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यह है सीएम सिटी- गोरखपुर में ट्रेन से उतरिए, सलाम करेगी गंदगी

गोरखपुर में रेलवे स्टेशन से निकलते ही यात्रियों को गंदगी का सामना करना पड़ता है। यही हाल बस स्टेशन की है। स्टेशन पर पानी की व्यवस्था भी बदहाल है।

By Edited By: Thu, 22 Nov 2018 08:20 AM (IST)
यह है सीएम सिटी- गोरखपुर में ट्रेन से उतरिए, सलाम करेगी गंदगी
यह है सीएम सिटी- गोरखपुर में ट्रेन से उतरिए, सलाम करेगी गंदगी
गोरखपुर, जेएनएन। वीवीआइपी का दर्जा है इस शहर का। दूसरी तरफ गंदगी के खिलाफ केन्द्र व प्रदेश सरकार का चल रहा अभियान। मगर इन दोनों की परिभाषा ध्वस्त हो चुकी है यहां। यकीन न हो तो रेलवे स्टेशन या बस स्टेशन का एक चक्कर लगा लीजिए। या फिर बाहर से आने वाले किसी मुसाफिर से बात कर लीजिए। जवाब एक ही मिलेगा कि यहां तो बहुत गंदगी है। लाख कोशिशों के बावजूद रेलवे बस स्टेशन का हाल जस का तस है। बस स्टेशन पर न तो शुद्ध पेयजल की व्यवस्था हैं न ही सुलभ शौचालय ही देखने लायक है।
स्टेशन परिसर में जलजमाव से संक्रामक बीमारियों की आशंका है। परिसर में छुंट्टा पशु यात्रियों के लिए बड़ी समस्या है। पेयजल स्थल पर गंदगी के कारण लोगों को खरीद कर पानी पीना पड़ रहा है। महिला व पुरुष शौचालय में भी गंदगी की भरमार है तो पेशाब घर की स्थिति बदतर है। परिसर के अंदर ही कूड़े को जलाया जाता है जिसके धुएं से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। पूछताछ काउंटर भी इस गंदगी से अछूता नहीं है। स्टेशन परिसर की बदहाल व्यवस्था पर यात्रियों का दर्द कुछ अलग ही है। सफाई पर ध्यान नहीं रोडवेज की हालिया व्यवस्था पर यात्री भीम राव कहते हैं कि सफाई पर व्यवस्थापकों का कोई ध्यान नहीं है। इससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
यहां अंदर बैठने के लिए बने बेंच के आसपास गंदगी होने के कारण यात्रियों को इधर-उधर बैठना पड़ता है। शौचालय बदहाल यात्री अभिषेक श्रीवास्तव से बात करने पर वे कहते हैं कि परिसर के अंदर शौचालयों की दशा बेहद चिंताजनक है। इस गंदगी की वजह से संक्रामक रोगों की आशंका कुछ ज्यादा ही। उन्होंने सफाई व्यवस्था को लेकर अधिकारियों पर सवाल उठाए। पेयजल की दिक्कत स्टेशन परिसर में पीने के लेकर अरविंद यादव कहते हैं कि यहां पर शुद्ध पेयजल तक का कोई इंतजाम नहीं।
विभिन्न स्थानों पर जाने वाले यात्रियों को पानी के लिए बोतलबंद पानी का सहारा लेना पड़ता है। पेयजल स्थल की गंदगी को वह बेहद ही चिंताजनक बताते हैं। साफ-सफाई पर ध्यान नहीं यात्री दीपक यादव का कहना है कि एक तरफ जहां पूरे देश में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है और लोगों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाया जा रहा है, वहीं ठीक विपरीत स्टेशन परिसर की व्यवस्था है। बड़ा स्टेशन होने के बाद भी स्वच्छता की स्थिति बेहद चिंताजनक है।