वाह, कुतुबमीनार से भी ऊंचा हो गया गोरखपुर खाद कारखाने का टॉवर Garekhpur News
गोरखपुर खाद कारखाने का प्रीलिंग टॉवर कुतुबमीनार से भी ऊंचा बन गया है। कुतुबमीनार की ऊंचाई 73 मीटर है प्रीलिंग टॉवर 115 मीटर ऊंचा बन चुका है।
By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Fri, 20 Sep 2019 08:48 AM (IST)
गोरखपुर, विकास मिश्र। हिंदुस्तान यूरिया रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) का प्रीलिंग टॉवर कुतुबमीनार से भी ऊंचा बन चुका है। कुतुबमीनार की ऊंचाई 73 मीटर है, प्रीलिंग टॉवर 115 मीटर ऊंचा बन चुका है। अभी यह 149.2 मीटर की ऊंचाई तक बनेगा। अभी तक देश का सबसे ऊंचा प्रीलिंग टॉवर चंबल फर्टिलाइजर कोटा में है जिसकी ऊंचाई 141.5 मीटर है।
पीएम ने किया था शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शिलान्यास के बाद 27 फरवरी 2018 को खाद कारखाना का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। निर्माण की जिम्मेदारी जापान की कंपनी टोयो को दी गई है। प्रीलिंग टॉवर के सबसे ऊपर जाल बनाई जाएगी। इस जाल पर यूरिया बनाने का केमिकल गिराया जाएगा। जाल के रास्ते टॉवर से गिरने वाला केमिकल नीचे आकर खाद के दाने में बदल जाएगा।
1990 में बंद हो गया था खाद कारखाना
गोरखपुर के खाद कारखाना की स्थापना 20 अप्रैल 1968 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में हुई थी। भारतीय उर्वरक निगम लिमिटेड के देश के पांच खाद कारखाना में यह एक था। 10 जून 1990 को गैस लीक होने लगी। इसमें एक कर्मचारी मेघनाथ सिंह की मौत हो गई। इसके बाद कारखाना नहीं चला। 18 जुलाई 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने खाद कारखाना पूर्ण रूप से बंद करने की घोषणा की थी।
3850 मीट्रिक टन प्रतिदिन होगी क्षमता खाद कारखाना की उत्पादन क्षमता 3850 मिट्रिक टन प्रति दिन की होगी। खाद कारखाना के निर्माण की जिम्मेदारी पांच कंपनियों- एनटीपीसी, सीआइएल, आइओसीएल, एफसीआइएल व एचएफसीएल के च्वाइंट वेंचर एचयूआरएल (हिदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड) को सौंपी गई है।
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