घेर रही उदासी तो समय रहते हो जाएं सतर्क, बढ़ सकती है गंभीरता
गोरखपुर जिला अस्पताल के मानसिक रोग विशेषज्ञ डा. अमित शाही के अनुसार यदि उदासी घेर रही है तो व्यक्ति को कुछ भी अच्छा नहीं लगेगा। शुरू में ही इसका इलाज करवा कर बड़ी समस्या से बचा जा सकता है।
By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Mon, 24 Jan 2022 07:30 AM (IST)
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। ठंड के मौसम में उदासी व अवसाद मामले बढ़ जाते हैं। उदासी के लक्षण नजर आएं तो तो सतर्क हो जाने की जरूरत है, अन्यथा गंभीरता बढ़ सकती है, तब उपचार कठिन हो जाएगा। इससे बचने के लिए सुबह व दोपहर बाद की धूप लें और व्यायाम करें। भूलने की बीमारी वाले लोग भी सावधान रहें, खासकर इस बीमारी से ग्रसित बुजुर्गों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
रुचिकर कार्यों को करें, लोगों के बीच में बैठें
यह बातें जिला अस्पताल के मानसिक रोग विशेषज्ञ डा. अमित शाही ने कही। वह रविवार को दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम 'हैलो डाक्टर' में मौजूद थे। जनता के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यदि उदासी घेर रही है तो व्यक्ति को कुछ भी अच्छा नहीं लगेगा। दिन भर बिस्तर में पड़ा रहेगा। भोजन करना भी उसे बोझ लगने लगेगा। नहाना भूल जाएगा। रोना आएगा। इससे बचने के लिए धूप लें, रुचिकर कार्यों को करें, लोगों के बीच में बैठें, बातें करें। इससे यह बीमारी दूर रहेगी। बसंत ऋतु आते ही यह बीमारी कम होने लगती है। प्रस्तुत हैं प्रश्न-उत्तर।
प्रश्न- तीन-चार महीने से मेरे पैरों की नसें कड़ी हो जाती हैं, कुछ देर बाद अपने आप ठीक हो जाती हैं। -संगीता, राप्तीनगर।उत्तर- दूध व दूध के पदार्थों का ज्यादा सेवन करें। भोजन में फल व हरी सब्जियां शामिल करें। हर चार घंटे पर कुछ खाते-पीते रहें। व्यायाम या योगासन करें। आराम न मिले तो जिला अस्पताल में आकर दिखा लें।
प्रश्न- जननी सुरक्षा योजना के तहत मेरी पत्नी को पहली संतान होने के बाद कोई लाभ नहीं मिला था। अब दूसरी संतान के रूप में एक बच्ची पैदा हुई है, क्या इस योजना के तहत लाभ मिल सकता है? -विंद्रेश चौहान, टिकरिया जंगल।
उत्तर- इसके लिए अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। वहां से सारी जानकारी मिल जाएगी।प्रश्न- मुझे झटके आते थे। न्यूरो की दवा चल रही है। 2011 से झटके नहीं आए हैं। क्या मैं कोरोनाराेधी टीका लगवा सकता हूं? -एक मरीज, तेनुआ टोल प्लाजाउत्तर- आप टीका लगवा सकते हैं, दवा खाते रहिए।प्रश्न- मुझे तीन दिन से सर्दी-जुकाम व बुखार है, यह कोरोना तो नहीं। -उर्मिला दूबे, महुआडाबर
उत्तर- घबराएं नहीं। नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर कोरोना की जांच करा लें। कोरोना हुआ भी तो दवा से ठीक हो जाएगा।प्रश्न- मेरी पत्नी को छह माह पहले बच्चा पैदा हुआ है। क्या वह कोरोनारोधी टीका लगवा सकती हैं? -राकेश मद्धेशिया, बसंतपुर।उत्तर- अब सरकार ने गर्भवती व दूध पिलाने वाली माताओं के टीकाकरण की अनुमति प्रदान कर दी है। वह टीका लगवा सकती हैं।प्रश्न- कोई मुझे देखता है तो लगता है कि वह मेरे बारे में सोच रहा है। मुझे हर आदमी पर शक होता है। कानों में हमेशा कोई आवाज आ रही है। लगता है जैसे कोई बात कर रहा है। -एक मरीज, रुस्तमपुर
उत्तर- यह एक जटिल रोग है लेकिन दवा से ठीक रहता है। आप सोमवार को जिला अस्पताल में आकर दिखा लें।प्रश्न- कोरोना तेजी से फैल रहा है। बच्चों को कैसे बचाएं? -राजीव रंजन, आम बाजार।उत्तर- कोरोना से बचाव के जो प्रोटोकाल बड़ों के लिए हैं, वहीं बच्चाें के लिए भी हैं। बाहर से घर जा रहे हैं तो बच्चों के पास न जाएं। हाथ सैनिटाइज कर गर्म पानी से नहाने के बाद मास्क लगाएं, तब बच्चों को छुएं। बच्चों दूर रह सकें तो ज्यादा अच्छा है।
प्रश्न- मेरा कुछ करने का मन नहीं करता है। छोटी-छोटी बात पर चिढ़ जाती हूं। बच्चों को मार देती हूं, फिर पछताती हूं। - एक मरीज, इलाहीबाग।उत्तर- यह एक बीमारी है। आप जिला अस्पताल में आकर दिखा लें। ठीक हो जाएगी।प्रश्न- पिछले जून में मुझे कोरोना हो गया था। मैंने वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली है। क्या मुझे फिर कोरोना हो सकता है?उत्तर- वैक्सीन आपके अंदर प्रतिरोधक क्षमता विकसित करती है। यदि कोरोना आपके अंदर आया तो आपकी शरीर उसे प्रभावी नहीं होने देगी। फिर भी मास्क लगाएं और शारीरिक दूरी का पालन करते रहें।
प्रश्न- मुंबई में मेरी दवा चलती थी। एक साल पहले वहां से चला गया। तबसे दवा नहीं खाया है। चिड़चिड़ापन बढ़ गया है। -एक मरीज, सिंघड़ियाउत्तर- अपनी बीमारी से संबंधित सभी कागजात लेकर सोमवार को जिला अस्तपाल आ जाएं। आपकी दवा पुन: शुरू कर दी जाएगी।इन्होंने भी पूछे प्रश्नअलीनगर से राधेश्याम वर्मा, अशोक गुप्ता, बशारतपुर से हर्ष कुमार, बिछिया से राधारमण, सूर्यकुंड से विवेक अग्रहरि, कूड़ाघाट से रमेश सिंह, मोहद्दीपुर से रचित श्रीवास्तव व रुस्तमपुर से अभिषेक शर्मा ने भी प्रश्न पूछे।
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