सीएम सिटी का सौ मीटर की ऊंचाई से होगा जीआइएस सर्वे, तैयार होगा डिजिटल रिकार्ड Gorakhpur News
गोरखपुर शहर का अब एक सौ मीटर की ऊंचाई से सर्वेक्षण होगा। इसका रिकार्ड तैयार किया जाएगा। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
By Edited By: Updated: Tue, 06 Aug 2019 03:23 PM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। शहरी क्षेत्र में संपत्तियों वार्ड व श्रेणीवार जीआइएस (जियोग्राफिक इंफार्मेशन सिस्टम) में मैपिंग व सर्वे का कार्य सौ मीटर की ऊंचाई से होगा। हालंाकि ड्रोन का प्रयोग करने के लिए नगर आयुक्त की ओर से भेजे गये पत्र को जिलाधिकारी ने यह कहकर लौटा दिया है कि उसमें ड्रोन से सर्वे का शेड्यूल नहीं दिया गया है। नगर निगम अब वार्डवार शेड्यूल बनाकर जिलाधिकारी को प्रेषित करेगी। सर्वे करने वाली फर्म को छह महीने के अंदर सभी आंकड़े जुटाने का लक्ष्य दिया गया है।
महानगर में पहली बार ऐसा जीआइएस सर्वे होने जा रहा है जिसमें शहर की सड़कें, भवन, खभे, पार्क, ग्रीन बेल्ट, ट्रासफार्मर, विद्युत सब स्टेशन, अनडेवलप प्रापर्टी, फारेस्ट लैंड, पेड़ और कृषि योग्य भूमि का डिजिटल रिकार्ड तैयार होगा। सर्वे की जिम्मेदारी आइटीआइ मनकापुर को सर्वे की जिम्मेदारी आइटीआइ मनकापुर को दी गई जो तीन फर्मो के सहयोग से इस काम को अंजाम देगी। सर्वे के लिए 50 लोगों की टीम बनाई जाएगी। सर्वे का मकसद शहर का रिकॉर्ड जीआइएस बेस्ड जनरेट करना भी है। इसमें क्षेत्र की जानकारी के साथ-साथ फोटो भी होगी।
सर्वे के लिए खर्च होंगे 3.60 करोड़ सर्वे के लिए केंद्र सरकार 3.60 करोड़ रुपये खर्च करेगी। सर्वे के बाद यह आसानी से पता चल सकेगा कि कहां कितने वर्ग मीटर में कितनी ऊंची इमारत बनी है और वहा कितने कमरे हैं। इससे निगम को सही मूल्यांकन कर टैक्स लगाने में आसानी होगी। नगर निगम के मुख्य अभियंता सुरेश चन्द ने बताया कि प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद सिविल लाइन वार्ड से सर्वे का कार्य शुरू होगा। अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप
महानगर में पहली बार ऐसा जीआइएस सर्वे होने जा रहा है जिसमें शहर की सड़कें, भवन, खभे, पार्क, ग्रीन बेल्ट, ट्रासफार्मर, विद्युत सब स्टेशन, अनडेवलप प्रापर्टी, फारेस्ट लैंड, पेड़ और कृषि योग्य भूमि का डिजिटल रिकार्ड तैयार होगा। सर्वे की जिम्मेदारी आइटीआइ मनकापुर को सर्वे की जिम्मेदारी आइटीआइ मनकापुर को दी गई जो तीन फर्मो के सहयोग से इस काम को अंजाम देगी। सर्वे के लिए 50 लोगों की टीम बनाई जाएगी। सर्वे का मकसद शहर का रिकॉर्ड जीआइएस बेस्ड जनरेट करना भी है। इसमें क्षेत्र की जानकारी के साथ-साथ फोटो भी होगी।
सर्वे के लिए खर्च होंगे 3.60 करोड़ सर्वे के लिए केंद्र सरकार 3.60 करोड़ रुपये खर्च करेगी। सर्वे के बाद यह आसानी से पता चल सकेगा कि कहां कितने वर्ग मीटर में कितनी ऊंची इमारत बनी है और वहा कितने कमरे हैं। इससे निगम को सही मूल्यांकन कर टैक्स लगाने में आसानी होगी। नगर निगम के मुख्य अभियंता सुरेश चन्द ने बताया कि प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद सिविल लाइन वार्ड से सर्वे का कार्य शुरू होगा। अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।