Gorakhpur News: नए बसे लोगों से नेपाल सीमा के पास बसने का कारण पूछेगी पुलिस, 17 बिंदुओं पर ली जा रही जानकारी
नेपाल सीमा पर भारतीय क्षेत्र में 10 किमी की परिधि में बसने वाले नेपाल सहित दूसरे जिले व राज्यों के लोगों का पुलिस पूरा ब्योरा जुटा रही है। यहां बसने का कारण निवास की अवधि आय का स्रोत आपराधिक रिकार्ड आदि 17 बिंदुओं पर उनसे जानकारी ली जा रही है। उत्तर प्रदेश से नेपाल की 570 किलोमीटर सीमा सटी है।
सतीश पांडेय, गोरखपुर। नेपाल सीमा पर भारतीय क्षेत्र में 10 किमी की परिधि में बसने वाले नेपाल सहित दूसरे जिले व राज्यों के लोगों का पुलिस पूरा ब्योरा जुटा रही है। यहां बसने का कारण, निवास की अवधि, आय का स्रोत, आपराधिक रिकार्ड आदि 17 बिंदुओं पर उनसे जानकारी ली जा रही है।
यहां आने के बाद ये लोग क्या करते हैं, किससे मिलते हैं, क्या व्यवसाय है, परिवारीजन के मोबाइल नंबर के साथ पूरी रिपोर्ट शासन को भेजनी है। इस पड़ताल का उद्देश्य सीमा क्षेत्र में देशविरोधी तत्वों की पहचान कर उन पर अंकुश लगाना है।
उत्तर प्रदेश से नेपाल की 570 किलोमीटर सीमा सटी है। इसमें महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत जिलों की सीमा नेपाल से लगती है। सुरक्षा के लिहाज यह सीमा अति संवेदनशील है।
पिछले दिनों खुफिया एजेंसियों ने 10 साल के भीतर नेपाल सीमा के पास बने 250 से अधिक मदरसों का सत्यापन कराया। इसमें सामने आया कि अधिकांश मदरसे बाहरी लोगों की मदद से बने हैं और बड़ी संख्या में बाहरी लोग आकर बसे भी हैं। इसमें कई ऐसे हैं जिनके बाद भारत व नेपाल की दोपहर नागरिकता है।
इस रिपोर्ट के आधार पर गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद सीमा क्षेत्र की बदलती डेमोग्राफी सहित तस्करी, घुसपैठ सहित देशविरोधी तत्वों पर अंकुश लगाने के लिए आपरेशन कवच चलाया जा रहा है। इसके तहत नेपाल सीमा से सटे 10 किलोमीटर की परिधि में स्थित गांव और कस्बे में स्थानीय थाना, एलआइयू (लोकन इंटेलीजेंस यूनिट) की टीम गांव में चौपाल लगा रही है।
प्रधान, चौकीदार के साथ ही भौगोलिक स्थिति का आकलन कर हाल के दिनों में नेपाल, उत्तर प्रदेश के दूसरे जिले और राज्य से आकर बसे लोगों का पूरा विवरण जुटाया जा रहा है। इन लोगों में जिनकी गतिविधि संदिग्ध होगी उनकी पुलिस के अलावा खुफिया एजेंसी व एसएसबी निगरानी करेगी।
आपरेशन कवच के तहत सीमा क्षेत्र से सटे थाने की पुलिस, एलआइयू (लोकन इंटेलीजेंस यूनिट) 10 किमी की परिधि में स्थित हर गांव में चौपाल लगा रही है। भौगोलिक स्थिति का सत्यापन कराया जा रहा है। सीमा क्षेत्र में आकर बसे नए लोगों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।
- अखिल कुमार, एडीजी जोन/नोडल नेपाल सीमा सुरक्षा
पूछे जाने वाले प्रमुख सवाल :
- किस देश/राज्य/जिले के रहने वाले हैं।
- परिवार का मुखिया कौन है ?
- जाति कौन सी है और मोबाइल नंबर क्या है?
- नेपाल सीमा के पास बसने की वजह ।
- कितने वर्ष से गांव या कस्बे में रहते हैं।
- राष्ट्रीय किस देश की रखते हैं।
- गांव के मतदाता सूची में नाम/राशन कार्ड है या नहीं।
- परिवार की जीविका का आधार का क्या है ?
- असमाजिक गतिविधि में अगर कोई शामिल हो तो उसका नाम।
- गांव/कस्बे में कितनी भूमि और मकान है ?
- अगर दोपहिया/चार पहिया वाहन हो तो उसका विवरण।
- किसी के घर पर रहते हों तो उसका नाम क्या है?
- जिसके घर रहते हैं उससे क्या संबंध हैं और कब से है?
- अपने देश/राज्य/जिले में कब आते-आते हैं।