Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Gorakhpur News: जीडीए के फैसलों से दो लाख की आबादी को मिलेगी राहत, आज होगी बैठक

गोरखपुर विकास प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में विस्तारित क्षेत्र के लिए मास्टर प्लान बनाने का प्रस्ताव लाया जाएगा। प्रस्ताव पर बोर्ड की स्वीकृति के बाद ई-टेंडर के जरिए कंसल्टेंट फर्म चुनी जाएगी। यह फर्म भाग क में शामिल क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए भाग ख का मास्टर प्लान तैयार करेगी। इससे करीब डेढ़ लाख की आबादी को राहत मिलेगी।

By Arun Chand Edited By: Vivek Shukla Updated: Thu, 25 Jul 2024 09:26 AM (IST)
Hero Image
गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की बोर्ड बैठक आज होने वाली है। जागरण (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। नौ महीने बाद गुरुवार को आयोजित हो रही गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की बोर्ड बैठक पर सभी की निगाहे हैं। बैठक में होने वाले फैसलों से दो लाख से अधिक की आबादी को राहत मिल सकती है। इनमें सबसे प्रमुख विस्तारित क्षेत्र में मास्टर प्लान और दशकों से लटका विनियमितिकरण की मामला है।

इसी तरह खोराबार टाउनशिप एवं मेडिसिटी परियोजना क्षेत्र से बाहर हुए कई लोगों को मालिकाना हक देने पर भी चर्चा होगी। वहीं रामगढ़ताल रिंग रोड परियोजनया के तहत मोहद्दीपुर से सहारा एस्टेट तक की सड़क को लेकर फंसा मुआवजे का पेंच भी बैठक में सुलझ सकता है। प्राधिकरण की लांच हो चुकी आवासीय परियोजनाओं में दर को मंजूरी मिलेगी तो वहीं नई परियोजनाओं पर भी चर्चा होगी।

अक्टूबर 2023 के बाद गुरुवार को कमिश्नर अनिल ढींगरा की अध्यक्षता में आयोजित बोर्ड बैठक में प्राधिकरण के विस्तारित क्षेत्र में मास्टर प्लान बनाने को मंजूरी मिलने की पूरी उम्मीद है। चार साल पहले हुए जीडीए के सीमा विस्तार में चौरीचौरा, कैंपियरगंज, सहजनवां और वाराणसी रोड के 233 राजस्व गांव और तीन नगर पंचायतें शामिल की गईं थी।

इसे भी पढ़ें-वाराणसी में लुटेरों का सरगना दारोगा दो साथियों संग गिरफ्तार, CCTV से खुला राज

इन नगर पंचायतों में पीपीगंज, मुंडेराबाजार और पिपराइच शामिल है। इन क्षेत्रों का मास्टर प्लान नहीं तैयार हो पाने की वजह से मार्च में लागू हुई प्राधिकरण की नई महायोजना 2031 में विस्तारित क्षेत्र का भू-उपयोग नहीं निर्धारित किया जा सका।

इन्हें छोड़कर बाकी क्षेत्र जो पहले से जीडीए की सीमा में थे, उनका मास्टर प्लान साल 2017 में ही तैयार कर लिया गया था। ऐसे में महायोजना 2031 में इन्हें भाग ‘क’ के रूप में शामिल कर उनका भू उपयोग भी निर्धारित किया गया। नए विस्तारित क्षेत्र को महायोजना में भाग 'ख' में दर्ज कर दिया गया। इन क्षेत्रों का मास्टर प्लान नहीं होने से भू-उपयोग निर्धारित नहीं है जिसकी वजह से मानचित्र नहीं पास हो पा रहे हैं।

वहीं राप्तीनगर टाउनशिप एवं स्पोर्ट्स सिटी और ग्रीनवुड आवासीय योजना की दरों को अवलोकन के लिए बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। साथ ही लच्छीपुर और हरसेवकपुर हाउसिंग प्रोजेक्ट समेत अन्य आवासीय प्रोजेक्ट शुरु करने पर भी बोर्ड बैठक में निर्णय किया जाएगा।

इसे भी पढ़ें-पूर्व विधायक उदयभान करवरिया नैनी सेंट्रल जेल से रिहा, पत्‍नी और समर्थकों ने किया स्‍वागत

विनियमित क्षेत्र को लेकर लगेगी अंतिम मुहर

निर्माण वैध कराने को लेकर करीब ढाई दशक से परेशान 50 हजार से अधिक लोगों की परेशानी का भी बोर्ड बैठक में स्थायी समाधान हो जाने की पूरी उम्मीद है। विनियमितिकरण मामले के निस्तारण के लिए गठित कमेटी अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी है, जिसपर बोर्ड बैठक में चर्चा होगी। अंतिम मुहर लगने के बाद विनियमिति क्षेत्र में मानचित्र स्वीकृति को मंजूरी मिल जाएगी। जीडीए का दावा है कि रिपोर्ट संबंधित क्षेत्र के प्रभावित लोगों के पूरी तरह से हित में है।

शासन की ओर से सात मार्च 2024 को नई महायोजना 2031 लागू कर दी गई है। इसमें शहर के बड़े क्षेत्र करीब 2500 एकड़ क्षेत्रफल को विनियमित करने का अधिकार शासन ने जीडीए बोर्ड को दे दिया था। बोर्ड ने इसके लिए एक कमेटी गठित कर रखी है।

कमेटी की रिपोर्ट नहीं आने की वजह से महायोजना लागू होने के करीब तीन माह बाद भी विनियमितीकरण को मंजूरी नहीं मिल पाने से लोग मानचित्र नहीं स्वीकृत करा पा रहे थे। यहां का भू प्रयोग पहले की तरह विनियमित क्षेत्र ही दर्ज होने से मानचित्र स्वीकृत नहीं हो पा रहा था।

अब रिपोर्ट आ गई है तो इसे बोर्ड से मंजूरी भी मिल जाने की उम्मीद है, जिसके बाद संबंधित क्षेत्र के लोग मानचित्र पास करवा सकेंगे। साथ ही अब तक चिन्हित हो चुके आठ हजार से अधिक अवैध निर्माण भी वैध हो सकेंगे। इससे संबंधित क्षेत्र के लोगों को तो राहत मिलेगी ही प्राधिकरण के सिर से भी लंबे समय से अवैध निर्माण का दाग धूलेगा।

जीडीए उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन ने कहा कि गुरुवार को आयोजित होने वाली जीडीए बोर्ड बैठक में जनहित के कई मुद्दों पर चर्चा होगी। विस्तारित क्षेत्र में मास्टर प्लान और विनियमितिकरण समेत कई मुद्दों पर निर्णय होने की उम्मीद है।