Move to Jagran APP

गोरखपुर पुलिस ने बच्चा बेचने वाले गिरोह के एक और सदस्य को दबोचा, बदमाश के फोन से मिले 20 मासूमों की फोटो

पकड़ा गया आरोपित मनीष बांसगांव के हड़वा रामचन्द्र उर्फ आनंदपुरवा गांव का है। मनीष बच्चा बेचने का गिरोह संचालित करने वाले शेखर का करीबी है। मामले पकड़े जाने पर मुकदमा दर्ज होने की जानकारी होते ही वह फरार हो गया था।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Sun, 02 Oct 2022 02:28 PM (IST)
Hero Image
गोरखपुर पुलिस ने बच्चा बेचने वाले गिरोह के एक और सदस्य को दबोचा। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। अनाथ आश्रम की आड़ में बच्चा बेचने का गिरोह चलाने वाले शेखर के साथी मनीष मिश्रा को तिवारीपुर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया। इसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया जहां से जेल भेज दिया गया। अब तक पुलिस इस मामले में आठ लोगों को जेल भेज चुकी है। चार नामजद समेत सात आरोपितों की तलाश चल रही है।

फरार आरोपितों की तलाश में जुटी पुलिस

बांसगांव के हड़वा रामचंद्र उर्फ आनंदपुरवा गांव का रहने वाला मनीष मिश्रा मऊ जिले के मोहम्मदाबाद में अनाथ आश्रम चलाने वाले शेखर का करीबी है। मुकदमा दर्ज होने की जानकारी मिलने के बाद वह फरार हो गया। सर्विलास की मदद से तिवारीपुर थाना प्रभारी ने डोमिनगढ़ के पास गिरफ्तार किया। उसके मोबाइल फोन में 20 बच्चों के फोटो मिले, जिनके बारे में पुलिस जानकारी जुटा रही है। घटना में शामिल रहे गोरखनाथ के राजेंद्रनगर निवासी बदमाश अंकुर सिंह उसके साथी टुनटुन, रवि, छोटू समेत तीन अन्य की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है।

इसे भी पढ़ें, नफीसा की दो सहयोगियों को हिरासत में लेकर पूछताछ में जुटी गोरखपुर पुलिस, फर्जी केस में फंसा वसूली करता है गैंग

यह है मामला

शेखर तिवारी व उसके साथियों ने गोरखनाथ राजेन्द्र नगर इलाके में रहने वाली शायदा उर्फ गुड़िया के बेटे अंश को तीन लाख रुपये में बेचने का प्लान बनाया था। 26 सितंबर की रात शायदा को झांसा देकर बच्चे के साथ डोमिनगढ़ पुल पर ले आए और बच्चे को अगवा कर लिया। शोर मचाने पर जुटे आसपास के लोगों ने शेखर समेत तीन लोगों को पकड़ लिया। उसके साथी बच्चे को लेकर दूसरे गाड़ी से भाग निकले। शायदा की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर तिवारीपुर थाना पुलिस ने शेखर तिवारी, अनिल पासवान, जितेंद्र भारती , अनुराधा उर्फ गोल्डी उसकी मां पुष्पा देवी, अंकित मिश्रा और इलियाज खां को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।