UP News: गोरखपुर में बंद दुकान से बिक गई चार करोड़ की नशे की दवा, छापा पड़ा तो मचा हड़कंप
गोरखपुर के भालोटिया मार्केट में एक बंद दवा की थोक दुकान से 4 करोड़ रुपये से अधिक की नारकोटिक्स दवाओं की बिक्री का मामला सामने आया है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की टीम ने छापा मारा तो दुकान का कोई अस्तित्व नहीं मिला। दुकान के मालिक अंबर गुप्ता के पिता अरुण गुप्ता से पूछताछ की गई है। एनसीबी ने अंबर गुप्ता को एक नवंबर को लखनऊ बुलाया है।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। भालोटिया मार्केट में बंद हो चुकी दवा की थोक दुकान अंबर फार्मा के लाइसेंस पर नारकोटिक्स ग्रुप की चार करोड़ रुपये से ज्यादा की दवाओं की बिक्री हुई है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की टीम ने शुक्रवार शाम पशुपति दवा बाजार में छापा मारा तो दुकान का कोई अस्तित्व नहीं मिला।
टीम ने अंबर फार्मा के प्रोपराइट अंबर गुप्ता के पिता अरुण गुप्ता से पूछताछ की। अरुण गुप्ता की गुप्ता मेडिकल एजेंसी के नाम से पशुपति दवा बाजार में दुकान है। बातचीत के दौरान टीम और प्रोपराइटर के पिता के बीच जमकर नोकझोंक भी हुई। टीम ने समन देकर अंबर गुप्ता को एक नवंबर को लखनऊ बुलाया है।
अंबर गुप्ता ने तकरीबन छह महीने पहले दुकान बंद कर दी। वह अपने ससुराल सुल्तानपुर चला गया। इस बीच दुकान का लाइसेंस नवीनीकृत करा दिया। दुकान बंद होने के बाद भी वह लाइसेंस पर खरीद और बिक्री करता रहा। ज्यादातर दवाएं नारकोटिक्स ग्रुप की ही खरीदी गई हैं।
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इन दवाओं का इस्तेमाल मानसिक रोगों में किया जाता है लेकिन कई लोग इनका इस्तेमाल नशे के रूप में करते हैं। एनसीबी के इंस्पेक्टर अनूप गैरोला, सब इंस्पेक्टर रविरंजन पशुपति दवा बाजार पहुंचे तो अंबर फार्मा की जगह दूसरे नाम से फर्म मिली। दुकानदारों ने बताया कि अंबर के पिता की भी इसी बाजार में दवा की दुकान है। इसके बाद टीम पिता अरुण गुप्ता के पास पहुंची।
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