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दीपावली पर जलाए गए एक दीये ने मिटाया पीढ़ियों का अंधकार, सीएम योगी ने जंगल में बसे वनटांगियों को दिलाई पहचान

वनटांगिया समुदाय के लोग सीएम योगी के साथ हर बार की तरह इस बार भी दिवाली का पर्व मनाने के लिए उत्सुक हैं। मुख्यमंत्री के आगमन को देखते हुए जंगल तिनकोनिया नंबर-तीन में तैयारियां शुरू हो गई हैं। महिलाओं ने घरों की साफ-सफाई के साथ ही रंगोली बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। यहां के लोगों को दिवाली का बेसब्री से इंतजार रहता है।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Thu, 09 Nov 2023 12:41 PM (IST)
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कंपोजिट विद्यालय की दीवार पर हुए रंगरोगन निहारते वनटांगिया समुदाय के बच्चे। -जागरण
आशुतोष मिश्र, गोरखपुर। वैसे तो लंका विजय के बाद प्रभु श्रीराम के अयोध्याजी आगमन का हर्ष दुनिया भर के सनातनी मनाते हैं, लेकिन यह पर्व वनटांगिया गांव जंगल तिनकोनिया नंबर तीन में दोहरी खुशी का कारण है। इसी अवसर पर 2009 में यहां वह दीया आलोकित हुआ, जिसके प्रकाश से पीढ़ियों के तिमिर का नाश हो चुका है। देश-समाज से पूरी तरह कटे वनवासियों के बीच यह दीप योगी आदित्यनाथ ने जलाया था, जो पुन: यहां दीपावली मनाने आने वाले हैं। उनके आगमन की आहट से यहां के लोगों का मन अवध बन गया है। जो कभी वंचित वनवासी थे वो अब देश के सम्मानित नागरिक के रूप में समस्त मूलभूत सुविधाओं के अधिकारी हैं। अपने उद्धारक की पूरे गांव को प्रतीक्षा है। इसीलिए तो यहां आकर मुख्यमंत्री दीप जलाएंगे, तब ही हर घर में दीपोत्सव शुरू होगा।

हर साल यहां दिवाली मनाते हैं सीएम योगी

मुख्यमंत्री हर वर्ष इसी गांव में दीप पर्व मनाते हैं। इस बार भी उनके आगमन की तैयारी जोरों पर है। कुसम्ही जंगल में गऊएं चराते लोग हों या लकड़ियां बीनने वाली महिलाएं, योगी आदित्यनाथ का नाम सुनते ही चेहरे चमक जाते हैं। बियाबान में यह एक नाम पूरा रास्ता सहज कर देता है।

'योगीजी के चलते हुआ है गांव का कायाकल्प'

लोग पूरी तसल्ली से रास्ता बताते हैं और हम पहुंच जाते हैं उस स्थल पर जहां मुख्यमंत्री का हेलीकाप्टर उतरना है। पास में स्थित मैदान पर पंडाल सहित मंच बनाने का काम तेजी से चल रहा है। यहीं संध्या मिलती हैं। पूछते ही कह उठती हैं- योगीजी के चलते गांव का कायाकल्प हो चुका है। जहां के लोगों के पास वोट देने का अधिकार तक नहीं था उन्हें अब आवास, घरेलू गैस, शौचालय, पेंशन सहित अन्य योजनाओं का लाभ मिल रहा है।

यहां के बच्चों के लिए कंपोजिट स्कूल बन चुका है। माधुरी भव्य दीपोत्सव का हिस्सा बनने के लिए मायके आई हैं। कहती हैं कि वह दिन भी देखा है, जब यहां के लोग बीमार पड़ते थे तब कीचड़ भरे रास्तों से अस्पताल जाने में ही जान चली जाती थी, मुख्य मार्ग छोड़िए, गली-गली में इंटरलाकिंग है।

कुछ दूरी पर सहादा पीट रही सरिता देवी, रीमा और गंगा दिखती हैं। ये बताती हैं कि योगी जी के आगमन पर पूरे गांव की महिलाओं ने घर लीपकर रंगोली सजाने की तैयारी कर रखी है। कुछ कदम दूर मुखिया रामगनेश का घर है। दीपावली पर यहीं योगी दीप जलाते हैं। रामगनेश की पत्नी लक्ष्मीना ने इस बार भी गुड़ और दही की व्यवस्था कर ली है।

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पास में ही गुरु गोरक्षनाथ हिंदू विद्यालय पर जुटी भीड़ ध्यान खींच लेती है। वहां पहुंचते ही पता चलता है कि अंगद, मुन्ना, राजू, गुटरा देवी सहित बहुत से लोग आयुष्मान कार्ड लेने पहुंचे हैं। कैंप लगाकर सबको कार्ड दिए जा रहे हैं। बाहर चकाचक वाटर पोस्ट शहर के मोहल्लों को टक्कर देता दिखता है। ऐसा ही वाटर पोस्ट कंपोजिट स्कूल के सामने है, जो अब विद्यालय के बच्चों से घिरा है। यहां हर घर के आगे वाटर सप्लाई का नल है। पूछने पर पता चला कि दीपावली पर योगीजी हर घर नल योजना शुरू करेंगे।

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क्या कहते हैं गांव के मुखिया

दीपावली पर योगी जी गांव आते हैं और यहीं त्योहार मनाते हैं। यहां के लोगों को न वोट देने का अधिकार था और न तो कोई सुविधा। योगी जी मुख्यमंत्री बने तो 17 अक्टूबर, 2017 को हमें नागरिक के रूप में सम्मान दिलाने के साथ ही अपनी जमीन पर ईंट रखने का हक भी दे दिया। योगी जी हमारे महानायक हैं। -रामगनेश, मुखिया, जंगल तिनकोनिया-तीन

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