यूपी के इस शहर में सिस्टम है ऑनलाइन पर ड्राइविंग टेस्ट होता है ऑफलाइन, सिस्टम पर उठ रहा सवाल लेकिन...
कुशल चालक तैयार करने के लिए परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए भी आनलाइन टेस्ट की व्यवस्था की है। ड्राइविंग ट्रैक पर 40 टावर पर दर्जनों सीसी कैमरे और सिग्नल लगाए गए हैं। परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस का टेस्ट सीसी कैमरे की नजर में होगी। अभ्यर्थी दो और चार पहिया वाहनों को चलाकर टेस्ट देंगे। ट्रैक पर थोड़ी सी गड़बड़ी होने पर सिस्टम पकड़ लेगा।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। इसे विभागीय उदासीनता कहें या सिस्टम की खामी। परिवहन विभाग (आरटीओ) शहीद बंधू सिंह चालक प्रशिक्षण केंद्र (डीटीआइ) चरगांवा में लगा कंप्यूटराज्ड सिस्टम हैंडओवर होने के बाद भी चालू नहीं कर सका है। यह सिस्टम भी दो माह पहले लग गया था।
कार्यदायी संस्था ने सिस्टम का परीक्षण भी कर लिया है। आधुनिक ट्रैक के आनलाइन सिस्टम पर भी परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस का मैनुअल टेस्ट लिया जा रहा है। टेस्ट के नाम पर अभी भी खानापूरी हो रही है। विभागीय कर्मचारी फाइलों में ही अपने हिसाब से टेस्ट की प्रक्रिया पूरी कर ले रहे हैं।
संभागीय निरीक्षक (आरआई) सीमा गौतम का कहना है कि डीटीआइ में कंप्यूटराइज्ड सिस्टम लग गया है, लेकिन अभी नए सिस्टम पर टेस्ट नहीं लिया जा रहा। संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) रामबृक्ष सोनकर कहते हैं कि डीटीआइ में आनलाइन टेस्ट के लिए कंप्यूटराइज्ड सिस्टम लग गया है और कंपनी ने विभाग को हैंडओवर भी कर दिया है।
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आनलाइन टेस्ट शुरू हो जाना चाहिए, लेकिन अभी तक शुरू क्यों नहीं हुआ, इसको लेकर आरआइ और सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) को तलब कर पूछताछ की जाएगी। जल्द ही आनलाइन सिस्टम लागू करा दिया जाएगा।
दरअसल, शासन ने कुशल चालक तैयार करने के लिए डीटीआइ में लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस की तरह परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए भी आनलाइन टेस्ट की व्यवस्था की है। लेकिन परवान चढ़ने से पहले ही यह व्यवस्था धड़ाम होती नजर आ रही है।
ड्राइविंग ट्रैक पर 40 टावर पर दर्जनों सीसी कैमरे और सिग्नल लगाए गए हैं। परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस का टेस्ट सीसी कैमरे की नजर में होगी। अभ्यर्थी दो और चार पहिया वाहनों को चलाकर टेस्ट देंगे। ट्रैक पर थोड़ी सी गड़बड़ी होने पर सिस्टम पकड़ लेगा।
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ड्राइविंग ट्रैक पर टेस्ट के दौरान सिग्नल रेड होते ही अभ्यर्थी स्वत: फेल हो जाएंगे। ग्रीन सिग्नल पर ही अभ्यर्थी पास माने जाएंगे। मैनुअल टेस्ट पूरी तरह बंद हो जाएगा। नई व्यवस्था लागू हो जाने से कुशल चालकों को ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी होंगे। कार्य प्रणाली सरल होने के साथ सिस्टम भी पारदर्शी हो जाएगा। अराजकतत्वों पर अंकुश लगने के साथ दलालों की सक्रियता पर भी लगाम लग जाएगी।डीटीआइ में चलेगी चालकों की पाठशााला
आने वाले दिनों में डीटीआइ में ड्राइविंग की पाठशाला भी चलेगी। ड्राइविंग ट्रैक पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा सेमुलेटर पर भी प्रशिक्षण की सुविधा होगी। भवन के भूतल पर प्रयोगशाला होगी। हल्के एवं भारी वाहनों के अभ्यास के लिए दो कंप्यूटर कक्ष होंगे।प्रथम तल पर सेंटर हेड कक्ष, सर्विलांस कक्ष, सभागार, अभ्यर्थियों के लिए क्लास रूम और 100 लोगों के लिए आडिटोरियम होगा। दूर-राज के अभ्यर्थियों के लिए हास्टल की सुविधा मिलेगी। प्रशिक्षण के अलावा ठहरने, नाश्ता और भोजन के लिए न्यूनतम शुल्क निर्धारित होगा।
कोई भी व्यक्ति प्रशिक्षण प्राप्त कर अपना लाइसेंस बनवा सकता है। प्रशिक्षण के लिए न्यूनतम एक माह की अवधि निर्धारित की गई है। प्रशिक्षण के साथ यातायात के नियमों की समुचित जानकारी भी दी जाएगी। निगरानी के लिए संभागीय निरीक्षक तैनात होंगे। उनकी देखरेख में ही प्रशिक्षण के बाद ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए जाएंगे।
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