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UP Lok Sabha Election: खुली किताब है गोरखपुर, यहां का विकास देख हर कोई होता है हैरान, पढ़ि‍ए यह Ground Report

गोरक्ष पीठ। यहीं से मिलती है उस गोरखपुर को पहचान जो गोरक्षपीठाधीश्वर व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ भी है। गोरखपुर संसदीय क्षेत्र को भाजपा का किला माना जाता है। बीते लगभग 35 वर्षों में केवल एक बार को छोड़कर यह सीट भाजपा के ही पास रही है। यहां से इस बार भी भाजपा ने फिल्म कलाकार रविकिशन शुक्ल को ही दोहराया है जो कि वर्तमान सांसद भी हैं।

By Rajnish Kumar Tripathi Edited By: Vivek Shukla Updated: Thu, 30 May 2024 09:55 AM (IST)
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गोरखपुर लोकसभा में भोजपुरी बोली को पूरा सम्मान मिलता है। जागरण
यह जो पूरा संसदीय क्षेत्र गोरखपुर है न, वस्तुत: खुली किताब की तरह सामने आता है और आपके दिल-ओ-दिमाग पर छा जाता है। दूसरे लोकसभा क्षेत्रों के मुकाबले यहां का मतदाता कुछ ज्यादा मुखर है। धुर पूरब के इस संसदीय क्षेत्र में भोजपुरी बोली को पूरा सम्मान मिलता है।

इसी का परिणाम है कि यहां भाजपा ने चुनावी मैदान में एक बार फिर उतारा है भोजपुरी सिनेमा से अपनी पहचान बनाने वाले रविकिशन को। हालांकि, यहां लोग एक ही नाम जानते हैं, योगी आदित्यनाथ का। गोरखपुर से बरेली के संपादकीय प्रभारी जय प्रकाश पांडेय की रिपोर्ट...

गोरक्ष पीठ। यहीं से मिलती है उस गोरखपुर को पहचान जो गोरक्षपीठाधीश्वर व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ भी है। गोरखपुर संसदीय क्षेत्र को भाजपा का किला माना जाता है। बीते लगभग 35 वर्षों में केवल एक बार को छोड़कर यह सीट भाजपा के ही पास रही है।

यहां से इस बार भी भाजपा ने फिल्म कलाकार रविकिशन शुक्ल को ही दोहराया है, जो कि वर्तमान सांसद भी हैं। आइएनडीआइए की ओर से काजल निषाद चुनाव मैदान में हैं, जो कि अभिनेत्री भी हैं। काजल दो बार विधानसभा और एक बार महापौर का चुनाव लड़ चुकी हैं, उन्हें अभी पहली चुनावी विजय की प्रतीक्षा है। बहुजन समाज पार्टी की ओर से यहां जावेद सिमनानी ताल ठोंक रहे हैं।

गोरक्ष पीठ के अलावा माया बाजार, रामगढ़ ताल और गोलघर आदि ऐसे स्थान हैं जहां गोरखपुर का दिल धड़कता है। गोरखपुर के कुछ पुराने मोहल्लों में से एक माया बाजार में ही स्थित है विश्वप्रसिद्ध गीता प्रेस। यहां का अद्भुत लीला चित्र मंदिर आपको सम्मोहित कर लेता है। माया बाजार में ही मिलते हैं एडवोकेट राधेश्याम गुप्ता।

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कैसा चल रहा है चुनाव, इस प्रश्न का उत्तर गुप्ता जी हंसकर केवल एक शब्द में देते हैं, बाबा। अर्थात, हमने उनसे और ज्यादा जानना चाहा तो उन्होंने स्पष्ट किया कि यहां जिस शहर में आप खड़े हैं, वहां इस बात से अब कोई फर्क नहीं पड़ता कि प्रत्याशी कौन है क्योंकि यहां केवल एक ही चेहरा है, योगी बाबा का।

रामगढ़ ताल। यह क्षेत्र गोरखपुर की नई पहचान बनता जा रहा है। पानी से लबालब विशाल ताल के किनारों को इतनी सुंदरता से बनाया और सजाया गया है कि अब लोग शाम को यहीं टहलने आते हैं। यहीं मिलते हैं सोरहिया टोला के अनुज कुमार।

चुनाव किधर जा रहा है अनुज बाबू, इस प्रश्न के उत्तर में अनुज बताते हैं कि ये जो सामने आप ताल देख रहे हैं और उसके पार पूरा नवनिर्माण, यह बदलते गोरखपुर की तस्वीर है। यह जो ताल के इर्द-गिर्द आप सैकड़ों लोगों को घूमते-टहलते और खाते-पीते देख रहे हैं, यह भी बदलते गोरखपुर की ही तस्वीर है।

ऐसे में आप सहज अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां चुनाव कैसा चल रहा है। हालांकि वहीं टहल रहे साफा कारोबारी मुफ्तार और जीवन बीमा का काम करने वाले नदीम अनुज कुमार की बातों से सहमति नहीं रखते। मुफ्तार और नदीम यह तो मानते हैं कि विकास कार्य हुए हैं और हो भी रहे हैं लेकिन महंगाई और बेरोजगारी का हवाला देते हुए दोनों अपेक्षा करते हैं कि सरकार को इस ओर भी गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।

इसके उलट लखनऊ से गोरखपुर शहर की ओर आते समय रास्ते में एक टोल बूथ के पास है सुमिरन प्रजापति की चाय वाली दुकान। सुमिरन का दावा है कि इलाके में उनसे अच्छी चाय कोई नहीं बनाता। उनका सोच साफ है कि अब उनके पास घर है, राशन भी मिलता है और बीमार पड़ने पर मुफ्त उपचार भी होता है, जीने को भला और क्या चाहिए। अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए चाय की दुकान है ही।

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बात विकास की, राज कानून का

राप्ती और कुआनो जैसी नदियों का प्रवाह क्षेत्र गोरखपुर गढ़ है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का। गर्मी के बीच इन दिनों चुनावी ताप से गरम इस संसदीय क्षेत्र में विकास के कई कार्य हो रहे हैं। इनमें सड़कों का चौड़ीकरण और नगर का सुंदरीकरण मुख्य है। इसी क्रम में शहर की ट्रांसपोर्ट नगर पुलिस चौकी के पास बन रहा लगभग पौने तीन किलोमीटर लंबा फोरलेन फ्लाईओवर लखनऊ, वाराणसी अथवा प्रयागराज से गोरखपुर शहर में प्रवेश करने वाले वाहनों के लिए वरदान साबित होगा।

इस फ्लाईओवर के दोनों ओर सिक्स लेन की सड़क के लिए इन दिनों काम युद्धस्तर पर जारी है। अब चलते हैं शहर के मध्य बाल विहार स्थित अनपढ़ चाय वाला के यहां। दुकान का यह नाम लोगों को खींचता है। दुकान पर मौजूद रामधनी मौर्या बताते हैं कि वो विद्यार्थियों को दस प्रतिशत कम दर पर सामान देते हैं।

यहीं मुलाकात होती है इस बार पहली बार मताधिकार का प्रयोग करने जा रहे छात्र नवीन कुमार से। किस मुद्दे को सामने रखकर आप वोट डालेंगे नवीन जी, इस प्रश्न के उत्तर में नवीन दो टूक कहते हैं, विकास और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर।

एक नजर में

- कुल मतदाता : 2074803

- सांसद महंत अवेद्यनाथ : 1989, 1991, 1996

- सांसद योगी आदित्यनाथ : 1998, 1999, 2004, 2009, 2014

- सांसद प्रवीण निषाद : 2018

- सांसद रवि किशन शुक्ला : 2019

- योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद 2018 में गोरखपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ। उस समय सपा, बसपा और निषाद पार्टी ने संयुक्त रूप से प्रवीण निषाद को प्रत्याशी बनाया जो कि डा. संजय निषाद के बेटे हैं। यह चुनाव प्रवीण ने जीता जिन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव के पूर्व भाजपा ने अपने गठबंधन में शामिल करते हुए संतकबीर नगर से प्रत्याशी बनाया। प्रवीण ने संतकबीर नगर में भी दो बार के सांसद रहे बसपा प्रत्याशी कुशल तिवारी को हराकर अपनी दूसरी जीत दर्ज की थी।

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