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Gorakhpur Master Plan 2031: लोगों को रास नहीं आया नया गोरखपुर, 11 हजार लोगों ने की आपत्ति

Gorakhpur Master Plan 2031 जीडीए की महायोजना 2031 पर ग्यारह हजार से अधिक आपत्तियां आई हैं। सबसे अधिक आपत्तियां नये विस्तारित क्षेत्र से आई हैं। आपत्तियों पर सुनवाई के लिए इसी सप्ताह तिथि तय की जाएगी। सुनवाई के बाद आपत्तियों का निस्तारण होगा।

By Jagran NewsEdited By: Pradeep SrivastavaUpdated: Tue, 08 Nov 2022 09:03 PM (IST)
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गोरखपुर विकास प्राधिकरण का कार्यालय। - फाइल फोटो
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की महायोजना 2031 के प्रारूप पर आई आपत्तियों को लेकर सुनवाई इसी सप्ताह शुरू होने वाली है। प्रवृत्ति के अनुसार आपत्तियों को अलग-अलग समूहों में बांट लिया गया है और अब एक से दो दिन में सुनवाई की तिथि घोषित हो जाएगी। माना जा रहा है कि 15 दिन में सुनवाई पूरी हो जाएगी और एक महीने के भीतर जीडीए बोर्ड से पास कराकर महायोजना को शासकीय समिति के पास भेज दिया जाएगा।

विस्तारित क्षेत्र की हैं अधिकांश आपत्तियां

जीडीए की महायोजना के प्रारूप पर करीब सवा महीने में 11 हजार से अधिक आपत्तियां प्राप्त हुई हैं। अधिकतर आपत्तियां विस्तारित क्षेत्र को लेकर हैं। वन क्षेत्र के आसपास निर्माण पर रोक, प्राकृतिक नालों के आसपास निर्माण पर रोक, हाइवे फैसिलिटी जोन आदि को लेकर खूब आपत्तियां डाली गई हैं। कई दिनों तक नगर नियोजक की टीम एक तरह की आपत्तियों को अलग-अलग करने में जुटी रही। एक तरह की आपत्तियां करने वाले सभी लोगों को एक साथ ही सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा। जीडीए सभागार में सुनवाई होगी। एक साथ करीब 100 लोग सभागार में बैठ सकेंगे। जीडीए उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर जल्द ही सुनवाई की तिथि की घोषणा कर सकते हैं।

सुनवाई के बाद करेंगे आपत्तियों का निस्तारण

आपत्तियों पर सुनवाई के दौरान आपत्ति करने वालों को बुलाया जाएगा। सुनवाई पूरी होने के बाद इन आपत्तियों पर जीडीए उपाध्यक्ष की अध्यक्षता वाली समिति निर्णय लेगी। इसकेे बाद महायोजना के प्रारूप में जरूरी संशोधन करने के साथ इसे जीडीए बोर्ड की बैठक में स्वीकृति के लिए रखा जाएगा। बैठक में स्वीकृति मिलने के बाद प्राधिकरण इसे शासकीय समिति को भेज देगा। शासकीय समिति से स्वीकृति के बाद महायोजना 2031 का प्रकाशन कराया जाएगा और उसी समय से इसे लागू मान लिया जाएगा।

महायोजना के प्रारूप पर आई आपत्तियों को उनकी प्रवृत्ति के अनुसार अलग-अलग कर लिया गया है। जल्द ही सुनवाई की तिथि घोषित कर दी जाएगी। एक महीने के भीतर महायोजना को शासकीय समिति के पास भेज देने का लक्ष्य है। - महेंद्र सिंह तंवर, उपाध्यक्ष, जीडीए।

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