अपराधियों के लिए सबक बनेंगे गोरखपुर जेल के कैदी, कोई कम्प्यूटर का प्रशिक्षण ले रहा तो कोई बन रहा इलेक्ट्रीशियन
गोरखपुर में जेल से बाहर निकलने के बाद कैदी खुद का रोजगार कर सकेंगे। उन्हें अपराधी होने के चलते किसी पर भार बनकर नहीं रहना पड़ेगा। इसके लिए रुचि अनुसार कैदियों को अलग-अलग प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Mon, 24 Apr 2023 01:22 PM (IST)
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। अपराध कर जेल जाने वाले कैदी और बंदी छुटने के बाद खुद का रोजगार कर सकेंगे। इनमें कोई कम्पयूटर का जानकार होगा तो कोई इलेक्ट्रिशियन का। यह सभी जानकारी उन्हें जेल के अंदर ही दी जा रही है। कैदियों को सक्षम बनाने के लिए जिला जेल में नहीं पहल शुरु की गयी है। इसमें कैदियों की रूचि के अनुसार उन्हें विभिन्न ट्रेड का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके लिए ट्रेनर नियुक्त किए गए हैं। जो जेल में जाकर कैदियों को प्रशिक्षित कर रहे हैं।
इंडियन ऑयल ने भारत सरकार से किया है टाइअप
जेल प्रशासन के मुताबिक, कैदियों को सक्षम बनाने के लिए इंडियन ऑयल ने भारत सरकार से टाइअप किया है। इसके तहत जेलों में बंदियों के हुनर को बढ़ावा देने का काम शुरू किया गया है। यहां भी बंदियों की कंप्यूटर की कक्षाएं चलाई जा रही है। 25 बंदी कम्प्यूटर का प्रशिक्षण ले रहे हैं। इनके अलावा 30 कैदी व बंदी इलेक्ट्रिशियन का प्रशिक्षण ले रहे हैं। वहीं जो खेल में रूचि रखते हैं उनके लिए खेलकूद की व्यवस्था की गयी है। फिलहाल जेल में 50 से अधिक बंदी वालीबाल खेल रहे हैं। इनके लिए खेल प्रशिक्षक रखा गया है।
जेल से बाहर जाकर बेहतर भविष्य चुनेंगे बंदी
जेल प्रशासन के अनुसार जेल में रहने के दौरान भी बंदी अपने आप में व्यस्त हैं। साथ ही वह रोजगार परक प्रशिक्षण प्राप्त कर जब जेल से बाहर जाएंगे तो उनका यह गुण उनके भविष्य के लिए काम आएगा। वह एक बेहतर रोजगार चुन सकेंगे। इससे उम्मीद है कि बंदी जेल से बाहर जाने के बाद दोबारा अपराध का रास्ता न चुनकर अपना एक बेहतर भविष्य चुनेंगे।क्या कहते हैं अधिकारी
जेलर एके कुशवाहा ने बताया कि लिटिल फ्लावर पॉलिटेक्निक स्कूल की ओर से जेल के बंदियों को इलेक्ट्रिक से संबंधित प्रशिक्षण दी जा रही है। पूरा होने के बाद प्रशिक्षण प्राप्त बंदियों से कार्य लिया जाएगा। इससे जेल से बाहर जाने तक वह भूलेंगे नहीं और प्रशिक्षण का रिविजन होता रहेगा।
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