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गोरखपुर महायोजना-2031: वैध होंगे आवास, नक्शा भी हो सकेगा पास, भारी-भरकम धनराशि देने से मिलेगी मुक्ति

गोरखपुर में विनियमितीकरण से जुड़े अन्य क्षेत्रों में शमन कर निर्माण नियमित करने को कहा गया था। इसी क्रम में बीआरडी मेडिकल कालेज के दक्षिण में स्थित 30 मीटर की सड़क को विलोपित न करने को भी कहा गया था। जीडीए बोर्ड ने इन सुझावों को नहीं माना और रिपोर्ट शासकीय समिति को भेज दी। लेकिन शासकीय समिति ने महायोजना को इन्हीं शर्तों के साथ अनुमोदित किया।

By Umesh Pathak Edited By: Vivek Shukla Updated: Thu, 07 Mar 2024 10:21 AM (IST)
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गोरखपुर महायोजना 2031 के लिए प्रस्तावित नक्शा।
जासं, गोरखपुर। लंबे समय से शहर क्षेत्र में लगभग ढाई हजार एकड़ क्षेत्रफल ऐसा था, जिसे विनियमित नहीं किया गया था। इन क्षेत्रों को लेकर जब भी कोई मानचित्र का आवेदन आता था तो ‘विनियमितीकरण की प्रत्याशा’ में नोट लगाकर उसे वापस कर दिया जाता था। इसी बीच ऐसे क्षेत्र में कई कालोनियां विकसित होती गईं।

2001 की महायोजना के अनुसार, बड़ा भूभाग हरित क्षेत्र भी था। हरित क्षेत्र में भी काफी निर्माण हुए हैं। ऐसा क्षेत्र भी था जिसमें भू उपयोग आवासीय था, यहां भी मानचित्र नहीं पास हो पाता था। जैसे-तैसे लोगों ने यहां मकान बनवा लिए लेकिन जीडीए की ओर से उनके निर्माण अवैध बताते हुए नोटिस जारी कर दिया गया था।

आठ हजार से अधिक नोटिसों पर आगे की प्रक्रिया भी जारी थी लेकिन अब सभी नोटिस वापस ले लिए जाएंगे। महायोजना के बाद आवास वैध होंगे और नक्शा भी पास हो सकेगा। जीडीए के क्षेत्र में हुए विस्तार एवं बढ़ती जनसंख्या के हित में नियोजित विकास के लिए नई महायोजना तैयार की गई। महायोजना के प्रारूप पर शासकीय समिति ने कुछ बिन्दुओं पर सुझाव दिए।

सुझावों में नदियों के किनारे बाढ़ग्रस्त क्षेत्र को मनोरंजनात्मक (रिक्रिएशनल) करने के प्रस्ताव को वापस लेने को कहा गया था। विनियमित किए गए ऐसे क्षेत्र, जहां 2001 की महायोजना के अनुसार हरित क्षेत्र था और जमीन खाली थी, वहां पौधे लगाने को कहा गया था। इसका खर्च यहां मकान बनवाने वालों से वसूल करने को कहा गया था।

विनियमितीकरण से जुड़े अन्य क्षेत्रों में शमन कर निर्माण नियमित करने को कहा गया था। इसी क्रम में बीआरडी मेडिकल कालेज के दक्षिण में स्थित 30 मीटर की सड़क को विलोपित न करने को भी कहा गया था। जीडीए बोर्ड ने इन सुझावों को नहीं माना और रिपोर्ट शासकीय समिति को भेज दी। लेकिन शासकीय समिति ने महायोजना को इन्हीं शर्तों के साथ अनुमोदित किया।

शर्तें होने के कारण विनियमितीकरण के निर्णय से लोगों को राहत नहीं मिल पा रही थी। ऐसे में जीडीए की ओर से इन शर्तों को वापस लेने का अनुरोध किया गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में भी इसको लेकर बैठक हुई थी। बैठक के बाद शासन ने शर्तों को हटाने के लिए जीडीए बोर्ड में नीति बनाने को कहा गया था।

एक सप्ताह के भीतर समिति बनाकर संस्तुति ली गई और परिचालन (बाई सर्कुलेशन) पद्धति से हुई बोर्ड बैठक में इसको लेकर निर्णय लिया गया। मनोरंजनात्मक क्षेत्र को लेकर सिंचाई विभाग से रिपोर्ट लेकर महायोजना 2031 (पुनरीक्षित) में दर्ज कर लिया गया है। विनियमितीकरण वाले मामले में जीडीए उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। कमेटी की रिपोर्ट पर प्राधिकरण बोर्ड निर्णय लेगा।

उम्मीद जताई जा रही है कि इस क्षेत्र में न्यूनतम शुल्क लेकर निर्माण नियमित किए जाएंगे। तब तक इस क्षेत्र में सभी गतिविधियां स्थगित रहेंगी और विनियमित क्षेत्र में मानचित्र पास नहीं हो सकेगा। अन्य क्षेत्रों में नई महायोजना के मुताबिक गुरुवार से मानचित्र के लिए आवेदन किया जा सकेगा।

बीआरडी मेडिकल कालेज के दक्षिण में प्रस्तावित 30 मीटर सड़क के मामले में भी कमेटी गठित थी। कमेटी के सुझाव पर इस सड़क की चौड़ाई 18 मीटर रखने का निर्णय लिया गया है। नई महायोजना प्रभावी होने के साथ ही गोरखपुर रिंग रोड बाईपास के भीतर पूरे क्षेत्र में भू उपयोग निर्धारित हो गया है। बाईपास के दूसरी ओर भी कुछ क्षेत्रों में भू उपयोग प्रभावी किया गया है।

महायोजना 2031 एक नजर में

  • 1977 में जीडीए का क्षेत्रफल : 17133 हेक्टेयर
  • महायोजना 2021 का क्षेत्रफल : 9545 हेक्टेयर
  • 2020 में विस्तार के बाद जीडीए का क्षेत्रफल : 64 हजार हेक्टेयर
  • महायोजना का क्षेत्रफल : 20 हजार हेक्टेयर
  • जीडीए क्षेत्र की वर्तमान जनसंख्या : 14 लाख
  • अगले 10 वर्ष में प्रस्तावित जनसंख्या : 25 लाख
  • 2047 तक अनुमानित जनसंख्या : 50 लाख
  • रामगढ़ताल की तर्ज पर नए पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने के लिए चिलुआताल के पास संस्थान, आवासीय गतिविधियों को अनुमति।
  • रामगढ़ताल के निकट अर्बन फारेस्ट का प्रविधान।
  • कालेसर-सोनौली मार्ग पर 498 हेक्टेयर में औद्योगिक गलियारा।
  • आवासीय, उच्च शिक्षा संस्थान, मेडिकल, वाणिज्यिक केंद्र के समुचित विकास के लिए 6000 एकड़ में नए गोरखपुर का प्रविधान।
यह है भू उपयोग की स्थिति

  • भू उपयोग प्रतिशत क्षेत्रफल हेक्टेयर में
  • आवासीय 45.139189.35
  • व्यावसायिक (बाजार स्ट्रीट सहित)13.392726.35
  • कार्यालय1.12227.35
  • सार्वजनिक व अर्द्ध सार्वजनिक7.261478.68
  • औद्योगिक 3.78769.12
  • यातायात व परिवहन13.772803.46
  • पार्क, खुले स्थल व हरित पट्टी10.553166.15
  • कुल100 20360.47
महायोजना 2031 की प्रमुख विशेषताएं

  • रिंग रोड केंद्रित विकास
  • हाईवे के 300 मीटर दूरी में हाईवे जोन भू उपयोग का प्रविधान।
  • रिंग रोड के किनारे ट्रांसपोर्टनगर, लाजिस्टिक पार्क जैसी गतिविधियों के लिए प्रविधान।
मंडलायुक्त अनिल ढींगरा ने कहा कि मुख्यमंत्री की पहल पर विनियमित क्षेत्र की बड़ी आबादी को राहत मिलने जा रही है। नई महायोजना गुरुवार को प्रभावी हो जाएगी। विनियमित क्षेत्र के आवास भी अब नियमित हो सकेंगे।

शासकीय समिति का सुझाव मानते तो देनी होती भारी-भरकम धनराशि

शासकीय समिति ने कहा था कि विनियमितीकरण के ऐसे क्षेत्र जहां ग्रीन बेल्ट है और जमीन अभी भी खाली है तो वहां मियावाकी पद्धति से पौधे लगाए जाएं और इसका खर्च हरित क्षेत्र में मकान बनवा चुके लोगों से वसूल किया जाए। इसके साथ ही मकानों को नियमित करने के लिए भी सामान्य नियमों का पालन करने को कहा गया था।

इससे पहले से बने मकान नियमित कराने में भारी-भरकम धनराशि खर्च करनी पड़ती। हाल ही में शासन ने इस शर्त पर निर्णय लेने को जीडीए बोर्ड को अधिकृत किया था। मंडलायुक्त अनिल ढींगरा की अध्यक्षता में परिचालन पद्धति से हुई बैठक में जीडीए उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई।

समिति में डीएम या उनके द्वारा नामित प्रतिनिधि, नगर आयुक्त, मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक उत्तर प्रदेश या उनका प्रतिनिधि, प्रभागीय वनाधिकारी, आवास आयुक्त के नामित प्रतिनिधि, मुख्य कोषाधिकारी, पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता, नगर निगम के मुख्य अभियंता एवं प्राधिकरण बोर्ड के गैर सरकारी सदस्य शामिल हैं। समिति की संस्तुति जल्द ही बोर्ड के समक्ष रखी जाएगी।

150 मीटर होगा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र

बाढ़ प्रभावित क्षेत्र को मनोरंजनात्मक क्षेत्र प्रस्तावित करने के मामले में शासन ने सिंचाई विभाग से रिपोर्ट लेने को कहा गया था। सिंचाई विभाग की ओर से जीडीए को रिपोर्ट दी गई है। उसमें नदी के तट से 150 मीटर क्षेत्र को बाढ़ प्रभावित कहा गया है। सिंचाई विभाग एक अन्य सर्वे करा रहा है।

इस सर्वे के बाद मनोरंजनात्मक क्षेत्र रखने पर निर्णय होगा। इस रिपोर्ट को महायोजना में शामिल किया गया है। धार्मिक स्थानों के पास प्रतिबंधित रहेगी ऊंचाई: शहर में स्थित धार्मिक स्थलों जैसे गोरखनाथ मंदिर, गीता वाटिका तथा विष्णु मंदिर के आसपास बहुमंजिला भवनों के निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी। जिससे इन स्थलों की प्राचीनता एवं ऐतिहासिकता अक्ष्क्षुण रहे।

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