गोरखपुर जंक्शन सहित 55 अमृत भारत स्टेशनों को चमकाने की तैयारी, मिलेगी एयरपोर्ट जैसी हाई लेवल सुविधा
गोरखपुर जंक्शन को 50 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर सिटी सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है जहां यात्रियों को एयरपोर्ट की तरह सभी उच्चस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी। जंक्शन पर ही बजट होटल और रेस्तरां की सुविधा मिल जाएगी। यात्री मल्टीप्लेक्स में मूवी का आनंद उठा सकेंगे। गोरखपुर कैंट स्टेशन का भी कायाकल्प हो रहा है।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखपुर जंक्शन सहित पूर्वोत्तर रेलवे के 55 अमृत भारत स्टेशनों का कायाकल्प होगा। स्टेशनों के विकास के लिए बजट में 345.50 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। ऐसे में निर्माण कार्यों में तेजी आएगी। कार्य गुणवत्ता के साथ समय से पूरे होंगे।
गोरखपुर जंक्शन के पुनर्विकास के अंतर्गत निर्माण की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। नामित कार्यदायी एजेंसी ने मृदा परीक्षण शुरू कर दी है। जंक्शन के उत्तर दिशा की तरफ स्थित मैकेनाइज्ड लाउंड्री को हटाने की प्रक्रिया भी आरंभ कर दी गई है। लाउंड्री अब न्यू वाशिंग पिट में स्थापित होगी।
गोरखपुर जंक्शन के लिए 498 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत
गोरखपुर जंक्शन का पुनर्विकास रेलवे प्रशासन की प्राथमिकताओं में है। पुनर्विकास के लिए रेल मंत्रालय ने 498 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। महाप्रबंधक सौम्या माथुर की पहल पर निर्माण कार्य के लिए दिसंबर में एजेंसी नामित करने के बाद जनवरी से निर्माण कार्य की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
गोरखपुर जंक्शन को 50 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर सिटी सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां यात्रियों को एयरपोर्ट की तरह सभी उच्चस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी। जंक्शन पर ही बजट होटल और रेस्तरां की सुविधा मिल जाएगी। यात्री मल्टीप्लेक्स में मूवी का आनंद उठा सकेंगे।
मनमाफिक खरीदारी भी कर सकेंगे। जंक्शन पर प्रतिदिन 168000 यात्री आवागमन कर सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सात जुलाई 2023 को अपने हाथों से जंक्शन के पुनर्विकास की आधारशिला रखी थी। इसके अलावा चिन्हित अमृत भारत स्टेशनों के पुनर्विकास का भी शिलान्यास किया था। जिसमें पूर्वोत्तर रेलवे के बस्ती, देवरिया, बलिया, मऊ, आजमगढ़ और आनंदनगर आदि स्टेशन शामिल हैं।
पूर्वोत्तर रेलवे के चिह्नित अमृत भारत स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए 433 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत है। विकास के बाद अमृत भारत स्टेशनों पर स्थानीय कला एवं संस्कृति झलकेगी, जहां यात्रियों को उच्चस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी। स्टेशन पर उतरते ही यात्रियों को क्षेत्रीयता का अहसास होगा।
सैटेलाइट स्टेशन बनाने के लिए कैंट को मिले एक करोड़
गोरखपुर कैंट स्टेशन का भी कायाकल्प हो रहा है। कैंट को सैटेलाइट स्टेशन के रूप में विकसित करने के लिए बजट में एक करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। निर्माण कार्य अंतिम चरण हैं। 20 करोड़ रुपये की लागत से कैंट को सैटेलाइट स्टेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है।
कार्य पूरा होते ही स्टेशन पर ट्रेनों की क्षमता बढ़ जाएगी। यात्री ट्रेनों के साथ मालगाड़ियों का संचालन भी बेहतर हो जाएगा। कैंट से ही वाराणसी, छपरा और नौतनवां रूट की पैसेंजर, इंटरसिटी व मेमू ट्रेनें चलने लगेंगी। गोरखपुर जंक्शन का लोड कम होगा।