Gorakhpur Master Plan 2031: गोरखपुर महायोजना-2031 आज से हुआ प्रभावी, ढाई लाख लोगों को मिलेगी बड़ी राहत
जीडीए उपाध्यक्ष आनन्द वर्द्धन ने कहा कि महायोजना-2031 गुरुवार से प्रभावी हो जाएगी। विनियमित क्षेत्र में हुए निर्माण नियमित करने को लेकर समिति बनाई गई है। समिति की रिपोर्ट के आधार पर बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया जाएगा। विस्तारित क्षेत्र के बड़े हिस्से में भू उपयोग निर्धारित कर दिया गया है। जो अधिसूचित क्षेत्र का कुछ हिस्सा ऐसा भी है जहां भू उपयोग अभी निर्धारित नहीं किया गया है।
जासं, गोरखपुर। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की महायोजना-2031 (पुनरीक्षित) गुरुवार से प्रभावी हो जाएगी। इसके प्रभावी होने से विनियमितीकरण में उलझे लगभग ढाई लाख लोगों को राहत मिल सकेगी। लगभग 60 हजार आवास नियमित हो सकेंगे, लेकिन इसके लिए कुछ समय इंतजार करना पड़ेगा। नई महायोजना में ताल जहदा, ताल कंदला, कोनी, जगतबेला आदि में भू उपयोग प्रभावी हो गया है।
चौरी चौरा नगर पंचायत, पिपराइच व पीपीगंज नगर पंचायत आदि क्षेत्र जीडीए की ओर से अधिसूचित हैं, लेकिन यहां कोई भू उपयोग निर्धारित नहीं किया गया है। महायोजना में लगभग 20 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में भू उपयोग नए सिरे से निर्धारित किया गया है। इसके प्रभावी होने पर विनियमित क्षेत्र छोड़कर अन्य क्षेत्रों में मानचित्र स्वीकृत कराए जा सकेंगे।
महायोजना में शासन की ओर से लगाई गई शर्तों को लेकर जीडीए की परिचालन पद्धति से हुई बोर्ड बैठक में उनकी प्रकृति के अनुसार निर्णय लिया गया है। निर्णय के अनुसार विनियमितीकरण क्षेत्र में सभी गतिविधियां स्थगित रहेंगी। महायोजना में जो 60 हजार आवास नियमित होंगे उनका क्षेत्र विनियमित हो चुका है, लेकिन निर्माण को नियमित करने का शुल्क निर्धारित करने को जीडीए उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी है।
कमेटी की संस्तुति आने के बाद जीडीए बोर्ड की बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा। उम्मीद है कि न्यूनतम शुल्क देकर पहले से बनाए गए आवास नियमित कराए जा चुके हैं। इन क्षेत्रों में अवैध निर्माण पर जारी नोटिस भी जीडीए ने वापस ले लिया है। इस क्षेत्र में कोई सीलिंग या ध्वस्तीकरण की कार्रवाई फिलहाल नहीं होगी। मेडिकल कालेज के दक्षिण में प्रस्तावित सड़क की चौड़ाई कम करने का भी निर्णय महायोजना में लिया गया है।
जीडीए उपाध्यक्ष आनन्द वर्द्धन ने कहा कि महायोजना-2031 गुरुवार से प्रभावी हो जाएगी। विनियमित क्षेत्र में हुए निर्माण नियमित करने को लेकर समिति बनाई गई है। समिति की रिपोर्ट के आधार पर बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया जाएगा। विस्तारित क्षेत्र के बड़े हिस्से में भू उपयोग निर्धारित कर दिया गया है। शहर से दूर अधिसूचित क्षेत्र का कुछ हिस्सा ऐसा भी है, जहां भू उपयोग अभी निर्धारित नहीं किया गया है।