UP News: गोरखपुर में 1286 करोड़ के निवेश की राह खुली, पांच हजार को मिलेगा रोजगार
गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) के 35वें स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उद्यमियों को 85 नए औद्योगिक भूखंडों का आवंटन पत्र सौंपेंगे। इन नई इकाइयों की स्थापना से गोरक्षनगरी में 1286 करोड़ रुपये के निवेश और 5200 लोगों के रोजगार की राह खुलेगी। गीडा में पेप्सिको सीपी मिल्क तत्वा प्लास्टिक गैलेंट समूह और अंकुर उद्योग की इकाइयां उत्पादनरत हैं।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) के स्थापना दिवस की तैयारी तेज हो गई है। 30 नवंबर को गीडा के 35वें स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उद्यमियों को 85 नए औद्योगिक भूखंडों का आवंटन पत्र सौंपेंगे। इन नई इकाइयों की स्थापना से गोरक्षनगरी में 1286 करोड़ रुपये के निवेश और 5200 लोगों के रोजगार की राह खुलेगी।
स्थापना दिवस की तैयारी की शासन स्तर से भी निगरानी की जा रही है। शुक्रवार को प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये तैयारियों की जानकारी ली। गीडा की सीईओ अनुज मलिक ने बताया कि स्थापना दिवस के अवसर पर 30 नवंबर और एक दिसंबर को आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की पूरी रूपरेखा तैयार कर ली गई है।
उन्होंने अपने प्रस्तुतीकरण में भूखंड आवंटन पत्र किन उद्यमियों को दिए जाएंगे और प्रदर्शनी में गोरखपुर समेत किन-किन जिलों के उद्यमी अपने उत्पादाें के स्टाल लगाएंगे समेत गीडा की अब तक की प्रगति की विस्तार से जानकारी दी।
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उद्योग और गोरखपुर के बीच दशकों तक विरोधाभासी रिश्ता बना रहा, लेकिन योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद सात साल में माहौल बदला है। अब दोनों एक दूसरे के पूरक रूप में देखे जा रहे हैं। जिस गोरखपुर में स्थानीय पूंजीपति भी औद्योगिक निवेश करने से घबराते थे, अब वहां देश की नामी कंपनियों के आने की होड़ सी दिख रही है।
निवेश के लिए भूखंडों की मांग बढ़ी तो गीडा ने अपना लैंड बैंक भी मजबूत किया। पिछले एक साल में (31 अक्टूबर, 2024 तक) गीडा ने 501.68 एकड़ भूमि का अधिगृहीत की है, जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुणा है। वर्ष 2023-24 में गीडा ने 250.46 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था। जमीन की मांग और उसी के सापेक्ष अधिग्रहण की बढ़ती रफ्तार यह बताती है कि गीडा, पूर्वांचल के बड़े औद्योगिक हब के रूप में तेजी से आकार ले रहा है।
गीडा में पेप्सिको की बाटलिंग प्लांट, सीपी मिल्क (ज्ञान डेयरी), तत्वा प्लास्टिक, गैलेंट समूह और अंकुर उद्योग की इकाइयां उत्पादनरत हैं, तो सेंट्रल वेयरहाउसिंग कारपोरेशन का भंडारण गृह भी बनकर तैयार है। इसके अलावा केयान डिस्टिलरी समेत कई बड़ी इकाई निर्माणाधीन हैं। गीडा में अपनी यूनिट लगाने के लिए कोका कोला, बिसलेरी, अडानी और जेके ग्रुप (सीमेंट फैक्ट्री के लिए) जैसे बड़े औद्योगिक घरानों ने भी जमीन की मांग की है।
गोरक्षनगरी में औद्योगिक विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री गीडा के 35वें स्थापना दिवस समारोह में उद्यमियों को नए भूखंडों काे आवंटन पत्र सौंपने के साथ ही उनसे संवाद भी करेंगे। जिन प्रमुख इकाइयों के लिए जमीनों का आवंटन किया गया है, उनमें एपीएल अपोलो ट्यूब्स लिमिटेड, एसएलएमजी पीईटी प्लांट, कपिला कृषि उद्योग, आईसन एयर कूलर, टेक्नोप्लास्ट पैकेजिंग प्राइवेट लिमिटेड, माडर्न पैकेजिंग प्राइवेट लिमिटेड, नोवामैक्स इंडस्ट्रीज व होटल नीलकंठ ग्रैंड शामिल हैं। इन उद्योगों को करीब 3500 वर्गमीटर से लेकर 72 हजार वर्गमीटर तक के भूखंड आवंटित किए गए हैं। इनमें 50 करोड़ से लेकर 320 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावित है।
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