Move to Jagran APP

खिचड़ी मेला और सरयू महोत्सव को राष्ट्रीय पलट पर चमकाने की तैयारी, उत्सव पोर्टल पर अपलोड की जाएगी जानकारी

गोरखनाथ मंदिर में लगने वाला खिचड़ी मेला गोरखपुर महोत्सव और सरयू महोत्सव अब राष्ट्रीय पलट पर चमकेगा। इसके लिए भारत सरकार के उत्सव पोर्टल पर देश भर के प्रमुख आयोजनों की जानकारी अपलोड की जाएगी। सरकार की मंशा मेगा उत्सव की तरह इन आयोजनों को प्रचारित करने की योजना है।

By Pragati ChandEdited By: Updated: Tue, 30 Aug 2022 06:43 PM (IST)
Hero Image
राष्ट्रीय पटल पर चमकेगा खिचड़ी मेला, सरयू महोत्सव, गोरखपुर महोत्सव। (फाइल)
गोरखपुर, डॉ. राकेश राय। गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple) के खिचड़ी मेले (Khichdi Mela), बड़हलगंज के सरयू महोत्सव (Saryu Mahotsav) और गोरखपुर महोत्सव (Gorakhpur Mahotsav) की आंचलिक लोकप्रियता तो पहले से ही है, अब इसे राष्ट्रीय पटल पर चमकाने की तैयारी भी चल रही है। देश भर के मेलों और महोत्सवों के प्रचार-प्रचार को लेकर बनाई गई राष्ट्रीय स्तर की योजना के जरिये ऐसा होने जा रहा है। योजना के तहत इस मेले और महोत्सव को भारत सरकार के उत्सव पोर्टल (Utsav Portal) पर अपलोड किया जाएगा, जिससे देश भर के इच्छुक लोग इनमें अपना प्रतिभाग सुनिश्चित करा सकें या निर्धारित तिथि पर पहुंचकर इसका आनंद उठा सकें। इसके पीछे सरकार का मकसद देश भर के महत्वपूर्ण मेले और उत्सव की जानकारी राष्ट्रीय पटल पर उपलब्ध कराना है।

भारत सरकार के पोर्टल पर अपलोड की जाएगी जानकारी

भारत सरकार की मंशा को पूरा करने के लिए राज्य पर्यटन निदेशालय ने उत्सव पोर्टल पर प्रदेश के 75 जिलों के 228 मेले-महोत्सवों को अपलोड करने की योजना बनाई है। ऐसे में हर जिले से कम से कम तीन मेले-महोत्सव की जानकारी अपलोड की जानी है। इसी क्रम में जब गोरखपुर के क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय से जानकारी मांगी गई तो यहां से जिन मेले-महोत्सवों का नाम निदेशालय को भेजा गया है, उनमें गोरखनाथ मंदिर में मकर संक्रांति के अवसर पर लगने वाले खिचड़ी मेला, बड़हलगंज में आयोजित होने वाला सरयू महोत्सव और गोरखपुर महोत्सव शामिल है। विभाग ने इन तीनों आयोजनों के महत्व और प्रारूप की विस्तार से जानकारी निदेशालय को दी है, जिससे लोग इसके बारे में पोर्टल के जरिये घर बैठे ही जान सकें।

इन उत्सवों को किया गया है शामिल

गोरखनाथ मंदिर परिसर में लगने वाला खिचड़ी मेला मकर संक्रांति से शुरू होकर महाशिवरात्रि तक चलता है जबकि गोरखपुर महोत्सव ठीक इससे पहले हर वर्ष 11, 12 और 13 जनवरी को आयोजित होता है। बड़हलगंज के सरयू महोत्सव का आयोजन दिसंबर के मध्य में किया जाता है।

देवी-देवताओं के लाइव दर्शन की बन रही व्यवस्था

पर्यटन निदेशालय उत्सव पोर्टल के जरिये प्रदेश के सभी प्रमुख मंदिरों में स्थापित देवी-देवताओं के लाइव दर्शन की व्यवस्था भी बना रहा है। निदेशालय की ओर से पर्यटन विभाग को इस बाबत भी निर्देश प्राप्त हुआ है। निदेशक अश्वनी कुमार पांडेय ने प्रदेश के सभी क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह मंदिर के ट्रस्टियों या पुजारियों से संपर्क कर लाइव दर्शन की सुविधा उत्सव पोर्टल के जरिये श्रद्धालुओं के लिए सुनिश्चित कराएं। निर्देश मिलने के बाद क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी मंदिरों के प्रबंधन से संपर्क करने में जुट गए हैं।

अधिकारी बोले

गोरखपुर के क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी रवींद्र कुमार मिश्र ने बताया कि उत्सव पोर्टल पर अपलोड करने के लिए जिले के तीन महत्वपूर्ण मेला-महोत्सव की जानकारी मांगी गई थी। इस क्रम में खिचड़ी मेला, गोरखपुर महोत्सव और सरयू महोत्सव की जानकारी भेज दी गई है। लाइव दर्शन को लेकर मिले निर्देश के पालन के क्रम में मंदिर प्रबंधन से संपर्क साधा जा रहा है। पूरी कोशिश है कि उत्सव पोर्टल के जरिये देश के किसी कोने में बैठे श्रद्धालु को अपने आराध्य देव का दर्शन कराया जा सके।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।