Gorakhpur AIIMS Case: दुष्कर्म का आरोपित सर्विस बुक व पर्सनल फाइल लेकर फरार, छात्रा ने ठाना- वरिष्ठ अधिकारी का बचना मुश्किल
Gorakhpur AIIMS Case नियमों के विरुद्ध दुष्कर्म का आरोपित पूर्व वरिष्ठ अधिकारी अपनी सर्विस बुक और पर्सनल फाइल लेकर भागा है। मेडिकल छात्रा से दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद एम्स प्रशासन हर तरह के कड़े कदम उठा रहा है। पूर्व वरिष्ठ अधिकारी को नौ जनवरी को ही एम्स परिसर में प्रवेश से रोक दिया गया था ।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर का दुष्कर्म का आरोपित पूर्व वरिष्ठ अधिकारी अपनी सर्विस बुक और पर्सनल फाइल लेकर भागा है। नियमानुसार यह दोनों दस्तावेज किसी भी हाल में अधिकारी के पास नहीं होने चाहिए, लेकिन उसने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए इसे अपने पास रख लिया था।
एम्स प्रशासन ने पूर्व वरिष्ठ अधिकारी के व्यक्तिगत मोबाइल नंबर पर वाट्सएप और मेल आइडी पर मेल कर सर्विस बुक और पर्सनल फाइल देने को कहा है। साथ ही प्रतिनियुक्ति रद्द करने के आदेश की कापी उसकी पत्नी को रिसीव करा दी है।
रविवार को वरिष्ठ अधिकारी के आवास पर ताला लटका रहा। उसने देर रात तक एम्स प्रशासन की मेल का कोई जवाब नहीं दिया था। यदि दोनों दस्तावेज नहीं जमा होंगे तो एम्स प्रशासन पूर्व वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज करा सकता है।
मेडिकल छात्रा से दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद ही एम्स प्रशासन हर तरह के कड़े कदम उठा रहा है। पूर्व वरिष्ठ अधिकारी को नौ जनवरी को ही एम्स परिसर में प्रवेश से रोक दिया गया था। विशाखा कमेटी के सामने अपना पक्ष रखने के लिए वह एम्स परिसर में आया था।
दरवाजे से हटाया गया पेपर
एम्स के प्रशासनिक भवन स्थित पूर्व वरिष्ठ अधिकारी के कार्यालय के दरवाजे पर लगा पेपर हटा दिया गया है। कामकाज में पारदर्शिता के लिए एम्स प्रशासन ने दरवाजे के कुछ हिस्से में शीशा लगवाया है। इसके रास्ते अंदर की गतिविधियों को देखा जा सकता है।पूर्व वरिष्ठ अधिकारी ने अंदर कोई देख न सके इसके लिए शीशे पर पेपर लगवा दिया था। साथ ही अपना दरवाजा अंदर से बंद रखता था। उसके कार्यालय के दरवाजे पर हमेशा महिला गार्डों की तैनाती रहती थी। एम्स के काम से पूर्व वरिष्ठ अधिकारी को लखनऊ भेजा गया तो वह एक महिला गार्ड को लेकर गया था। दो दिन बाद वह परिसर में लौटा था।
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