गोरखपुर में 'कातिल' हाथी ने फिर मचाया उत्पात, चार लोगों की जान ले चुका गंगाराम हुआ मदमस्त, महावत को पटका
गोरखपुर में दो घटना में चार लोगों की जान ले चुका हाथी गंगाराम एक बार फिर मदमस्त हो गया है। शुक्रवार की भोर में उसने महावत को पटक दिया जिससे वह घायल हो गया। चिकित्सकों के अनुसार उसके कमर की हड्डी टूट गई है। महावत का इलाज मेडिकल कालेज में चल रहा है। महावत मुस्तकीन उर्फ मंगू बड़हलगंज के साखूखोर का रहने वाला है।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। दो घटनाओं में चार लोगों की जान ले चुका हाथी गंगाराम फिर मदांध हो बिदक गया। विनोद वन में शुक्रवार को भोर में उसने महावत को पटक दिया, जिससे उसका कंधा टूट गया है। महावत को बीआरडी मेडिकल कालेज में भर्ती कराने के बाद हाथी को काबू में करने का प्रयास शुरू हुआ।
आठ घंटे की मशक्कत के बाद डीएफओ विकास यादव के नेतृत्व में वन विभाग, दमकल और पशु चिकित्सकों की टीम टैंकुलाइज कर उसे काबू कर पाई। इस बीच आसपास के गांवों में लोग हाथी के बाहर आने की आशंका से डरे रहे।
एहतियातन नंदानगर के पास बैरिकेडिंग कर कसया हाईवे को सुबह 11:30 से 2:30 बजे तक पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया। इस बीच सभी वाहनों को देवरिया मार्ग पर कड़जहां फोरलेन से कुशीनगर की तरफ भेजा गया। विनोद वन में रखा गंगाराम एक सप्ताह से मदमस्त है। वह महावत को देखकर आक्रामक हो जा रहा था।
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गुरुवार की सुबह उसने आगे के पैर में बंधी जंजीर को तोड़ दिया था। महावत ने बांधने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे। शुक्रवार भोर में उसने पीछे के पैर में बंधे जंजीर को भी तोड़ दिया। वहां मौजूद महावत मुस्तकीन जंजीर बांधने गया तो हाथी ने उसे पटक दिया।
किसी तरह से अन्य महावतों ने खींचकर उसकी जान बचाई। घटना की सूचना पर सुबह छह बजे पहुंचे अधिकारी हाथी को काबू में लाने के लिए ट्रैंकुलाइजर गन से बेहोशी की दवा देने की कोशिश में लग गए। डीएफओ विकास यादव के अनुसार पशु चिकित्साधिकारी डा. योगेश प्रताप सिंह ने बेहोशी की पहली सुई एक बजे दी। इसके बाद भी हाथी काबू में नहीं आया।
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करीब एक घंटे के इंतजार के बाद डाक्टर ने 02:02 बजे ट्रैंक्युलाइजर गन से दूसरी सुई दी। इसके 18 मिनट बाद हाथी शांत हुआ। महावतों ने हाथी को रस्सा और जंजीर से पूरी तरह बांध दिया। एसडीओ हरेन्द्र सिंह ने बताया कि बेहोशी की सुई लगने के 45 मिनट बाद हाथी को होश आ गया। वह स्वस्थ है और भोजन कर रहा है।