UP: पूर्व केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल को 45 साल पुराने मुकदमे में मिली जमानत
पूर्व केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री के विरुद्ध 1975 में मुकदमा दर्ज हुए मुकदमेे में उन्हें जमानत मिली है। राजनीतिक गतिविधियों शामिल रहने की वजह से उनके विरुद्ध यह मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने इस मामले में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था।
By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Thu, 05 Nov 2020 06:35 PM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। 45 साल पहले कोतवाली थाने में दर्ज बलवा, मारपीट और लूट के मुकदमे में सांसद और पूर्व केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक की कोर्ट में हाजिर हो हुए। इस दौरान अदालत से उन्होंने जमानत देने का अनुरोध किया। बचाव और अभियोजन का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने उनकी जमानत मंजूर कर ली।
1975 में दर्ज हुआ था बलवा, मारपीट व लूट का मुकदमापूर्व केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री के विरुद्ध 1975 में मुकदमा दर्ज हुआ था। उस समय वह विद्यार्थी थे तथा छात्र राजनीति में सक्रिय थे। राजनीतिक गतिविधियों शामिल रहने की वजह से उनके विरुद्ध यह मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने इस मामले में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। मुकदमे की सुनवाई शुरू होने पूर्व मंत्री के हाजिर न होने पर अदालत ने 1988 में उनके विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था।
कुर्की की नोटिस जारी करने पर कोर्ट में हाजिर हुए पूर्व मंत्रीअक्टूबर 2020 में कुर्की की नोटिस भी जारी हो गई। पूर्व वित्त राज्य मंत्री दिन में 11 बजे के आसपास अदालत पहुंचे और करीब शाम चार बजे तक कानूनी औपचारिकता पूरी करते रहे। बचाव और अभियोजन की दलील सुनने के बाद अदालत ने जमानत का पर्याप्त आधार पाते हुए उनकी जमानत मंजूर कर ली। बाद में पूरे मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि मुकदमे की कार्यवाही के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी। जिसकी वजह से वह नियत समय पर अदालत में उपस्थित नहीं हो सके। उन्होंने अदालती कार्रवाई में पूरा सहयोग करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।