एमएमएमयूटी में पढ़ाई जाएगी फ्रेंच, जर्मन, रसियन और स्पेनिश भाषा- तैयारी शुरू
Languages taught in MMMUT मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT) में फ्रेंच जर्मन रसियन और स्पेनिश भाषा की पढ़ाई होगी। इसके अलावा यहां अब माजशास्त्र मनोविज्ञान और अर्थशास्त्र के रोजगारपरक पाठ्यक्रम भी पढ़ाए जाएंगे। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है।
By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Wed, 16 Mar 2022 10:18 PM (IST)
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में बहुत जल्द फ्रेंच, जर्मन, रसियन, स्पेनिश और जापानी भाषा की पढ़ाई शुरू होगी। इसकी भूमिका लगभग तैयार हो चुकी है। इसके लिए विश्वविद्यालय में अलग से मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग की स्थापना होने जा रही है। इस विभाग में विदेशी भाषाओं के साथ समाजशास्त्र, मनोविज्ञान और अर्थशास्त्र के रोजगारपरक पाठ्यक्रम भी पढ़ाए जाएंगे। विश्वविद्यालय की विद्या परिषद ने विभाग की स्थापना को मंजूरी दे दी है। अब प्रबंध बोर्ड से मंजूरी लेने की तैयारी है।
विद्या परिषद की मिल चुकी है मंजूरी, प्रबंध बोर्ड की मंजूरी की है तैयारी विश्वविद्यालय में फिलहाल मानविकी और प्रबंधन विभाग साथ-साथ संचालित होता है। इस विभाग में बीबीए और एमबीए पाठ्यक्रम का संचालन तो होता है, लेकिन मानविकी के विषय उपेक्षित रहे हैं। इसका संज्ञान लेते हुए कुलपति ने मानविकी से जुड़े पाठ्यक्रमों के सुचारु रूप से संचालन के लिए विभाग को दो भाग में बांटने का निर्णय लेते हुए इसके लिए पांच अधिष्ठाताओं की कमेटी गठित कर दी। इनमें डीन यूजी प्रो. पीके सिंह, डीन पीजी प्रो. एसके श्रीवास्तव, डीन प्लानिंग प्रो. गोविंद पांडेय, डीन फैकेल्टी अफेयर डा. डीके द्विवेदी और डीन स्टूडेंट अफेयर प्रो. एएन तिवारी को शामिल किया।
कमेटी ने जब मानविकी विभाग को अलग करने से संबंधित अपनी रिपोर्ट दी तो उसे विद्या परिषद के समक्ष रखा, जिसमें परिषद के सदस्यों ने इस निर्णय को तत्काल मंजूरी दे दी। प्रबंध बोर्ड की अनुमति मिलने के बाद विभाग के गठन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। विभाग बनने के बाद पाठयक्रम का प्रारूप तैयार किया जाएगा, जिसके लिए अलग से कमेटी गठित की जाएगी।विभाग में संचालित होंगे डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स
विश्वविद्यालय द्वारा तैयार की गई प्राथमिक योजना के मुताबिक मानविकी विभाग में मनोविज्ञान, समाजशास्त्र विभाग और अर्थशास्त्र विषय से जुड़े उन पाठ्यक्रमों का संचालन किया जाएगा, जिनकी आज की तारीख में बाजार में डिमांड है। इसके पीछे विश्वविद्यालय की मंशा विभाग से कोर्स करने वाले विद्यार्थियों के लिए रोजगार सुनिश्चित करना है। विभाग में इन विषयों से जुड़े डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने की तैयारी है। कोर्स का निर्णय प्रबंध बोर्ड से विभाग की स्थापना की मंजूरी मिलने के बाद होगा।
मानविकी से जुड़े बहुत से विषयों की रोजगार की दृष्टि से बाजार में काफी डिमांड है। विदेशी भाषाओं का ज्ञान भी पूर्वांचल के छात्र अर्जित करना चाहते हैं। इसे ध्यान में रखकर ही मानविकी एवं प्रबंधन विभाग को अलग करने का निर्णय लिया गया है। इससे मानविकी विभाग को तवज्जो मिल सकेगी तो प्रबंधन विभाग का और विकास सुनिश्चित हो सकेगा। मानविकी विभाग से फ्रेंच, जर्मन, रसियन, स्पेनिश और जापानी भाषा की पढ़ाई शुरू कराने की योजना है। - प्रो. जेपी, पांडेय, कुलपति, एमएमएमयूटी।
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