Flour Price Hiked: आसमान पहुंचा आटा व चावल का भाव, एक माह में ही इतना बढ़ गया मूल्य
Flour and Rice Price Hiked आटा व चावल समेत कई खाद्य सामग्रियों की कीमत आसमान पहुंच गई है। एक माह के भीतर ही आटा व चावल के मुल्य में पांच से लेकर दस रुपये प्रति किलो तक बढ़ गई है।
By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Mon, 12 Sep 2022 07:02 AM (IST)
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। महंगाई की मार से आम जनता बेहाल है। इसका सीधा असर लोगों की जेब पर पड़ रहा है। केंद्र सरकार का दावा है कि खुदरा महंगाई दर पहले की तुलना में कम हो गई है, लेकिन हकीकत यह है कि खुदरा महंगाई आज भी आमजनों को रुला रही है। सरकार ने जीएसटी की दरें बढ़ा दी हैं। कई वस्तु ऐसी भी हैं, जिन्हें पहली बार जीएसटी के दायरे में लाया गया है। जिसका सीधा असर रोजमर्रा की वस्तुओं पर पड़ रहा है। आटे के भाव प्रति क्विंटल माह भीतर पांच से सात सौ रुपये तक बढ़े हैं, जो अपने आप में एक रिकार्ड है।
इन खाद्य सामग्रियों का मूल्य भी आसमान पर पहुंचाखाद्य सामग्रियों के मूल्य में वृद्धि के कारण कम आय, नौकरीपेशा और मध्यम वर्ग की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस की कीमतें ने आग में घी का काम कर रहीं हैं। आवश्यक घरेलू वस्तुओं में तेजी से लोगों के घर का बजट बिगड़ गया है। महंगाई की मार सिर्फ आटा, चावल दाल पर नहीं है बल्कि धनिया, जीरा और हल्दी ने भी अपने रिकार्ड तोड़ दिए हैं।
महीने के बाजार में कटौती कर महंगाई पर काबू पाने की कर रहे कोशिशगोलघर के किराना व्यापारी निकुंज टेकड़ीवाल ने बताया कि जिस तरह से रोजमर्रा में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाले खाद्य सामग्री आटा, चावल व दाल के भाव में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इससे यह लगने लगा है कि यदि मूल्यों पर नियंत्रण नहीं किया गया तो लोगों को खासकर गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों को घर चलाना मुश्किल हो जाएगा। महंगाई के कारण लोगों ने सामानों में कटौती तक करनी शुरू कर दी है।
माह भीतर प्रमुख खाद्य सामग्रियों की कीमतों में वृद्धिजुलाई 2022 अगस्त 2022 आटा 180 रु. (प्रति 5 किग्रा) 210 रुपयेअरहर दाल 100 रु.प्रति किग्रा 120-130चावल 26 रु.प्रति किग्रा 35 रु.प्रति क्रिग्राजीरा 250 से 280 रु. प्रति किग्रा 300 से 360 रु. प्रति किग्राचूड़ा 35 से 40 रु. प्रति क्रिग्रा 45-50 रु.प्रति किग्रा100 दिन का रोजगार दिलाने को प्रशासन ने कसी कमर
मनरेगा के तहत 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। दैनिक जागरण में धरातल पर मनरेगा से जुड़ी समस्याओं को लेकर चलाए गए अभियान के बाद प्रशासन ने अधिक से अधिक लोगों को 100 दिन का रोजगार प्रदान करने के लिए मुहिम चलाने का निर्णय लिया है। इसके लिए हर गांव में जरूरतमंद परिवारों को चिह्नित कर उन्हें 100 दिन का रोजगार प्रदान किया जाएगा और मनरेगा के तहत होने वाले हर कार्य की नियमित रूप से निगरानी होगी।
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