भगवान बुद्ध की 1200 साल पुरानी मूर्ति के साथ चार गिरफ्तार
भगवान बुद्ध की 1200 साल पुरानी अष्टधातु की मूर्ति के साथ चार तस्करों को गिरफ्तार किया।पकड़े गए आरोपितों में एक बिहार व एक झारखंड के रहने वाले हैं।गुरुवार को दोपहर बाद आरोपितों को कोर्ट में पेश किया गया जहां से जेल भेज दिया गया।मुख्य आरोपित की तलाश चल रही है।
By Navneet Prakash TripathiEdited By: Updated: Thu, 16 Dec 2021 06:12 PM (IST)
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। भगवान बुद्ध की 1200 साल पुरानी अष्टधातु की मूर्ति के साथ चार तस्करों को गिरफ्तार किया।पकड़े गए आरोपितों में एक बिहार व एक झारखंड के रहने वाले हैं।गुरुवार को दोपहर बाद आरोपितों को कोर्ट में पेश किया गया जहां से जेल भेज दिया गया।मुख्य आरोपित की तलाश चल रही है।
आरपीएफ व जीआरपी की टीम को मिली कामयाबीआरपीएफ पोस्ट प्रभारी राजेश कुमार सिन्हा व जीआरपी थाने के एसएसआइ विनोद राय 15 दिसंबर की रात में प्लेटफार्म नंबर नौ पर गश्त कर रहे थे। प्लेटफार्म नंबर नौ के पूर्वी छोर पर पानी टंकी के पास कार लेकर खड़े चार युवक फोर्स को देख भागने लगे। घेराबंदी कर आरपीएफ व जीआरपी की टीम ने उन्हें पकड़ लिया।तलाशी लेने पर उनके पास अष्टधातु से बनी भगवान बुद्ध की प्राचीन मूर्ति बरामद हुई।
पुरात्व विभाग की टीम ने की मूर्ति की जांचपूछताछ में आरोपितों की पहचान पीपीगंज के बढ़नी निवासी शैलेंद्र कुमार, गीडा क्षेत्र के हरैया निवासी प्रहलाद प्रसाद, झारखंड के सरायकेला जिले के आदित्यपुरी निवासी सोनू कुमार और बिहार, सिवान के रघुनाथपुर निवासी सुधीर मिश्रा के रुप में हुई।आरपीएफ पोस्ट प्रभारी ने बताया कि 15 दिसंबर की रात में आई पुरात्व विभाग की टीम ने जांच कराया बताया कि बरामद हुई मूर्ति 1200 साल पुरानी है।
जीआरपी थाने में दर्ज हुआ मुकदमापकड़े गए आरोपितों के खिलाफ जीआरपी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। प्रभारी निरीक्षक जीआरपी थाना उपेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि पीपीगंज के बढ़नी गांव का रहने वाला बनारसी गैंग का सरगना है। अष्टधातु की मूर्ति चुराकर वही ले आया था।उसकी गिरफ्तारी के बाद पता चलेगा कि भगवान बुद्ध कहां से लाई गई है।बनारसी की तलाश में छापेमारी चल रही है।जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पकड़े गए आरोपितों के पास से भगवान बुद्ध की मूर्ति को थाने में रखा गया है।बरामद हुई कार को सीज कर दिया गया है।
मूर्ति देखने आए थे सोनू व सुधीरबिहार के रहने वाले सुधीर मिश्रा और झारखंड निवासी सोनू ओझा को शैलेंद्र व प्रहलाद ने मूर्ति देखने के लिए रेलवे स्टेशन बुलाया था।भगवान बुद्ध की प्राचीन मूर्ति की कीमत इन लोगों ने दो करोड़ रुपये लगया था।खरीदार ने सुधीर व सोनू को मूर्ति देखने के लिए भेजा था।
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