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Arms License: गोरखपुर में रोक के बीच पांच सालों में जारी हुआ पहला शस्त्र लाइसेंस, स्पोर्ट्स कोटे से सिर्फ 12 हुए हैं जारी

गोरखपुर में रोक के बीच पांच सालों में सामान्य श्रेणी में विधायक का पहला लाइसेंस जारी हुआ है। इस लाइसेंस को लेकर आवेदन काफी पहले ही हुआ था लेकिन पुलिस की रिपोर्ट लगने में लंबा समय लग गया। हालांकि स्पोर्ट्स कोटे से 12 लाइसेंस जारी हुए हैं। बता दें कि तत्कालीन डीएम के. विजयेंद्र पांडियन ने नए शस्त्र लाइसेंस पर रोक को लेकर सख्ती शुरू की थी।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Thu, 07 Dec 2023 09:18 AM (IST)
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रोक के बीच पांच साल में जारी हुआ पहला शस्त्र लाइसेंस। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

अरुण चन्द, गोरखपुर। गोरखपुर में नए शस्त्र लाइसेंस को लेकर चल रही सख्ती के बीच पांच साल में अब पहला शस्त्र लाइसेंस जारी किया गया है। सिंगल बैरल का यह लाइसेंस एक विधायक को जारी हुआ है। इस बीच स्पोर्ट्स कोटे से शूटिंग के 12 खिलाड़ियों को लाइसेंस जारी हुए हैं मगर, सामान्य श्रेणी में लाइसेंस नहीं जारी किए जा रहे थे। इस लाइसेंस को लेकर आवेदन काफी पहले ही हुआ था लेकिन, पुलिस की रिपोर्ट लगने में लंबा समय लग गया। हालांकि जिला प्रशासन अभी भी कोई नया लाइसेंस जारी होने से इनकार कर रहा है।

वर्ष 2013 में शुरू हुई थी शस्त्र लाइसेंस पर सख्ती

वर्ष 2013 में गोरखपुर डीएम का चार्ज लेते ही रवि कुमार एनजी ने सबसे पहले शस्त्र लाइसेंस पर सख्ती शुरू की थी। उन्होंने आवेदन पत्रों की बिक्री तक पर रोक लगा दी थी। उसी दौरान शासन स्तर से भी सख्ती शुरू कर दी गई। करीब साल-दो साल बाद गिनती के कुछ लाइसेंस जारी हुए मगर, मार्च 2018 में डीएम का कार्यभार संभालते ही के. विजयेंद्र पांडियन ने फिर से नए शस्त्र लाइसेंस को लेकर सख्ती शुरू कर दी।

हालांकि जनवरी 2019 में आवेदन पत्रों की बिक्री शुरू की गई थी और 24 दिन में ही चार हजार लोगों ने आवेदन पत्र खरीद लिए थे। कुछ दिन बाद दूसरे चरण में करीब दो हजार और आवेदन पत्र छप कर आए और सप्ताह भर में ही उनकी भी बिक्री हो गई। आवेदन पत्रों की बिक्री से लोगों को उम्मीद जगी थी कि अब लाइसेंस जारी होंगे। लोगों ने आवेदन पत्र भरकर जमा किए। कई आवेदकों की तहसील और पुलिस विभाग की रिपोर्ट लगने के बाद फाइल डीएम कार्यालय भी पहुंची। अभी इसपर कुछ विचार होता कि इसी बीच अगस्त 2019 में फर्जी शस्त्र लाइसेंस का मामला सामने आने के बाद डीएम पांडियन ने लाइसेंस जारी करने पर पूरी तरह से रोक लगा दी।

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जुलाई 2021 में उनके प्रतिनियुक्ति पर जाने के बाद यहां डीएम बने विजय किरन आनंद ने भी रोक का यह सिलसिला जारी रखा जो तब से चल ही रहा था। सिर्फ शूटिंग से जुड़े खिलाडि़यों को 12 लाइसेंस जारी किए गए। मगर, सामान्य श्रेणी में किसी को लाइसेंस नहीं जारी हो रहा था। लंबे इंतजार के बाद पिछले महीने नवंबर के दूसरे पखवारे में जिले के एक विधायक को सिंगल बैरल का एक लाइसेंस जारी किया गया है।

विधायक के नाम रिवाल्वर का भी लाइसेंस

जिस विधायक को सिंगल बैरल का लाइसेंस जारी हुआ है, उनके नाम रिवाल्वर का भी लाइसेंस है। उन्होंने पहले रायफल का लाइसेंस बनवाया था मगर दिसंबर 2022 में इसे बदलवाकर रिवाल्वर करा लिया।

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खिलाड़ियों को दस महीने में 12 लाइसेंस जारी हुए

दस महीने के भीतर निशानेबाजी से जुड़े खिलाड़ियों को 12 लाइसेंस जारी हुए हैं । इनमें एक को छोड़कर बाकी 11 लाइसेंस इसी वर्ष जारी हुए हैं। मोहद्दीपुर के रहने वाले 17 वर्षीय शूटिंग के खिलाड़ी रुद्रवीर को छह लाइसेंस जारी हुए हैं। रुद्रवीर के अलावा अन्य खिलाड़ियों में यशवीर सिंह के नाम दो और मोहम्मद अहमद हुसैन, कुंवर युवराज सिंह, इलहान मुर्शरफ हसन, मोहम्मद मुकीम सिदद्की के नाम पर एक-एक लाइसेंस जारी किए गए हैं। ये सभी शस्त्र लाइसेंस नवंबर, 2022 से लेकर अगस्त, 2023 के बीच जारी हुए हैं और ये खिलाड़ी भी प्रदेश स्तर से लेकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्री स्तर पर अपनी मेधा का प्रदर्शन कर अपने जनपद, प्रदेश और देश का नाम रोशन कर रहे हैं।

क्या कहते हैं अधिकारी

नए शस्त्र लाइसेंस नहीं जारी किए जा रहे हैं। किसी को लाइसेंस जारी हुआ है, इसकी जानकारी मुझे नहीं है। पता कराऊंगा। सिर्फ निशानेबाजी से जुड़े खिलाड़ियों को प्राथमिकता के आधार पर शस्त्र लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं।

- अंजनी सिंह, प्रभारी अधिकारी शस्त्र/ अपर जिलाधिकारी (नगर)