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यदि फूलती हो सांस तो जरूर करा लें हार्ट की जांच, गोरखपुर में बैडमिंटन खेलते समय छात्रा की मौत के बाद डॉक्टरों ने किया सावधान

डीएवी पीजी कालेज में अन्य छात्राओं को देख गौरी भी मैदान में पहुंच गई। थोड़ी ही देर बैडमिंटन खेला कि अचानक गश खाकर वह गिर गई। इसके बाद उठी नहीं तो उसे छात्राओं ने जिला अस्पताल पहुंचाया जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना को लेकर डॉक्टरों से बात की गई तो उन्होंने सावधानी बरतने की सलाह दी है।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Sun, 03 Dec 2023 08:53 AM (IST)
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डाक्टरों ने दिल की बीमारी को लेकर सावधानी बरतने को कहा। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। 18 वर्ष की गौरी मिश्रा की बैडमिंटन खेलते समय शुक्रवार को मौत हो गई। वह ठंड के दिनों में घर में कभी-कभार बैडमिंटन खेलती थी। डीएवी पीजी कालेज में उसने बैडमिंटन खेलते अन्य छात्राओं को देखा तो मैदान में पहुंच गई। थोड़ी ही देर बैडमिंटन खेला कि अचानक गिर गई। सहारा देने वाली छात्रा का कहना था कि गौरी अचानक लड़खड़ाई तो लगा कि गर्मी से गश आ गया, लेकिन वह उठी नहीं। जिला अस्पताल में डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। दैनिक जागरण ने हृदय रोग विशेषज्ञों से बात की तो उन्होंने इसे सडेन कार्डियक अरेस्ट यानी अचानक हृदय गति का बंद हो जाना बताया।

नानी के लिए मंगाया था आर्टिफिशियल हार

गौरी का शनिवार शाम भटहट के बरगदही में अंतिम संस्कार कर दिया गया। पिता राजेश मिश्र कहते हैं कि गौरी ने नानी के लिए आर्टिफिशियल हार का आर्डर दिया था। शुक्रवार को उसके पास हार डिलीवरी करने वाले का फोन आया तो उसने भाई को बताया। भाई ने हार घर पहुंचा दिया। इसके बाद गौरी से बात नहीं हुई। राजेश कहते हैं, ‘गौरी से बहुत उम्मीदें थीं। कालेज में यदि प्राथमिक उपचार की व्यवस्था और वाहन की सुविधा होती तो हो सकता है कि मेरी बेटी गौरी आज मेरे साथ रहती।’।

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क्या कहते हैं विशेषज्ञ

हार्ट अटैक के कई कारण हो सकते हैं। खेलते समय भी लोगों की मृत्यु हो जाती है। अगर किसी को सांस लेने में दिक्कत हो या धड़कन ऊपर-नीचे होती हो तो हृदय की जांच जरूर करा लें। यह सबके लिए जरूरी है। -डा. दीपक तिवारी, हृदय रोग विशेषज्ञ

खिलाड़ियों में हार्ट अटैक के कई मामले मिले हैं। अचानक खेलना या बिना आदत ज्यादा देर तक खेलने वालों में कई बार समस्या देखी गई है। हृदय की मांसपेशियां ज्यादा मोटी हो जाती हैं। इसे हाइपरट्रोफिक कार्डियोमायोपैथी (एचसीएम) कहते हैं। -डा. दिनेश सिंह, हृदय रोग विशेषज्ञ

युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं, इसलिए युवा हों या बुजुर्ग, बदलते मौसम में विशेष सावधानी बरतें। क्षमता से अधिक मेहनत करने से बिल्कुल बचें। घर में हृदय रोग की हिस्ट्री है तो और सावधानी बरतें। -डा. राज किशोर सिंह, फिजिशियन, बीआरडी मेडिकल कालेज

हाल में इस तरह के कई मामले आए हैं की नाचते हुए, दौड़ते हुए लोग अचानक गंभीर हुए और फिर उनकी मौत हो गई। यह चिंताजनक है। फिलहाल जब तक शोधों से इसका कोई सही कारण सामने नहीं आ जाता, तब तक सभी को बचाव करने की जरूरत है। -डा. बीके सुमन, फिजिशियन, जिला अस्पताल

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