Gita Press में आई दो करोड़ की सिलाई मशीन, दूर होगी पुस्तकों की कमी
गीता प्रेस में कोरोना काल के बाद से ही पुस्तकों की मांग काफी बढ़ गई। ऐसे में मांग की अपेक्षा उत्पादन नहीं हो पा रहा था। अब नई सिलाई मशीन आने से एक मिनट में दो सौ फर्मा की सिलाई हो सकेगी।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। पुस्तकों का उत्पादन बढ़ाने के लिए गीताप्रेस ने स्विटजरलैंड से दो करोड़ रुपये की सिलाई मशीन मंगाई है। मशीन इंस्टाल की जा रही है। प्रबंधन के अनुसार इससे 25 प्रतिशत पुस्तकों का उत्पादन बढ़ जाएगा। अनुपलब्ध चल रहीं लगभग 300 प्रकार की पुस्तकें अब पाठकों को समय से उपलब्ध कराई जा सकेंगी।
स्विटजरलैंड से मंगाई गई है मशीन
कोरोना संक्रमण काल के बाद गीताप्रेस की पुस्तकों की मांग में तेजी आई है। प्रबंधन ने तीन छपाई की मशीनें तो लगा लीं, लेकिन सिलाई मशीन कम होने से अपेक्षाकृत उत्पादन बढ़ नहीं पा रहा था। इसलिए मूलर मर्टिनी कंपनी एक नई सिलाई मशीन स्विटजरलैंड से मंगाई गई है। पुस्तकों की मांग बढ़ने से लगभग 300 प्रकार की पुस्तकें अनुपलब्ध हो गई हैं।
इस वजह से लिया गया नई मशीन लाने का फैसला
श्रीरामचरितमानस या गीता की छपाई होती है तो दूसरे प्रकार की पुस्तक अनुपलब्ध हो जाती है। इन दिक्कतों को देखते हुए नई मशीनें मंगाने का निर्णय लिया गया। प्रेस के पास छपाई की छह वेब व सात सीटफेड मशीनें पहले से हैं। 2020 में एक सीटफेड मशीन और मंगा ली गई जो चार रंगों में छपाई करती है। इस साल दो वेब मशीनें भी आ गई हैं। इनकी वजह से छपाई की क्षमता तो बढ़ गई लेकिन सिलाई की मशीनें कम होने से पुस्तकें तैयार होने में समय लग रहा था।
एक मिनट में दो सौ फर्मा की सिलाई कर सकेगी मशीन
प्रेस के पास पहले से चार सिलाई मशीनें हैं, अब नई मशीन आ जाने से सिलाई की क्षमता बढ़ जाएगी। एक मिनट में 200 फर्मा (एक फर्मा 32 पेज का होता है) सिलने की क्षमता इस मशीन की है। लेकिन शुरुआत में 160 फर्मा प्रतिमिनट सिलाई क्षमता पर इस मशीन को संचालित किया जाएगा। इस तरह एक मिनट में यह मशीन पांच हजार पृष्ठ की सिलाई कर सकेगी। अर्थात एक मिनट में पांच ग्रंथाकार पुस्तकें सिली जा सकेंगी।
प्रबंधक बोले
गीताप्रेस के प्रबंधक लालमणि तिवारी ने बताया कि स्विटजरलैंड से सिलाई की नई मशीन आ चुकी है। उसे इंस्टाल किया जा रहा है। इसके आ जाने से 25 प्रतिशत उत्पादन बढ़ जाएगा। हम पाठकों की मांग पूरी कर सकेंगे। छपाई की मशीनें मंगा ली गई थीं, लेकिन सिलाई की मशीन कम होने से उत्पादन अपेक्षाकृत बढ़ नहीं पा रहा था।