गोरखपुर में अभी भी 35 हजार बच्चों को यूनीफार्म की धनराशि का इंतजार, आधार बनाने के लिए मिला था एक माह का समय
शासन की तरफ से सरकारी स्कूलों में यूनिफार्म के लिए धन वितरित करने के उद्देश्य से आधार बनाने व सत्यापन करने के लिए एक माह का समय मिला था लेकिन अभी भी गोरखपुर जिले में 35 हजार बच्चे यूनिफार्म से वंचित हैं।
By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Sun, 30 Oct 2022 11:29 AM (IST)
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिये यूनीफार्म के लिए दी जाने वाली धनराशि से वंचित परिषदीय स्कूलों के बच्चों का आधार बनाने व सत्यापन माह भीतर कराने की शासन द्वारा तय समय सीमा धरी की धरी रह गई है। गोरखपुर जनपद में अभी भी लगभग 35 हजार विद्यार्थी ऐसे हैं जिनके खाते में धनराशि में नहीं पहुंची है। जबकि आदेश था कि विद्यार्थियों और आधार से जुड़ा डाटा संदिग्ध होने पर एक हफ्ते में परीक्षण कर सत्यापित करना होगा। साथ ही जिन अभिभावकों के खाते आधार से लिंक नहीं है उसे पंद्रह दिन और जिन बच्चों के आधार नहीं बने हैं उनका आधार कार्ड बनवाकर एक माह के अंदर सत्यापन कराना होगा, ताकि अवशेष बच्चों के खाते में भी समय से धनराशि प्रेषित की जा सके।
शासन स्तर से जारी किया गया है यह आदेश
शासन स्तर से जारी आदेश में बीएसए को सभी अनियमितताओं को दूर कर अवशेष धनराशि समयबद्ध तरीके से पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए गए थे। इसके पूर्व भी 14 सितंबर को महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद आनलाइन बैठक के जरिये भी इस संबंध में निर्देश दिए थे, लेकिन जनपद एक माह बीतने के बाद भी सभी कवायद धरी रह गई है। बता दें कि शैक्षिक सत्र 2022-23 में जनपद में कुल 3 लाख 51 हजार बच्चों के खाते में डीबीटी के जरिये यूनीफार्म, बैग व जूता-मोजा की धनराशि प्रेषित की जानी है।
इसे भी पढ़ें, Nagar Nikay Chunav: वार्डों का प्रस्तावित आरक्षण तय करने में जुटा प्रशासन, 4 नवंबर तक शासन को भेजनी होगी सूची
क्या कहते हैं अधिकारी
बीएसए रमेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि आधार बनाने की कार्रवाई तेजी से चल रही है। सप्ताह भीतर अवशेष बच्चों के खाते का सत्यापन पूर्ण कर धनराशि प्रेषित करने की कार्रवाई पूर्ण कर ली जाएगी।
इसे भी पढ़ें, Gorakhpur News: धान क्रय की व्यवस्था में बड़ा बदलाव, सहकारिता विभाग से पंजीकृत समितियों पर नहीं होगी खरीद
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।