वाह री यूपी पुलिस! गोरखपुर के इस थाने में बदल गए 13 थानेदार, नहीं पूरी हुई गैंगस्टर एक्ट की विवेचना; ये है पूरा मामला
2018 में दर्ज मुकदमे की विवेचना हरपुर-बुदहट के थानेदार कर रहे हैं। पांच साल में यहां 13 थानेदार बदल चुके हैं लेकिन अभी तक यह मामला उलझा हुआ है। हालांकि मार्च 2022 में इस प्रकरण को लेकर गैंगस्टर एक्ट के स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई। जिसमें अधिकारियों ने फैसला लिया था कि इस मुकदमे की विवेचना जल्द पूरी की जाए लेकिन अब भी यह मामला लंबित है।
By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Wed, 08 Nov 2023 08:27 AM (IST)
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज करने से पहले गैंग चार्ट बनाने और डोजियर भरने में लापरवाही की वजह से हरपुर-बुदहट थाना पुलिस पांच वर्ष से गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में ‘उलझी’ है। वर्ष 2018 में दर्ज मुकदमे की विवेचना हरपुर-बुदहट थाना पुलिस को मिली। अब तक 13 थानेदार बदल चुके हैं, लेकिन यह विवेचना पूरी नहीं हुई।
यह है पूरा मामला
तीन जून 2018 को खजनी के तत्कालीन थानेदार दिनेश मिश्रा ने जालसाजी, लूट व मारपीट करने के चार आरोपितों पर गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया। इसकी विवेचना हरपुर-बुदहट थाना पुलिस को सौंपी गई। आरोपितों को इसकी जानकारी हुई तो वे पुलिस पर नियम विरुद्ध कार्रवाई करने का आरोप लगा न्यायालय में चले गए। जिसके बाद पुलिस की कार्रवाई सुस्त पड़ गई।
लंबित मुकदमे की समीक्षा के दौरान हर माह यह मामला अधिकारियों के सामने आता है। मार्च 2022 में इस प्रकरण को लेकर गैंगस्टर एक्ट के स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई, जिसमें जिलाधिकारी, एसएसपी, संयुक्त निदेशक अभियोजन व जिला शासकीय अधिवक्ता शामिल हुए। समिति ने फैसला लिया था कि इस मुकदमे की विवेचना जल्द पूरी की जाए, लेकिन गैंग चार्ट बनाने में बरती गई लापरवाही की वजह से यह अब भी लंबित है।
बदल चुके हैं यह थानेदार
गैंगस्टर एक्ट की विवेचना हरपुर-बुदहट थाने को भेजी गई थी तब धर्मेंद्र सिंह थानेदार थे। उसके बाद हेमेंद्र पांडेय, देवेंद्र लाल, उपेंद्र मिश्रा, जटाशंकर, सुरेश चंद्र राव, प्रवेश कुमार सिंह, शिव नारायण वैस, देवेंद्र कुमार सिंह, उदयशंकर कुशवाहा, नितिन रघुनाथ, विज्ञानकर सिंह और संदीप यादव थानेदार बनाए गए जिनको यह विवेचना मिली। इस समय वर्तमान थानेदार इसकी जांच कर रहे हैं।
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बदमाश को लिफ्ट देकर बन गया गैंगस्टर
शाहपुर के घोषीपुर की रहने वाली फातमा खातून ने एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि पुलिस ने उनके पुत्र मोहम्मद जैद पर गलत तरीके से गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज कर दिया है। वर्ष 2022 में बदमाश को लिफ्ट देने पर पुलिसकर्मियों ने लूट के मुकदमे में जैद को जेल भेज दिया। उस समय जैद नाबालिग था। 42 दिन बाद जमानत पर छूटने के बाद वह पढ़ाई करने शहर से बाहर चला गया। 28 अक्टूबर 2023 को शाहपुर थाना पुलिस घर पहुंची और बताया कि जैद पर गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज हुआ है। एसएसपी ने बताया आरोप की जांच कराई जा रही है।
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