Air Pollution: गोरखपुर में आतिशबाजी के साथ चढ़ा सीओ2 का ग्राफ, सेहत के लिए बना खतरा
दीवाली की आतिशबाजी ने गोरखपुर के वायुमंडल में सीओ2 का स्तर बढ़ा दिया है। शाम ढलने के बाद सीओ2 का स्तर बढ़ता गया और आतिशबाजी थमने के साथ ही वह स्तर गिरता गया। सीओ2 के बढ़ने और क्रमश कम होने का आंकड़ा दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्राेफेसर डा. रामवंत गुप्ता की निगरानी से सामने आया है।
डा. राकेश राय, जागरण गोरखपुर। दीवाली की आतिशबाजी ने इस बार शहर के वायुमंडल का एक्यूआइ ही नहीं बढ़ाया बल्कि सीओ2 (कार्बन डाई आक्साइड) को भी खतरनाक स्तर तक पहुंचा दिया। शाम ढलने के बाद जैसे-जैसे आतिशबाजी का सिलसिला बढ़ता गया, सीओ2 का स्तर बढ़ता गया और आतिशबाजी थमने के साथ ही वह स्तर गिरता गया।
सीओ2 के बढ़ने और क्रमश: कम होने का आंकड़ा सामने आया दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्राेफेसर डा. रामवंत गुप्ता की निगरानी से।
डा. रामवंत ने दीवाली के दिन शाम चार बजे अपने मापक यंत्र से इसकी निगरानी शुरू की और रात दो बजे तक जारी रखी। निगरानी से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार रात नौ बजे सीओ2 का स्तर उस 600 पीपीए (पार्ट पर मिलियन) के करीब पहुंच गया, जो मानक का करीब ढाई गुणा है।
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सीओ2 का औसत मानक 420्र पीपीएम है। यानी इस स्तर पर सीओ2 का स्तर मनुष्य के लिए हानिकारक नहीं होता। सीओ2 का रात में इस तरह से बढ़ना और ज्यादा घातक इसलिए भी है, क्योंंकि रात में पौधे उसका अवशोषण बंद कर देते हैं।
सुबह छाया रहा धुंध। जागरण
ऐसे में उस दौरान वायुमंडल में व्याप्त सीओ2 तब तक बना रहता है, जबत क सुबह नहीं हो जाती और पौधे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया शुरू नहीं कर देते। डा. रामवंत निगरानी से निगरानी से प्राप्त आंकड़ों का एक सुझाव भरी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं, जिसे वह विश्वविद्यालय प्रशासन के माध्यम से पर्यावरण विभाग को सौंपेंगे ताकि उनके इस अध्ययन के जरिये विभाग आमजन को जागरूक कर सके। इसे भी पढ़ें- यूपी में गुलाबी ठंड की दस्तक, प्रदेश के पूर्वी इलाकों में बूंदाबांदी के आसार; पढ़ें मौसम अपडेटहानिकारक है इस तरह सीओ2 का बढ़ना : डा. रामवंतडा. रामवंत ने अपने अध्ययन के आधार पर बताया है कि आतिशबाजी के चलते इस तरह से सीओ2 का बढ़ना मनुष्य की सेहत के लिए हानिकारक है। जैसे-जैसे वायुमंडल में सीओ2 की मात्रा मानक से अधिक बढ़ती है, सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। चक्कर आने लगता है और चेतना की हानि होने लगती है। बंद स्थानों पर यह स्थिति दम घुटने का कारण भी बन सकती है। दीवाली की शाम से रात तक सीओ2 की स्थिति
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।ऐसे में उस दौरान वायुमंडल में व्याप्त सीओ2 तब तक बना रहता है, जबत क सुबह नहीं हो जाती और पौधे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया शुरू नहीं कर देते। डा. रामवंत निगरानी से निगरानी से प्राप्त आंकड़ों का एक सुझाव भरी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं, जिसे वह विश्वविद्यालय प्रशासन के माध्यम से पर्यावरण विभाग को सौंपेंगे ताकि उनके इस अध्ययन के जरिये विभाग आमजन को जागरूक कर सके। इसे भी पढ़ें- यूपी में गुलाबी ठंड की दस्तक, प्रदेश के पूर्वी इलाकों में बूंदाबांदी के आसार; पढ़ें मौसम अपडेटहानिकारक है इस तरह सीओ2 का बढ़ना : डा. रामवंतडा. रामवंत ने अपने अध्ययन के आधार पर बताया है कि आतिशबाजी के चलते इस तरह से सीओ2 का बढ़ना मनुष्य की सेहत के लिए हानिकारक है। जैसे-जैसे वायुमंडल में सीओ2 की मात्रा मानक से अधिक बढ़ती है, सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। चक्कर आने लगता है और चेतना की हानि होने लगती है। बंद स्थानों पर यह स्थिति दम घुटने का कारण भी बन सकती है। दीवाली की शाम से रात तक सीओ2 की स्थिति
समय | सीओ2 (पीपीएम) |
04 बजे | 435 |
05 बजे | 455 |
6 बजे | 475 |
07 बजे | 494 |
08 बजे | 517 |
09 बजे | 596 |
10 बजे | 546 |
11 बजे | 531 |
12 बजे | 530 |
01 बजे | 501 |
02 बजे | 440 |