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ऐसे तो गोरखपुर बन चुका उद्योगों का हब, औद्योगिक इकाई लगाने के लिए बीस फीट गहरे गड्ढे में भूखंड दे रहा गीडा

Plots in Gida गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GIDA) गोरखपुर के औद्योगिक हब बनने में स्वयं बाधा बन रहा है। गीडा ने नए उद्योग लगाने के लिए उद्यमियों को बीस फीट गहरे गड्ढे में भूखंड आवंटित कर दिया है। इससे उद्यमी यहां उद्योग नहीं लगा पा रहे हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Fri, 09 Sep 2022 08:40 AM (IST)
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गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GIDA) में बीस फीट गड्ढे में भूखंड आवंटित कर रहा है। - प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। औद्योगिक इकाई लगाने के लिए गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GIDA) में भूखंड आवंटित कराने वाले कुछ उद्यमी गड्ढे से परेशान हैं। करीब 20 फीट गहरा गड्ढा होने के कारण उसमें मिट्टी भरवाने में लाखों रुपये का खर्च आने की संभावना है, जिसके कारण वे औद्योगिक इकाई स्थापित नहीं कर पा रहे हैं। उद्यमियों का कहना है कि उनकी ओर से कई बार गुहार लगाई गई है लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हो सका है।

कई बार विरोध दर्ज करा चुके हैं उद्यमी लेकिन नहीं मिली राहत

गीडा ने दिसंबर 2020 में 68 औद्योगिक भूखंडों का आवंटन किया था। उद्यमियों का कहना है कि गीडा की ओर से गड्ढे वाले भूखंडों को पाटने का कोई इंतजाम नहीं किया गया और न ही वहां विकास कार्य हुए हैं। पत्रकारों से बातचीत करते हुए चैंबर आफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विष्णु अजीतसरिया, उपाध्यक्ष आरएन सिंह एवं महामंत्री प्रवीण मोदी ने आरोप लगाया कि गड्ढे भरने में ही लाखों रुपये खर्च हो जाएंगे, ऐसे में उद्यमी निवेश कैसे करेंगे।

गीडा अफसर नहीं दे रहे ध्यान

चैंबर के अध्यक्ष ने कहा कि दो साल पूरे होते ही गीडा की ओर से कई तरह के अतिरिक्त शुल्क व जुर्माना लगाया जाने लगेगा लेकिन सुविधा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि स्थिति यह है कि कुछ आवंटी भूखंड वापस करना चाहते हैं। चैंबर के पदाधिकारियों ने कहा कि गीडा में छोटे-छोटे काम के लिए दौड़ लगानी होती है। गीडा के कर्मचारी काम को लटकाते हैं। वहां सिटीजन चार्टर का पालन भी नहीं किया जाता और न ही सिंगल विंडो की व्यवस्था अच्छी है।

बिजली की समस्या का भी नहीं हो रहा समाधान

उद्यमियों ने कहा कि बिजली की समस्या का भी स्थाई समाधान नहीं किया जा रहा है। बार-बार की ट्रिपिंग से फैक्ट्रियों में उत्पादन प्रभावित हो रहा है। महामंत्री प्रवीण मोदी ने कहा कि गीडा बोर्ड की बैठक में एक उद्यमी को नामित करने की मांग भी अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। उद्यमियों के लिए नियम बनाए जाते हैं और उसमें उन्हें ही प्रतिनिधित्व नहीं दिया जाता। चैंबर के पदाधिकारियों ने इंडस्ट्रियल एरिया में हथकरधा विभाग की खाली जमीन पर फ्लैटेड फैक्ट्री बनाने की मांग की है। इस दौरान पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल, आकाश जालान, भोला जायसवाल आदि उपस्थित रहे।

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