुशंका के लिए बाहर निकल आईं। जिससे उनकी जान बच गई। वह अपने जिगर के टुकड़ों को खोकर बदहवास हो गई थीं। लोग उन्हें सांत्वना दे रहे थे। बगल वाले कमरे में सो रहे उनके दूसरे पुत्र मनोज गोंड व उनका परिवार बाहर निकल आया। स्वजन की चीख पुकार से माहौल गमगीन हो गया।
मदद में लगे रहे लोग
हादसे के बाद मदद में लोग लगे रहे। लोगों ने मलबा हटाने में पूरी मदद की। पुलिस, नगर पालिका कर्मी व अग्निशमन विभाग की टीम के पहुंचने के बाद भी लोग सहयोग करते रहे।जर्जर भवन में तीन पीढ़ियों से निवास कर रहा परिवार
करीब 80 साल पुराने मकान में मृतकों के परिवार के लोग तीन पीढ़ियों से निवास कर रहे हैं। उनके अलावा दो अन्य किरायेदार भी रहते हैं। एक किरायेदार और मकान मालिक के दीवानी न्यायालय में दो मुकदमे चल रहे हैं। शहर के अंसारी रोड में जिस जर्जर मकान के ढ़हने से तीन लोगों की जानें गई हैं, उसकी मालिक मझगांवा की गायत्री देवी थीं। उन्होंने मकान को 16 अगस्त 1951 को गोरखपुर के शेखपुर निवासी अपने रिश्तेदार अनिल कुमार गोयल को हिब्बानामा (दानपत्र के जरिये बैनामा) कर दिया। अनिल कुमार गोयल ने 28 मई 1996 को शहर के मालवीय रोड निवासी स्व.कुलदीप नारायण बरनवाल को बैनामा कर दिया।
स्व. गायत्री देवी के समय से मकान के दो कमरों में प्रभावती देवी की मां स्व.रामरति देवी किरायेदार के रूप में रहने लगीं। उनकी मृत्यु के बाद प्रभावती देवी अपने दोनों पुत्र मनोज व दिलीप के साथ दो कमरे रहती हैं। एक कमरे में दूसरे किरायेदार सुरेश व महेश का परिवार रहता है जबकि एक अन्य कमरे में रिंकू व मंटू ने ताला लगाकर कब्जा किया है। मकान मालिक स्व.कुलदीप नारायण बरनवाल के पुत्र सत्यप्रकाश बरनवाल ने मकान खाली करने का नोटिस किरायेदारों को दिया था। किरायेदार रिंकू व मंटू और मकान मालिक के बीच दीवानी न्यायालय में दो मुकदमे चल रहे हैं।
फूलों से सजावट का कार्य करते थे दिलीप
मृतक दिलीप गोंड लगन के सीजन में फूलों से सजावट का काम करते थे। उनके दूसरे भाई मनोज पल्लेदारी का काम करते हैं।
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