GDA का बड़ा फैसला: गोरखपुर में मार्ग चौड़ीकरण के नाम पर नहीं रोका जाएगा मानचित्र, नियोजन विभाग से रिपोर्ट तलब
गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने बड़ी राहत देते हुए मार्ग चौड़ीकरण के नाम पर अब मानचित्र नहीं रोके जाने का फैसला किया है। दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद जीडीए उपाध्यक्ष ने नियोजन विभाग से रिपोर्ट तलब की और इस तरह मानचित्र रोकने पर नाराजगी जताई। अब लोग बिना किसी परेशानी के मानचित्र के लिए आवेदन कर सकते हैं।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की ओर से अब मार्ग चौड़ीकरण (रोड वाइडनिंग) के नाम पर मानचित्र नहीं रोके जाएंगे। दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद जीडीए उपाध्यक्ष ने नियोजन विभाग से रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने इस तरह मानचित्र रोकने लेकर नाराजगी जताई है।
उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि मार्ग चौड़ीकरण के नाम पर मानचित्र न रोके जाएं। इस संबंध में नियोजन विभाग से भी बात कर ली गई है। लोग मानचित्र के लिए आवेदन कर सकते हैं।
पिछले कुछ दिनों से जीडीए में दाखिल मानचित्रों को मार्ग चौड़ीकरण के नाम पर आपत्ति लगाकर रोक दिया जा रहा था। इससे आवेदक काफी परेशान थे। पूछने पर उन्हें बताया जा रहा था कि मार्ग चौड़ीकरण के लिए पर्याप्त जमीन के बिना मानचित्र पास नहीं हो सकता। जबकि इससे पहले इसी तरह से मानचित्र पास होते थे।
GDA के इस फैसले से लोगों ने राहत की सांस ली है।-जागरण
इसे भी पढ़ें-कानपुर IIT की पीएचडी छात्रा ने फंदा लगाकर दी जान, एक साल में चौथी आत्महत्या से हड़कंपदैनिक जागरण में 10 अक्टूबर के अंक में इस समस्या को लेकर प्रमुखता से खबर प्रकाशित की गई थी। खबर का संज्ञान लेकर जीडीए उपाध्यक्ष ने इसको लेकर पूरी जानकारी ली। उन्हें बताया गया कि नियोजन विभाग की ओर से आपत्ति लगाई जा रही है। 15 मानचित्रों में से 13 में इसी तरह की आपत्ति लगी थी।
इसके बाद उपाध्यक्ष ने नियोजन विभाग के अधिकारी से भी बात की। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद उपविभाजन शुल्क हटाया गया है, इसके आधार पर मानचित्र नहीं रोके जा सकते। नियोजन विभाग की ओर से आवेदकों को यही तर्क दिया जा रहा था कि उपविभाजन शुल्क खत्म हो जाने के बाद नौ मीटर से कम चौड़ी सड़क पर मानचित्र पास नहीं होगा। यदि मौके पर कम चौड़ी सड़क होगी तो शेष चौड़ाई के लिए जमीन देनी होगी।
हालांकि जीडीए उपाध्यक्ष ने इस तर्क को नहीं माना है। उन्होंने मानचित्र से जुड़े सभी कर्मियों को निर्देश दिए हैं कि उपविभाजन शुल्क खत्म होने से कोई नियम नहीं बदला है। पहले जैसे मानचित्र पास किए जाते थे, वैसे ही अब भी पास किए जाएंगे। इस निर्णय से बड़ी संख्या में लोगों को राहत मिलेगी।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।