Amarmani Tripathi: अपहरण का मुकदमा बढ़ा सकता है अमरमणि की परेशानी, 22 साल पुराने मामले में नहीं हो रहे हाजिर
पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी को मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में तो राहत मिल गई लेकिन 22 साल पुराने अपहरण के मामले में कोर्ट में हाजिर न होने पर उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बस्ती के एमपी-एमएलए कोर्ट में विचाराधीन इस मामले में कोर्ट ने हाजिर न होने पर नाराजगी जताई है। अदालत ने पूछा है- आखिर कौन सी बीमारी है जो अमरमणि आ नहीं सकते?
गोरखपुर, जागरण टीम। मधुमिता शुक्ला हत्याकांड (Madhumita Shukla Murder Case) में सजा माफी के बावजूद पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी (Amarmani Tripathi) की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रहीं। बस्ती के एमपी-एमएलए कोर्ट में विचाराधीन अपहरण के 22 वर्ष पुराने मामले में उनके हाजिर न होने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई है। न्यायाधीश प्रमोद गिरी ने 14 अगस्त को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) गोरखपुर से पूछा था कि अमरमणि को कौन सी बीमारी है कि वह कोर्ट नहीं आ सकते।
न्यायालय ने सीएमओ को मेडिकल बोर्ड बनाकर अमरमणि की स्वास्थ्य जांच कराकर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। बस्ती के कोतवाल विनय पाठक ने शुक्रवार को कोर्ट के आदेश की प्रति सीएमओ को प्राप्त करा दी। इस मामले की 28 अगस्त को सुनवाई होनी है। अमरमणि वर्तमान में बीआरडी मेडिकल कालेज, गोरखपुर में भर्ती होकर डा. तपस कुमार आइच की निगरानी में मानसिक रोग का उपचार करा रहे हैं।
यह है मामला
बस्ती, कोतवाली क्षेत्र के गांधीनगर के धर्मराज गुप्ता के पुत्र का वर्ष 2001 में अपहरण हो गया था। पुलिस ने अपहृत को तत्कालीन विधायक अमरमणि त्रिपाठी के लखनऊ स्थित आवास से बरामद किया था। इस मामले में पूर्व विधायक समेत नौ लोग आरोपित हैं। इनमें पूर्व विधायक अमरमणि त्रिपाठी, नैनीश शर्मा व शिवम उर्फ रामयज्ञ कोर्ट से गैरहाजिर चल रहे हैं। जिससे मुकदमे की कार्यवाही लंबित है।
एमपी-एमएलए कोर्ट ने गत 14 अगस्त को इस मामले की सुनवाई करते हुए आदेश दिया था। 24 अगस्त को सुनवाई के दिन कोतवाल ने रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की, तो न्यायालय ने कोतवाल को तामीला रिपोर्ट पेश करने का आदेश देते हुए गैरहाजिर चल रहे दूसरे आरोपित नैनीश शर्मा के विरुद्ध कुर्की का आदेश जारी किया।
क्या कहते हैं अधिकारी
सीएमओ गोरखपुर आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि कोर्ट का आदेश मिला है। इसके अनुपालन में जल्द मेडिकल बोर्ड गठित कर अमरमणि त्रिपाठी के स्वास्थ्य की जांच कराकर बस्ती के एमपी-एमएलए कोर्ट में रिपोर्ट पेश की जाएगी।