यूपी के किसानों के लिए खुशखबरी! 15 दिन पहले मिल जाएगी मौसम की सटीक जानकारी; तहसीलों में लगाए जाएंगे AWS
गोरखपुर के किसानों के लिए खुशखबरी! अब उन्हें मौसम की सटीक जानकारी एक पखवाड़े पहले ही मिल जाएगी। आपदा विभाग ने सभी तहसीलों में दो स्थानों पर आटोमेटिक वेदर स्टेशन (एडब्ल्यूएस) और हर ब्लाक में चार स्थानों पर आटोमेटिक रेन गेज (एआरजी) लगाए हैं। इससे किसान खेती को लेकर अपनी योजना बना सकेंगे। विभिन्न विभागों के अधिकारियों की संयुक्त टीम इन उपकरणों का परीक्षण कर रही है।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। किसानों को एक पखवारे पहले ही पता चल जाएगा कि उनके क्षेत्र में मौसम कैसा रहेगा। आपदा विभाग की ओर से सभी तहसीलों में दो स्थानों पर आटोमेटिक वेदर स्टेशन (एडब्ल्यूएस) स्थापित किए गए हैं। इसके साथ ही हर ब्लाक में चार स्थानों पर आटोमेटिक रेन गेज (एआरजी) लगाए गए हैं।
एडब्ल्यूएस से मौसम का पूर्वानुमान बताया जाएगा तो एआरजी से वर्षा मापने में सहयोग मिलेगा। मौसम की सटीक जानकारी मिल जाने पर किसान खेती को लेकर अपनी योजना बना सकेंगे। विभिन्न विभागों के अधिकारियों की संयुक्त टीम इन उपकरणों का परीक्षण कर रही है। परीक्षण पूरा हो जाने के बाद इनका संचालन शुरू हो जाएगा।
मौसम के चलते खेती में समस्या का सामना करना पड़ता है। वर्षा का क्या हाल रहेगा, शीतलहर कब पड़ेगी आदि की जानकारी पहले मिल सकेगी। हवा की गति क्या होगी, इसके बारे में भी किसान जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
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अभी तक जिला स्तर पर यह उपकरण होने के कारण उन्हें औसत रूप से पूरे जिले के बारे में जानकारी मिलती थी लेकिन नई व्यवस्था में किसानों को उनके क्षेत्र के मौसम के बारे में जानकारी मिल सकेगी।
एडब्ल्यूएस हर तहसील क्षेत्र में न्यूनतम दो स्थानों पर लगाए गए हैं। कुल 16 एडब्ल्यूएस स्थापित किए गए हैं। इसी के सहारे मौसम का पूर्वानुमान बताया जाएगा। एआरजी 87 स्थानों पर लगाई गई है। हर ब्लाक में न्यूनतम चार स्थानों पर एआरजी लगाए गए हैं।
इसे भी पढ़ें-नेपाल में मुस्लिम महिलाओं को कट्टरता का पाठ पढ़ा रहा दावत-ए-इस्लामी, खोला गया है 'इंस्टीट्यूट'लोक निर्माण विभाग, मौसम विभाग एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों की टीम इन उपकरणों के परीक्षण में लगी है। तीन दिन से इसकी जांच की जा रही है। पहले दिन 11, दूसरे दिन नौ एवं तीसरे दिन 10 स्थानों पर जांच की गई है।
जिला आपदा विशेषज्ञ गौतम गुप्ता ने बताया कि किसानों को मौसम की सटीक जानकारी देने के लिए ये उपकरण लगाए गए हैं। अत्यधिक वर्षा की स्थिति में एआरजी संबंधित क्षेत्र में वर्षा की स्थिति के बारे में बताएगा, जिससे फसलों की क्षतिपूर्ति की प्रक्रिया को तेज किया जा सकेगा।
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