Gorakhpur News: एमएमयूटी दीक्षा समारोह में बोले नंबी नारायणन, 'नासा' की तरह 'आसा' के लिए पहल करे भारत
मदनमोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में दीक्षा समारोह का आयोजन हुआ। कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने 19 टापरों को 42 मेडल से सम्मानित किया और 1462 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की। मुख्य अतिथि इसरो के विज्ञानी नंबी नारायणन और विशिष्ट अतिथि प्रदेश सरकार के प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने उपाधि प्राप्त करने वालों को संबोधित किया। समारोह में उपाधिधारकों और टापरों को बधाई और फोटो सेशन का दौर चला।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व वरिष्ठ विज्ञानी एस. नंबी नारायणन ने भारत को नासा के तर्ज पर आसा (एशियाई अंतरिक्ष एजेंसी) बनाए जाने की पहल करने की सलाह दी है। पद्म भूषण से अलंकृत नंबी नारायणन ने कहा, आज हम अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।
अंतरग्रहीय यात्रा पर कार्य करने जा रहे हैं। इसके लिए आसा का गठन किया जाना चाहिए और उसमें वियतनाम, थाईलैंड, मलेशिया, सिंगापुर, श्रीलंका, मालदीव, जापान के अलावा खाड़ी देशों को भी शामिल करना चाहिए। गुरुवार को वह मदनमोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमयूटी) के दीक्षा समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि इसरो की विकास यात्रा की चर्चा करते हुए भविष्य की कार्ययोजना गिनाई। इसे शुरू करने का श्रेय विक्रम साराभाई को जाता है, जिन्होंने अमेरिका, रूस और फ्रांस का अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग किया, उन देशों को भारत के पक्ष में करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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साराभाई के निधन के बाद बतौर इसरो अध्यक्ष प्रो. सतीश धवन यूआर राव ने उनके कार्य को आगे बढ़ाया। इसी क्रम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र की स्थापना हुई, जो त्रिवेंद्रम में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का एक प्रमुख अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र है। इसरो के प्रयास का ही नतीजा है कि आज भारत चंद्रयान, मंगलयान व गगनयान के लक्ष्य को साध रहा है।