गोरखनाथ मंदिर में होगी नौ और देव-विग्रहों की प्राण-प्रतिष्ठा, CM योगी आदित्यनाथ करेंगे स्थापना
गोरखनाथ मंदिर में नौ और देव-विग्रहों की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। इसकी स्थापना से पहले दो चरणों में कथा वाचन का आयोजन होगा। इसके लिए प्रख्यात कथावाचक बालक दासजी महाराज और डॉ. श्याम सुंदर पाराशर को आमंत्रित किया गया है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखनाथ मंदिर परिसर बहुत जल्द नौ और देवी-देवताओं के मंदिर से समृद्ध होगा। मंदिर भवन बनकर तैयार है, उसमें देव-विग्रहों की प्राण-प्रतिष्ठा की योजना मंदिर प्रबंधन की ओर से बना ली गई है। गोरक्षपीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 21 मई को सभी मंदिरों में अलग-अलग देव-विग्रहों की विधि-विधान से स्थापना और प्राण-प्रतिष्ठा करेंगे। प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान से पहले दो सप्ताह तक मंदिर में लक्ष्मीनारायण महायज्ञ व श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का आयोजन होगा।
दो चरणों में होगा कथा-वाचन का आयोजन
दो चरणों में कथा-वाचन के लिए मंदिर प्रबंधन ने प्रख्यात कथावाचक बालक दासजी महाराज और डॉ. श्याम सुंदर पाराशर को आमंत्रित किया है। पहले चरण का कथा वाचन आठ से 14 मई तक चलेगा, जिसमें व्यासपीठ पर बालक नाथ विराजमान होंगे और शिवपुराण कथा सुनाएंगे। दूसरे चरण में 15 से 21 मई तक पाराशर जी श्रीमद्भागवत कथा सुनाएंगे। आयोजन शाम तीन से छह बजे के बीच मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में होगा।
मानसरोवर मंदिर में होगा रुद्राभिषेक
आठ मई को कथा शुरू होने से पहले मानसरोवर मंदिर में रुद्राभिषेक होगा। उसके बाद वहां से कलश यात्रा निकलेगी। अवसर पर मंदिर प्रबंधन की ओर से विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा। कथा के शुभारंभ और समापन अवसर पर मुख्यमंत्री के मौजूद रहने की संभावना है। प्राण-प्रतिष्ठा का संपूर्ण अनुष्ठान मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ की अगुवाई में संपन्न किया जाएगा। यज्ञाचार्य की भूमिका में प्रधान पुरोहित आचार्य रामानुज त्रिपाठी वैदिक होंगे।
जिला व महिला अस्पताल में डीएनबी कोर्स की अनुमति
शासन ने जिला व महिला अस्पताल में डिप्लोमेट आफ नेशनल बोर्ड (डीएनबी) कोर्स संचालित करने की अनुमति प्रदान कर दी है। यह तीन साल का परास्नातक कोर्स है। अब गांव के सरकारी अस्पतालों में तैनात एमबीबीएस डाक्टर यह कोर्स कर विशेषज्ञता हासिल कर सकेंगे। इससे विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी दूर होगी। जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डा. राजेंद्र ठाकुर ने बताया कि सात विभागों में डीएनबी संचालित करने की मांग की गई थी, चार विभागों मेडिसिन, ईएनटी, जनरल सर्जरी और बाल रोग विभाग के लिए अनुमति मिली है। जिला महिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डा. जय कुमार ने बताया कि महिला अस्पताल के दो विभागों- बाल रोग व पैथोलाजी में यह कोर्स संचालित किया जाएगा। जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अंबुज श्रीवास्तव को इसका नोडल अधिकारी बनाया गया है।